जून की बारिश में घर में बढ़ जाती है सीलन लेकिन जुलाई-अगस्त में हो जाती है खत्म, ऐसा क्यों? जानिए इसका साइंस
Moisture In Monsoon: मानसून के मौसम में घरों में दीवारों या फर्श पर नमी नमी आ जाती है. इस वजह से दीवारें होने लगती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर ये अगस्त तक खत्म क्यों हो जाती है.

देश में मानसून आ चुका है और अब यह सभी जगह धीरे-धीरे पहुंच रहा है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश होने की संभावना है. यह लगभग पूरे उत्तर भारत को कवर कर चुका है. अभी तो उत्तर के अरब सागर में इसके हालात अनुकूल बने हुए हैं. अब यह धीरे-धीरे राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी पहुंचने वाला है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बचे हुए हिस्से जैसे कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू तक भी मानसून पहुंच जाएगा. बारिश देश के लिए तो अच्छी होती है, लेकिन इस मौसम में घर में नमी और सीलन आने लगती है. लेकिन यह अगस्त तक खत्म हो जाती है. चलिए इसका साइंस से कनेक्शन जानते हैं.
अगस्त तक बदल जाता है मौसम का पैटर्न
बारिश का मौसम हर किसी को पसंद आता है, लेकिन इस वजह से मौसम में नमी और सीलन परेशान करती है. इस वजह घरों की दीवारें और लकड़ी खराब होने लगती है और घर में बदबू भी आती है. इस वजह से घर के लोग बीमार भी पड़ सकते हैं. लेकिन आपने ध्यान दिया होगा तो जुलाई के लास्ट तक या फिर अगस्त में सीलन खत्म भी हो जाती है. कई लोग इससे बचने के लिए तमाम उपाय करते हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं मिलता है. बारिश खत्म होने के साथ-साथ मानसून की तीव्रता खत्म हो जाती है और बारिश का पैटर्न बदल जाता है.
क्यों खत्म हो जाती है सीलन
जून में भारी बारिश की वजह से नमी और पानी की मात्रा बढ़ जाती है, इससे सीलन की समस्या होने लगती है. वहीं जुलाई और अगस्त में बारिश का वितरण अनियमित हो सकता है और इस वजह से कुछ क्षेत्रों में बारिश ज्यादा हो सकती है और कुछ क्षेत्रों में कम हो सकती है. इसके अलावा हवा की दिशा भी बदल जाती है, जिससे कि नमी कम हो सकती है और सीलन की समस्या कम हो जाती है. सीलन खासतौर से उन घरों में आती है, जो कि अच्छी तरह से इन्सुलेटेड नहीं हैं या फिर जिनकी दीवारों में दरारें हैं.
वाष्प बनकर उड़ती है नमी
बारिश के बैद जैसे-जैसे मौसम ठीक होता है तो तापमान बढ़ जाता है, जिससे कि नमी वाष्प बनकर उड़ जाती है और हवा की दिशा नमी को सुखाने में मदद करती है. इस वजह से सीलन कम हो जाती है.
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