CJI गवई को महाराष्ट्र में मिला परमानेंट स्टेट गेस्ट का दर्जा, जानें इसमें क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं
Maharashtra Permanent State Guest CJI Gavai: महाराष्ट्र सरकार की ओर से CJI गवई को परमानेंट स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया गया है. जानें इस दर्जे को हासिल करने के बाद क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं.

Maharashtra Permanent State Guest CJI Gavai: भूषण रामकृष्ण गवई को देश का 52वां चीफ जस्टिस बनाया गया है. 14 मई 2025 को उन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर पर शपथ ली. 14 मई को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने के बाद जस्टिस बीआर गवई महाराष्ट्र गए थे. लेकिन एयरपोर्ट पर ना ही स्टेट चीफ सेक्रेटरी, ना ही मुंबई पुलिस कमिश्नर CJI गवई को रिसीव करने आए थे.
जिसे लेकर CJI गवई ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. अब CJI गवई को महाराष्ट्र सरकार की ओर से परमानेंट स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया गया है. क्या होता है परमानेंट स्टेट गेस्ट और इस दर्जे को हासिल करने के बाद क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं. चलिए आपको बताते हैं इस बारे में पूरी जानकारी.
परमानेंट स्टेट गेस्ट को मिलती हैं यह सुविधाएं
किसी राज्य में अगर किसी शख्स को परमानेंट स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया जाता है. तो उसके बाद उस राज्य में उस शख्स को बेहद उच्च किस्म की सुविधाएं दी जाती है. एक तरह से कहें तो राजाओं वाला ट्रीटमेंट दिया जाता है. राज्य के किसी भी गेस्ट हाउस में, सर्किट हाउस में या राजभवन में बिना किसी शुल्क के ठहरने की सुविधा मिलती है. एयरपोर्ट हो या रेलवे स्टेशन हो या कोई और जगह पिकअप और ड्रॉप की भी व्यवस्था की जाती है.
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इसके लिए राज्य का सरकारी वाहन उपलब्ध करवाया जाता है. राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा भी मुहैया करवाई जाती है. तो इसके साथ ही एयरपोर्ट पर पूरे प्रोटोकाॅल के साथ रिसीव करने के लिए राज्य के अधिकारी भी शामिल होते हैं. राज्य के कार्यक्रमों में भी उन्हें बतौर वीआईपी आमंत्रित किया जाता है. जहां वह जाते हैं वहां उनकी सहायता और स्वागत के लिए स्थानीय प्रशासन मौजूद होता है.
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क्यों दिया जाता है यह दर्जा?
परमानेंट स्टेट गेस्ट के दर्जा देने को लेकर अक्सर कई लोगों के मन में यह सवाल भी आता है. आखिर यह दर्जा क्यों दिया जाता है. तो आपको बता दें यह दर्जा सम्मान के प्रतीक के तौर पर दिया जाता है. अगर किसी व्यक्ति का उस राज्य से जुड़ाव है या वह राज्य उसका जन्म स्थान है. और उसने वहां बहुत योगदान दिया है. तब उसे यह दर्जा दिया जाता है. महाराष्ट्र राज्य अतिथि नियमावली, 2004 के तहत CJI बीआर गवई को यह दर्जा दिया गया है. आपको बता दें महाराष्ट्र CJI गवई का गृह राज्य है.
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