परमाणु बम फटने के कितनी देर बाद हो जाती है इंसान की मौत? नहीं जानते होंगे यह हकीकत
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने परमाणु बम की गीदड़ धमकी दी है. चलिए, आपको बताते हैं कि किसी परमाणु हमले के दौरान कितने देर में लोग मारे जाते हैं.

भारत ने पहलगाम का पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंक के ठिकानों को ध्वस्त करके बदला लिया है. 7 मई को भारत ने आतंक के 9 अड्डों पर हमला करके 21 आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद कर दिया, जिसमें सवाई नाला, सैयद ना बिलाल, मसकर-ए-अक्सा, चेलाबंदी, अब्दुल्ला बिन मसूद, दुलई, गढ़ हबीबउल्लाह, बतरासी, बालाकोट, ओघी, बोई, सेंसा, गुलपुर, कोटली, बराली, डुंगी, बरनाला, महमूना जोया, सरजल, मुरीदके और बहावलपुर आतंक के ठिकानों को मिसाइलों से ध्वस्त कर दिया गया.
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के इस सैन्य कार्रवाई में 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत की इस जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने परमाणु बम की धमकी दी है. जियो न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अगर गतिरोध की स्थिति बनती है तो किसी भी वक्त परमाणु युद्ध हो सकता है. चलिए आपको बताते हैं कि अगर परमाणु बम फटने के कितनी देर बाद हो जाती है इंसान की मौत...
कितने देर में हो जाती है मौत
परमाणु हमले में किसी इंसान की मौत कितने देर में होती है यह उसके लोकेशन पर निर्भर करता है इसके अलावा बम की ताकत कितनी है. अगर कोई इंसान परमाणु हमले के बहुत नजदीक है या केंद्र में है तो उसके मरने की संभावना सबसे ज्यादा और सबसे जल्दी होती है. International Campaign to Abolish Nuclear Weapons के अनुसार, एक न्यूक्लियर बम एक पूरे शहर को खत्म करने और वहां के सभी लोगों को मारने की क्षमता रखती है. परमाणु बम के विस्फोट से उत्तपन्न हुए आग के गोले को 10 सेकंड का समय लगता है अपने अधिकतम आकार को प्राप्त करने में. धमाका होने के बाद हवा के तेज झटके एक घंटे में कई हजार किलोमीटर तक पहुंच सकते हैं.
एक सामान्य जानकारी के अनुसार, अगर आप धमाके के केंद्र में हैं तो आपकी मौत पलक झपकने से पहले ही हो जाएगी. कहा जाता है कि इंसान के दिमाग में दर्द तक महसूस होने का वक्त नहीं मिलता है, क्योंकि परमाणु धमाके के बाद इतनी तेज गर्मी निकलती है कि वह आपके शरीर को तुरंत जला सकती है. यहां तक कि इंसान भाप में भी बदल सकते हैं. अगर आप 1 से 2 किमी के दायरे में हैं तो मौत होने में कुछ सेकेंड लग सकते हैं, उसके बाद समय थोड़ा- थोड़ा समय बदल सकता है.
जो बच जाते हैं उनका क्या होता है
परमाणु हमले के तुरंत बाद जो बच जाते हैं उनकी जिदंगी काफी कठिन और दर्दनाक हो सकती है. उनके शरीर को तमाम तकलीफों का सामना करना पड़ता है क्योंकि हमले के दौरान निकले रेडिएशन से उनकी त्वचा जल सकती है या फिर उनको कई तरह की बीमारी हो सकती है. हिरोशिमा और नागासाकी में आज भी परमाणु हमले का असर देखने को मिलता है. कई लोग इससे अंधे भी हो जाते हैं.
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Source: IOCL























