एक्सप्लोरर

ग्लोबल वार्मिंग कम करने का फॉर्मूला, अब इस तरह वातावरण से कम हो जाएगी कार्बन डाइ ऑक्साइड

दुनियाभर में ग्लोबल वार्मिंग की वजह से मौसम और पर्यावरण पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा .लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग के लिए कार्बन डाईऑक्साइड जिम्मेदार है.जानिए कार्बन कैप्चर प्लांट क्या है

दुनियाभर में मौसम का समय, तापमान सब बदल रहा है. बरसात के समय गर्मी, ठंड के समय बरसात हो रही है. जिन शहरों का तापमान 30 डिग्री से ऊपर नहीं जाता था, वो शहर आज 45 और 48 डिग्री तक गर्म हो रहे हैं. एक्सपर्ट इसके पीछे ग्लोबल वार्मिंग को वजह बता रहे हैं. हालांकि कुछ कंपनियां ग्लोबल वार्मिंग को घटाने के लिए तकनीक विकसित कर रहे हैं. ऐसी ही एक तकनीक कार्बन कैप्चर प्लांट भी है. जानिए कैसे ये प्लांट हवा से ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार कार्बन डाईऑक्साइड को कम करेगा.

 कार्बन कैप्चर प्लांट

बता दें कि कार्बन कैप्चर प्लांट के जरिए कार्बन डाईऑक्साइड गैस को पर्यावरण से सोखकर भूमिगत किया जा रहा है. अभी दुनिया का सबसे बड़ा कार्बन कैप्चर प्लांट आइसलैंड में बनाया गया है. आइए जानने हैं कि कैसे ये प्लांट काम करता है. जानकारी के मुताबिक स्विटजरलैंड की टेक क्लाइमेट कंपनी क्लाइमवर्क एजी ने आइसलैंड में दुनिया का सबसे बड़ा कार्बन कैप्चर प्लांट बनाया है. कंपनी के मुताबिक यह प्लांट सीधे हवा से एक साल के भीतर 36 हजार मीट्रिक टन कार्बन डाईऑक्साइड को सोखने में सक्षम है. इस ग्रीन तकनीक का ईजाद करने वाले क्लाइमवर्क एजी का दावा है कि डाइरेक्ट एयर कैप्चर (सीधे हवा को सोखने) की तकनीक हवा से कार्बन डाईऑक्साइड को घटाने में एक अहम रोल अदा करेगा.

कैसे सोखते हैं कार्बन?

कार्बफिक्स की वेबसाइट के मुताबिक आमतौर पर पेड़-पौधे ही पर्यावरण से कार्बन को सोखते हैं. प्राकृतिक रूप से भारी मात्रा में चट्टानों के रूप में कार्बन का भंडारण है. कार्बन डाईऑक्साइड को सोखने वाला प्लांट बनाने के लिए उसी प्राकृतिक तकनीक का अध्ययन किया गया. इससे पता चला कि पानी में घुली कार्बन डाईऑक्साइड बसाल्ट जैसी चट्टानी रूपों से रीएक्ट करती है. इससे एक स्थायी मिनरल का निर्माण होता है, जिससे कार्बन स्थायी रूप से मिल जाता है. 

जानकारी के मुताबिक आइसलैंड में बनाए गए प्लांट में भी इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसके तहत पर्यावरण से कार्बन डाई ऑक्साइड को सोखकर पानी में मिलाकर ऐसी ही चट्टानों में इंजेक्ट किया जाता है, जिनके साथ प्राकृतिक रूप से रीएक्शन करके ये सॉलिड कार्बोनेट मिनरल में बदल जाता है. हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में लगभग दो साल का समय लगता है.

प्राकृतिक तकनीक का इस्तेमाल

बता दें कि इस तकनीक के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है. ऐसी चट्टानें जिनके साथ कार्बन डाईऑक्साइड का रीएक्शन संभव हो. इसके बाद पानी और कार्बन डाईऑक्साइड. कार्बोनेटेड पानी एसिडिक (अम्लीय) होता है. वहीं जितना ज्यादा कार्बन पानी में डाला जाता है, उतना ही वह एसिडिक होता जाता है. इसके बाद जमीन के भीतर इस कार्बोनेटेड पानी को चट्टानों में इंजेक्ट किया जाता है. जो रिएक्शन के बाद पानी की धारा में कैल्शियम, मैग्नीशियम और आइरन ओर जैसे कैट ऑयन (धनायन) रिलीज होते हैं. 

