Genghis Khan Religion: इस्लाम नहीं तो किस धर्म को मानता था चंगेज खां, दुनिया के सबसे बड़े इलाके पर किया था राज
Genghis Khan Religion: चंगेज खान को लेकर लोगों को यह भ्रम रहता है कि वह एक मुस्लिम था. आइए जानते हैं क्या था चंगेज खान का धर्म और कैसा था उसका शासन.

Genghis Khan Religion: जब भी लोग चंगेज खान का नाम सुनते हैं तो अक्सर उसके साम्राज्य को उन इलाकों से जोड़ते हैं जहां बाद में इस्लाम हावी हो गया था. लोगों के बीच एक सवाल हमेशा उठता है कि क्या चंगेज खान मुस्लिम था. इसका जवाब है नहीं. बड़ी मुस्लिम आबादी पर राज करने के बावजूद भी चंगेज खान एक पुरानी मंगोलियाई आस्था प्रणाली को मानता था. आइए जानते हैं क्या था चंगेज खान का धर्म.
चंगेज खान का धर्म
चंगेज खान तेंगरिज्म का अनुयाई था. यह मंगोलिया और तुर्क जनजातियों द्वारा माना जाने वाला एक प्राचीन समाजवादी धर्म था. चंगेज खान तेंगिरी (नीले आकाश) की पूजा करता था. उसका मानना था कि सत्ता में उसका उदय तेंगिरी की वजह से ही हुआ है, जिस वजह से वह एक पारंपरिक राजा के बजाय एक चुना हुआ शासक बन गया.
तेंगरिज्म प्रकृति के साथ तालमेल पर जोर देता था. पहाड़, नदियां हवा और आकाश पवित्र थे और चंगेज खान अक्सर माउंट बुरहन खलदून जैसे पवित्र जगह पर लड़ाइयों से पहले प्रार्थना करता था.
सभी धर्म का होता था सम्मान
वैसे तो चंगेज खान व्यक्तिगत रूप से शमनवाद को मानता था, लेकिन उसके साम्राज्य में इस्लाम, बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म और ताओवाद के अनुयायी भी शामिल थे. वहां पर सभी को स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन करने की अनुमति थी. राज्य धर्म लागू करने के बजाय उनका मानना था की एकता सिर्फ अलग-अलग मान्यताओं का सम्मान करके ही लाई जा सकती है.
चंगेज खान के शासन में धार्मिक नेताओं को टैक्स और जबरन श्रम से छूट दी गई थी. इनमें भिक्षु, पुजारी, इमाम और शमन शामिल थे. अलग-अलग धर्म के विद्वान नियमित रूप से मंगोल राजधानी, काराकोरम में धार्मिक बहसों में शामिल होते थे.
यासा कानून और धार्मिक सीमाएं
चंगेज खान ने अपने साम्राज्य पर यासा नाम का एक सख्त कानून लागू किया था. वैसे तो यासा ने धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी लेकिन धार्मिक प्रथाओं से ऊपर मंगोल रीति रिवाज को भी लागू किया गया. हलाल तरीके से जानवरों को मारना और खतना पर बैन लगा दिया गया था.
चंगेज खान के बाद धार्मिक बदलाव
वैसे तो चंगेज खान जीवन भर शमनवादी ही रहा लेकिन उसके वंशजों ने धीरे-धीरे दूसरे धर्म अपना लिए. उसके पोते कुबलई खान का झुकाव तिब्बती बौद्ध धर्म की तरफ था. मध्य एशिया और फारस में मंगोल शासकों ने बाद में इस्लाम को अपना लिया और रूसी क्षेत्र में गोल्डन होर्ड के शासकों ने भी समय के साथ इस्लाम अपना लिया.
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Source: IOCL
























