जंग में ऐसे बाजी पलट देती है इजरायल की एजेंसी मोसाद, सीधे छाती पर करती है वार
Israel Intelligence Agency Mossad: मोसाद इजराइल की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी है. इस एजेंसी के कारनामे ऐसे खतरनाक हैं, जिससे दुश्मन थर-थर कांपता है. दुश्मनों के लिए तो मोसाद का नाम ही काफी है.

अगर आप किसी से दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी की बात करें तो उनकी लिस्ट में इजराइल की मोसाद का नाम जरूर शामिल होगा. मोसाद ने अपना यह नाम ऐसे ही नहीं कमाया है, उसने इतने खतरनाक ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है, जिससे दुनिया और इजराइल के दुश्मन इससे थर-थर कांपते हैं. कुछ समय पहले जब अमेरिका में इजराइली दूतावास के बाहर दो कर्मचारियों की हत्या कर दी गई, तब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई.
दुनिया गवाह है कि इजराइल के खिलाफ खून की कीमत खून से ही चुकानी पड़ती है. इस काम में इजराइल की मदद करती है उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद. आइए आज आपको इसकी ताकत का अंदाजा लगवा देते हैं.
कब हुआ गठन
13 दिसंबर 1949 में मोसाद का गठन हुआ था. गुप्त ऑपरेशन को अंजाम देने, खुफिया जानकारी जुटाने और आतंकवाद का मुकाबला करने में इसका कोई सानी नहीं है. मोसाद जितने सटीक तरीके से अपने ऑपरेशन को अंजाम देती है, उसको लेकर दुनिया के लोग मोसाद की तारीफ करते नहीं थकते हैं. इसीलिए तो मोसाद पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं. अब इसके कुछ ऑपरेशन्स के बारे में भी जानते हैं.
नाजी ऑफिसर का अपहरण
दुनिया तो मोसाद के कामों के बारे में जानती ही है, लेकिन पहली बार इसने दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित तब कराया तब 14 एजेंट्स की एक टीम ने 1960 में नाजी ऑफिसर एडॉल्ड आइशमन का अर्जेंटीना से किडनैप कर लिया. उस पर द्वितीय विश्व युद्ध में यहूदियों के उत्पीड़न और हत्या के आरोप थे. मोसाद के एजेंट्स उसे इजराइल लेकर आए और यहां उसे फांसी की सजा दे दी गई.
ईश्वर का क्रोध
इजराइल ईरान के बीच मोसाद का एक और कारनामा आपको बताते हैं. 1972 में ओलंपिक खेल में हुए आतंकी हमले के बारे में तो आपने सुना ही होगा. जब जर्मनी के म्यूनिख में ओलंपिक में इजराइल के 11 खिलाड़ियों की हत्या कर दी गई थी. इजराइल ने बदला लेने के लिए कई सालों तक ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड नाम दिया था. इस दौरान इजराइल ने उन सभी आतंकियों को खोज-खोजकर मार डाला जो कि इस नरसंहार में शामिल थे.
हाईजैक विमान को बचाया
दूसरे देश के हाईजैक विमान को बचाना मोसाद के सबसे खतरनाक मिशन में से एक है. 1976 में पॉपुलर फ्रंट फॉर लिबरेशन ऑफ पेलेस्टन के सदस्यों के पेरिस जा रहे विमान हो हाईजैक कर लिया गया था. तब इस विमान को युगांडा ले जाया गया. इसके बाद इजराइली कमांडोज के साथ मिलकर मोसाद ने हवाई अड्डे पर हमला कर दिया और 100 इजराइली और यहूदी बंधकों को बचा लिया.
पेजर बम ऑपरेशन
पिछले साल इजराइल ने लेबनान के हिजबुल्ला द्वारा इस्तेमाल किए गए हजारों वॉकी-टॉकी और पेजर में धमाका करके दुनिया को हैरान कर दिया था. 17 सितंबर 2024 को एकसाथ हजारों पेजर फट गए थे. इस हमले में कम से कम 42 लोग मरे और 3500 से ज्यादा घायल हुए थे.
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