साथ बैठकर कब से खाना खा रहा इंसान, कहां से आया 'पार्टी कल्चर'?
Where Did Party Culture Come: आज के वक्त में एक साथ खाना खाना और पार्टी के लिए लोगों के पास कम टाइम है. लेकिन इसकी शुरुआत कब से हुई है, यह जानना भी जरूरी है.

आज के दौर में इंसान इतना व्यस्त है कि उसको अपने और अपने परिवार के लिए समय ही नहीं मिल पाता है. हर कोई जिंदगी की भागदौड़ में जुटा हुआ है और सभी चाहते हैं कि हम खूब पैसा इकट्ठा करके तरक्की कर लें. ऐसे में लोग परिवार को वक्त देना उनके पास बैठना भूल जाते हैं. यही वजह है कि परिवार के साथ बैठकर खाना खाना तो अब बहुत चुनौतीपूर्णं हो चुका है. लेकिन परिवार के साथ बैठकर दिन में एक बार तो खाना जरूर खाना चाहिए. लेकिन क्या आपको पता है कि इंसान एकसाथ बैठकर कब से खाना खा रहा है. आइए आज यही जानते हैं.
प्रारंभिक ग्रीस में मिलते हैं इसके संकेत
कहते हैं कि साथ खाने से प्यार बढ़ता है, फिर चाहे आप परिवार के साथ बैठकर खाएं या फिर दोस्तों के साथ मिलकर पार्टी करें. लेकिन इस बात को भी जान लेना जरूरी है कि आखिर इंसान ने साथ बैठकर खाना या फिर पार्टी करना कब से सीखा. वैसे तो साथ बैठकर खाने की प्रथा बहुत पुरानी है. कुछ संस्कृतियों में यह सदियों से चली आ रही है, तो वहीं कुछ संस्कृतियों में यह हाल ही में शुरू हुई है. हालांकि इसके बारे में कोई सटीक जानकारी तो नहीं मिलती है, लेकिन प्रारंभिक ग्रीस में 700 ई. पू. के आसपास इसके कुछ संकेत जरूर मिलते हैं.
भारत में कब शुरू हुआ यह रिवाज
माना जाता है कि लोग प्राचीन काल से ही साथ में बैठकर खाना खाते आए हैं. जैसे कि प्राचीन मिस्र में सभी के साथ मिलकर जमीन पर बैठकर खाना खाने की प्रथा करीब 700 ई.पू. के आसपास यूनानियों में शुरू हुई थी. वहीं भारत में एक साथ बैठकर जमीन पर भोजन करने का रिवाज बहुत पुराना है. धार्मिक और सामाजिक दोनों संदर्भ में इसका बहुत महत्व है. वहीं यूरोप में 18वीं सदी के बाद मेज पर बैठकर एकसाथ खाने की परंपरा व्यापक रूप से फैली है.
पहले भोज के आयोजन के चिन्ह
2010 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावत के सबसे पुराने साक्ष्य का वर्णन किया है. एक विशेष रूप से तैयार किया गया भोजन जो 12,000 साल पहले इजरायल की एक गुफा में लोगों को एक अवसर पर एकत्रित करता था. मानवविज्ञानी नताली मुनरो ने बताया कि एक गुफा में एक विशेष महिला के अवशेष मिले हैं, जो अपने समुदाय के लिए जादूगरनी मालूम होती थी. ऐसा लगता है कि उसके लोगों ने उसकी मृत्यु के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया था.
क्यों किया जाता था भोज
मुनरो और उनकी टीम को उस जगह पर बड़ी संख्या में जानवरों के अवशेष मिले, जिसमें पर्याप्त कछुए और जंगली मवेशी शामिल थे, जिससे एक भरपूर भोज तैयार किया जा सकता था. उनका कहना है कि भोजन के लिए इकट्ठा होना समुदाय बनाने और तनाव को कम करने का एक तरीका हो सकता है, क्योंकि अब लोग कमोबेश एक-दूसरे के साथ फंस गए थे.
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Source: IOCL





















