बलोच आर्मी की तरह दुनिया में कौन-कौन से संगठन कर रहे काम, जिनका मकसद अपना अलग देश बनाना?
पाकिस्तान में सिर्फ बलूचिस्तान ही नहीं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों में ऐसे कई संगठन सक्रिय हैं, जो अपनी स्वायत्ता और आजादी की मांग कर रहे हैं. कुछ आंदोलन तो दशकों पुराने हैं.

पाकिस्तान इन दिनों बड़े संकट से जूझ रहा है, जिसकी वजह बलूचिस्तान है. बीते दिनों बलूच नेता मीर यार बलोच ने बलूचिस्तान की पाकिस्तान से आजादी तक की घोषणा कर दी थी. अब बलोच लड़ाके पाकिस्तान सरकार और यहां की आर्मी से अपने क्षेत्र की स्वायत्ता के लिए आर-पार की जंग लड़ रहे हैं. आए दिन पाकिस्तान आर्मी के काफिले पर हमले हो रहे हैं और कई पाकिस्तानी सैनिक अपनी जान गंवा रहे हैं.
पाकिस्तान से बलूचिस्तान को अलग देश घोषित करने का संघर्ष दशकों पुराना है, लेकिन हम दुनिया के अन्य संगठनों के बारे में भी जानेंगे जो लंबे समय से अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं और अलग देश की मांग कर रहे हैं. चलिए जानते हैं किन-किन देशों में अलग देश की मांग के लिए संगठन आंदोलन कर रहे हैं.
सिंध देश
पाकिस्तान में सिर्फ बलूचिस्तान ही नहीं, बल्कि यहां के सिंध प्रांत से भी बगावत के सुर फूटने लगे हैं. सिंध प्रांत के राष्ट्रवादी समूह और आम लोग पाकिस्तान सरकार की हुकूमत से परेशान होकर अलग देश की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सरकार पर मानवाधिकार उल्लंघन के भी गंभीर आरोप लगाए हैं. बीते दिनों यहां के एक बड़े समूह ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ और सिंध देश की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.
नेपाल में हिंदू राष्ट्र की मांग
नेपाल लंबे समय तक दुनिया का अकेला हिंदू राष्ट्र रहा और यहां राजशाही व्यवस्था थी. हालांकि, करीब दो दशक पहले यहां गणतंत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ और 2008 में राजशाही व्यवस्था खत्म हुई. इसके बाद नेपाल का संविधान भी बना. हालांकि, इस देश में एक बार फिर हिंदू राष्ट्र की मांग उठने लगी है. नेपाल में राजशाही समर्थक लगातार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और फिर से राजशाही व्यवस्था की मांग कर रहे हैं. यह आंदोलन भी हिंसक होता जा रहा है.
मध्य पूर्व में कुर्दिस्तान की मांग
मध्य पूर्व में कुर्दिस्तान की मांग दशकों पुराना मुद्दा है. तुर्की, ईरान, सीरिया और इराक के पहाड़ों और सीमाई इलाकों में बीस कुर्द आबादी लंबे समय से अलग राष्ट्र कुर्दिस्तान की मांग कर रही है और इसके लिए हिंसक आंदोलन भी चला रही है. कुर्द लड़ाके तुर्किए, ईरान और इराक सरकार के लिए भी सिरदर्द बने हुए हैं. अकेले ईरान में ही कुर्दों की आबादी 80 लाख से 1.2 करोड़ तक बताई जाती है.
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