क्या होता है मरकज का मतलब, जिसे राफेल ने एक झटके में कर दिया तबाह
पहलगाम हमले के बाद, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों पर राफेल विमानों से हमला किया. जिसमें मरकज तबाह हो गया.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारतीय सेना ने बुधवार को पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों ने सीमा पार आतंकियों के 9 ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया. इस ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है. इस ऑपरेशन में भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय मरकज-ए-तैयबा को भी तबाह किया, ऐसे में आइए जानते हैं कि मरकज का मतलब क्या होता है.
लड़ाकू विमान राफेल की अहम भूमिका रही
इस कार्रवाई में भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमानों ने मिसाइलों से सीमा पार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह कार्रवाई पूरी तरह से फोकस्ड, मापी गई और गैर-उकसावे वाली रही. इस हमले की खास बात यह रही कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया. भारत ने टारगेट का चुनाव और हमले को एग्जिक्यूट काफी संयम भरे तरीके से दिया गया.
बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशनल मरकज तबाह
राफेल विमानों ने इस ऑपरेशन के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख ऑपरेशनल मुख्यालय मरकज-ए-तैयबा को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. यह ठिकाना पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित था, जिसे आतंकी संगठन के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता था.
क्या होता है मरकज का मतलब?
मरकज एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है केंद्र या मुख्यालय. आतंकी संगठनों के संदर्भ में यह वह स्थान होता है जहां आतंकी गतिविधियों की योजना बनाई जाती है और आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. बहावलपुर स्थित मरकज सुभान अल्लाह' जैश का ऐसा ही एक प्रमुख केंद्र था, जिसे राफेल विमानों ने इस ऑपरेशन में सफलतापूर्वक तबाह कर दिया.
लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके स्थित मरकज सबसे बड़ा निशाना
इस ऑपरेशन का सबसे हाई-प्रोफाइल निशाना बना लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके स्थित मस्जिद वा मरकज तैयबा, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर के पास स्थित है. करीब 82 एकड़ में फैला यह परिसर लश्कर-ए-तैयबा का संचालन केंद्र माना जाता है. भारतीय खुफिया एजेंसियों की नजर लंबे समय से इस पर थी.
मरकज को ओसामा बिन लादेन ने दी थी फंडिंग
2000 में स्थापित इस मरकज को कथित तौर पर अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन ने 1 करोड़ रुपये की फंडिंग दी थी. यह परिसर धार्मिक शिक्षा, हथियारों की ट्रेनिंग, भर्ती, ब्रेनवॉशिंग और खुफिया प्रशिक्षण का केंद्र है.
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