स्पेस में क्यों नहीं भेजा जाता है पीने का पानी? जानें क्यों पेशाब फिल्टर कर पीते हैं एस्ट्रोनॉट्स
अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी स्पेस में फंसे हुए हैं. क्या आप जानते हैं कि स्पेस में आखिर पीने के लिए पानी कहां से मिलता है ? जानिए पानी के लिए क्या इस्तेमाल करते हैं वैज्ञानिक.

आपने कई बार सुना होगा स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स पेशाब को फिल्टर करके पीते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ये बात कितनी सच है और क्यों एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में पानी नहीं लेकर जाते हैं और पेशाब को फिल्टर करके पीते हैं. आज हम आपको इसके पीछे का पूरा साइंस आपको बताएंगे.
स्पेस की दुनिया
स्पेस की दुनिया रहस्यों से भरी हुई है, इन रहस्यों को समझने और सुलझाने के लिए ही वैज्ञानिक लगातार नए-नए शोध कर रहे हैं. वैज्ञानिकों के रिसर्च का ही नतीजा है कि आज इंसान चांद तक पहुंच चुका है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि जब किसी एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भेजा जाता है, तो उसको लेकर बहुत सावधानियां रखी जाती हैं, जैसे खाने-पीने का सामान, स्पेस यान में सामान का भार, लंबे समय तक फंसने पर पानी की व्यवस्था करना तक इसमें शामिल है.
स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स
स्पेस मिशन के दौरान कई बार ऐसा भी होता है कि अंतरिक्षयात्री किसी छोटे मिशन के लिए जाते हैं, लेकिन किसी कारण वहां फंस जाते हैं. जैसे बीते साल ही जून महीने में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 8 दिनों के मिशन पर गए थे, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी होने के कारण वो अभी 200 से अधिक दिनों से वहां पर फंसे हुए हैं. अब आपके दिमाग में आ रहा होगा कि इतने दिनों तक फंसने पर आखिर उनको स्पेस में पानी कैसे मिलता होगा ? आज हम आपको इसका जवाब देंगे.
टॉयलेट का इस्तेमाल
अब सवाल ये है कि एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में टॉयलेट का इस्तेमाल कैसे करते हैं. बता दें कि अंतरिक्षयान में मौजूद टॉयलेट बहुत अलग होते हैं. गुरुत्वाकर्षण जीरो होने के कारण अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को ध्यान में रखते हुए उनके लिए पूरी तरह से हैंडहोल्ड और फुटहोल्ड शौचालय बना होता है. इतना ही नहीं इसमें खास वैक्यूम लगा होता है, जो खींचकर टॉयलेट की गंदगी को एक टैंक में लेकर जाता है.
स्पेस में पानी का इस्तेमाल?
बता दें कि अंतरिक्षयान में यूरिन के लिए भी एक खास तरह का वैक्यूम पाइप लगा होता है. इसके अलावा अंतरिक्ष में यूरिन और शौच को अलग-अलग टैंकों में रखा जाता है. इसके पीछे का कारण ये है कि यूरिन वाले अलग टैंक को रिसाइकिल करके पिया जाता है.
यूरिन को रिसाइकिल
स्पेस में यूरिन को रिसाइकिल करना जरूरी होता है. क्योंकि वहां तक पानी पहुंचाना बहुत ही खर्चीला काम है. जानकारी के मुताबिक एक गैलन पानी को धरती से स्पेस स्टेशन तक पहुंचाने में 83,000 डॉलर खर्च आएगा. वहीं अंतरिक्ष यात्री को पीने और दूसरे कामों के लिए रोजाना 12 गैलन पानी की जरूरत होती है. इससे मिशन का खर्चा बहुत ज्य़ादा बढ़ जाएगा, वहीं एक साथ बहुत ज्यादा पानी भी नहीं भेजा जा सकता है. क्योंकि इससे विमान का भार बढ़ जाएगा. यही कारण है कि वैज्ञानिकों ने फिल्टर सिस्टम लगाया हुआ है, जिसके जरिए यूरिन फिल्टर होकर पीने योग्य पानी बनाता है.
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Source: IOCL






