वहीं समय के साथ ये सभी पदार्थ पानी में घुलकर कार्बन डाईऑक्साइड के साथ मिल जाते हैं. जिसे चट्टानों में खाली स्थानों को भर देते हैं. ये कार्बोनेट हजारों साल के लिए स्थायी होते हैं. कार्बफिक्स का कहना है कि इस प्रक्रिया को लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया हैं, तो इंजेक्ट की गई कम से कम 95 फीसदी कार्बन डाईऑक्साइड दो साल में मिनरल में बदल जाता है. बता दें कि आंकडों के मुताबिक पिछले साल पूरे विश्व में 31.5 अरब टन कार्बन उत्सर्जन हुआ था. यह वायुमंडल के लिए बेहद हानिकारक है. ऐसे में इस तरीके से वायुमंडल से कार्बन डाईऑक्साइड निकालना काफी अहम साबित हो सकता है.

ये भी पढ़ें: longest Train: दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन कैसी है? एक कोने से दूसरे कोन तक जाने में ही लग जाएंगे कई घंटे

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'हमें मदद मिले तो हम भारत जाना चाहेंगे...', बांग्लादेश में मारे गए दीपू के भाई ने सुनाई दहशत की पूरी कहानी
'हमें मदद मिले तो हम भारत जाना चाहेंगे...', बांग्लादेश में मारे गए दीपू के भाई ने सुनाई दहशत की पूरी कहानी
दिल्ली में सेकेंड हैंड कार-बाइक खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव, जान लें अपडेट, वरना होगा एक्शन
दिल्ली में सेकेंड हैंड कार-बाइक खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव, जान लें अपडेट, वरना होगा एक्शन
दिग्गज क्रिकेटर के घर टूटा दुखों का पहाड़, पिता के निधन पर किया इमोशनल पोस्ट
दिग्गज क्रिकेटर के घर टूटा दुखों का पहाड़, पिता के निधन पर किया इमोशनल पोस्ट
किस देश में हर घंटे हो रही सबसे ज्यादा लोगों की मौत, रिपोर्ट में सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े, जानें भारत कौनसे नंबर पर
किस देश में हर घंटे हो रही सबसे ज्यादा लोगों की मौत, रिपोर्ट में सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े

वीडियोज

Top News: अभी की बड़ी खबरें | Humayun Kabir | Bangladesh Protest | TMC | UP Winter Session
Aravali Hills: प्रदूषण पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने दिया हर सवाल का जवाब| Hills Protest | abp News
Aravali Hills: अरावली विवाद को लेकर जगह-जगह विरोध | Hills Protest | Aravali Protest | abp News
Aravali Hills: राजस्थान के सिरोही में बड़ा प्रदर्शन | Hills Protest | Aravali Protest | abp News
CM Yogi VS Akhilesh Yadav: 'दो नमूने' पर हो गया योगी VS अखिलेश...किसने क्या कहा? | Akhilesh Yadav

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'हमें मदद मिले तो हम भारत जाना चाहेंगे...', बांग्लादेश में मारे गए दीपू के भाई ने सुनाई दहशत की पूरी कहानी
'हमें मदद मिले तो हम भारत जाना चाहेंगे...', बांग्लादेश में मारे गए दीपू के भाई ने सुनाई दहशत की पूरी कहानी
दिल्ली में सेकेंड हैंड कार-बाइक खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव, जान लें अपडेट, वरना होगा एक्शन
दिल्ली में सेकेंड हैंड कार-बाइक खरीदने के नियम में बड़ा बदलाव, जान लें अपडेट, वरना होगा एक्शन
दिग्गज क्रिकेटर के घर टूटा दुखों का पहाड़, पिता के निधन पर किया इमोशनल पोस्ट
दिग्गज क्रिकेटर के घर टूटा दुखों का पहाड़, पिता के निधन पर किया इमोशनल पोस्ट
किस देश में हर घंटे हो रही सबसे ज्यादा लोगों की मौत, रिपोर्ट में सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े, जानें भारत कौनसे नंबर पर
किस देश में हर घंटे हो रही सबसे ज्यादा लोगों की मौत, रिपोर्ट में सामने आए हैरान करने वाले आंकड़े
100 करोड़ कमाना आज आम बात है, लेकिन पहली बार ऐसा करने वाला एक्टर कौन था?
100 करोड़ कमाना आज आम बात है, लेकिन पहली बार ऐसा करने वाला एक्टर कौन था?
Moscow Bomb Blast: व्लादिमीर पुतिन को लगा बड़ा झटका! मॉस्को में कार बम धमाके में रूसी जनरल की मौत
व्लादिमीर पुतिन को लगा बड़ा झटका! मॉस्को में कार बम धमाके में रूसी जनरल की मौत
सांस और दिल की बीमारी तक सीमित नहीं रहा पॉल्यूशन, मां बनने में भी बन रहा बाधा
सांस और दिल की बीमारी तक सीमित नहीं रहा पॉल्यूशन, मां बनने में भी बन रहा बाधा
अमेरिका के 1 लाख पाकिस्तान में हो जाएंगे कितने? जानिए चौंकाने वाला आंकड़ा
अमेरिका के 1 लाख पाकिस्तान में हो जाएंगे कितने? जानिए चौंकाने वाला आंकड़ा
Embed widget