कहां से आई है मराठी भाषा, हिंदी के साथ विवाद के बीच जानें क्या है इसका पूरा इतिहास
मराठी भाषा भारत की प्रमुख भाषाओं में से एक है. मराठी भाषा का इतिहास और विकास प्राचीन संस्कृत भाषा से हुआ था. संस्कृत से जन्मी भाषाओं में से एक प्राकृत थी जो आम लोगों के बीच बोली जाती थी.

मराठी भाषा भारत की प्रमुख भाषाओं में से एक है. कई लोग इस भाषा का यूज करते हैं. लेकिन मराठी भाषा को लेकर कई विवाद देखने को मिलते रहते हैं. इसी बीच हाल ही में मुंबई के मीरा रोड इलाके पर एक मिठाई दुकानदार के साथ मारपीट की गई, क्योंकि वह मराठी भाषा नहीं बोल सका, बताया जा रहा है कि MNS (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के कुछ कार्यकर्ताओं ने दुकानदार से जबरदस्ती मराठी में बात करने के लिए कहा और जब दुकानदार ने हिंदी में जवाब दिया, तो कार्यकर्ता गुस्सा हो गए.
इसके बाद उसके साथ मारपीट की गई और उसे थप्पड़ मारे गए. अब इसी के चलते घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव और डर का माहौल है, और यह मामला अब हर तरफ चर्चा का विषय बन गया है. लोग मराठी भाषा को लेकर कई तरह के बड़े सवाल कर रहे हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर मराठी भाषा कहां से आई है और इसका पूरा इतिहास क्या है.
मराठी भाषा कहां से आई है?
मराठी भाषा मुख्य रूप से महाराष्ट्र में बोली जाती है और 1966 से महाराष्ट्र की आधिकारिक भाषा भी है. हालांकि मराठी भाषा भारत की प्रमुख भाषाओं में से एक है और यह इंडो-आर्यन भाषा परिवार की दक्षिणी शाखा से जुड़ी हुई है. प्राचीन समय में मराठी को महराट्टी, मरहट्टी और महाराष्ट्री जैसे नामों से भी जाना जाता था. मराठी भाषा 1300 साल से भी पुरानी मानी जाती है. इसकी शुरुआत संस्कृत से हुई थी, बाद में यह प्राकृत और अपभ्रंश के जरिए विकसित होती गई. मराठी के व्याकरण और वाक्य रचना का आधार भी पाली और प्राकृत से लिया गया है.
मराठी भाषा का पूरा इतिहास क्या है?
मराठी महाराष्ट्र की मुख्य भाषा है. साथ ही यह भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल एक मान्यता प्राप्त भाषा है. मराठी इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार की इंडो-आर्यन शाखा में आती है. मराठी एक समृद्ध और पुरानी भाषा है. साथ ही यह पूरी तरह से स्वतंत्र और पूर्ण विकसित भाषा है. मराठी भाषा का इतिहास और विकास प्राचीन संस्कृत भाषा से हुआ था. संस्कृत से जन्मी भाषाओं में से एक प्राकृत थी जो आम लोगों के बीच बोली जाती थी.
प्राकृत की कई उप-भाषाएं थीं, जिनमें से एक थी महाराष्ट्री प्राकृत, जो विशेष रूप से महाराष्ट्र क्षेत्र में बोली जाती थी. वहीं समय के साथ महाराष्ट्री प्राकृत से जैन अपभ्रंश का जन्म हुआ, जो लेखन और बोली दोनों में इस्तेमाल होने लगी. इसके बाद, जैन अपभ्रंश से प्राचीन मराठी का विकास हुआ (1000 से 1300 ईस्वी के बीच), जिसमें मराठी भाषा का शुरुआती रूप देखने को मिलता है फिर 1300 से 1800 ईस्वी के बीच मध्य मराठी का दौर आया, जिसमें मराठी साहित्य की शुरुआत हुई.
Source: IOCL





















