आजादी के 79 साल बाद भी क्या-क्या चीजें नहीं बना पाता है भारत, इनके लिए किन-किन देशों पर निर्भर?
भारत सरकार ने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत कई क्षेत्रों में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना शुरू किया है. लेकिन अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जिसके लिए

भारत ने 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से आजादी हासिल की थी और देश को आजाद हुए 79 साल हो गए हैं. इस दौरान हमारा देश कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है लेकिन फिर भी कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत अब भी विदेशी तकनीक और संसाधनों पर निर्भर है. चलिए जानते हैं कि जहां भारत को अभी और प्रगति की जरूरत है और जिन देशों पर हमारी निर्भरता बनी हुई है.
सेमीकंडक्टर चिप
सबसे पहले बात करते हैं सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक चिप्स की. आधुनिक तकनीक का आधार माने जाने वाले सेमीकंडक्टर चिप्स के उत्पादन में भारत अभी पीछे है. स्मार्टफोन, कंप्यूटर और रक्षा उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले इन चिप्स के लिए भारत मुख्य रूप से ताइवान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका पर निर्भर है. हाल ही में, गौतम अडानी ने कहा कि भारत अपनी 90% सेमीकंडक्टर जरूरतों को आयात करता है. एक छोटा सा व्यवधान हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है. हालांकि, भारत ने सेमीकंडक्टर मिशन शुरू किया है, लेकिन उत्पादन शुरू होने में अभी समय लगेगा.
रक्षा उपकरण और उन्नत हथियार
भारत ने स्वदेशी तेजस जैसे लड़ाकू विमानों और मिसाइलों में प्रगति की है लेकिन उन्नत रक्षा प्रणालियों जैसे फाइटर जेट इंजन, रडार सिस्टम और उच्च तकनीकी हथियारों के लिए हम रूस, अमेरिका, फ्रांस और इजरायल पर निर्भर हैं. उदाहरण के लिए, राफेल विमान फ्रांस से आयात किए गए हैं और कई मिसाइल प्रणालियों के लिए रूस और इजरायल की तकनीक का उपयोग होता है.
कच्चा तेल और ऊर्जा संसाधन
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है. कच्चे तेल के लिए हम रूस, सऊदी अरब, इराक और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों पर निर्भर हैं. प्राकृतिक गैस और अन्य ऊर्जा संसाधनों के लिए भी रूस और कतर जैसे देशों से आयात होता है. हरित ऊर्जा की दिशा में भारत की प्रगति उल्लेखनीय है, लेकिन तेल और गैस की निर्भरता अभी भी एक चुनौती है.
फार्मास्युटिकल कच्चा माल
भारत को 'विश्व की फार्मेसी' कहा जाता है, लेकिन दवाओं के लिए दवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल के लिए हम चीन पर बहुत हद तक निर्भर हैं. कोविड-19 महामारी ने इस निर्भरता को उजागर किया जिसके बाद भारत ने स्वदेशी API उत्पादन पर जोर देना शुरू किया है.
उन्नत मशीनरी और तकनीक
ऑटोमोबाइल, मेडिकल उपकरण और भारी मशीनरी के लिए भारत जर्मनी, जापान और अमेरिका जैसे देशों से उच्च तकनीकी उपकरण आयात करता है। उदाहरण के लिए, उन्नत एमआरआई मशीन और अन्य चिकित्सा उपकरणों के लिए हम विदेशी तकनीक पर निर्भर हैं. हालांकि भारत सरकार ने 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत इन क्षेत्रों में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना शुरू किया है.
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Source: IOCL
























