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गर्मी में हर घर में मौजूद होता है पंखा, जानिए इसे किसने बनाया और ये भारत में कैसे आया
गर्मी आने के साथ ही हर घर में पंखे का इस्तेमाल शुरू हो जाता है. लेकिन सवाल ये है कि सबसे पहले पंखा किसने बनाया और ये भारत में कैसे आया? आज हम आपको बताएंगे कि सबसे पहला पंखा किसने बनाया था.
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गर्मी आने के साथ ही हर घर में पंखा चलना शुरू हो जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर गर्मी में राहत देने वाला ये पंखा किसने बनाया था और ये भारत में कैसे आया था? आज हम आपको इसके पीछे का इतिहास बताएंगे.
मुगलों और अंग्रेजों का समय
आपने अलग-अलग संग्रहालय और फिल्मों में देखा होगा कि गर्मी भगाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता था. इसमें कई तरीके थे, जैसे हाथ के पंखे को चलाकर हवा ली जाती थी. कुछ जगहों पर छतों पर मोटी चादर जैसी चीज छत से लगाकर उसे रस्सी से आगे पीछे करके हवा पैदा करते थे. कुछ लोग कमरों में पानी डालकर तापमान को कम रखने की कोशिश करते थे. हालांकि ये सभी तरीके बहुत ज्यादा मेहनत वाले थे.
किसने बनाया पहला बिजली पंखा
दुनिया का पहला बिजली पंखा अमेरिकी इंजीनियर और आविष्कारक शूयलर स्काट व्हीलर ने 1886 में बनाया था. 1882 में व्हीलर को बिजली की क्षमता का अहसास हुआ था. उनके द्वारा विकसित पहले बिजली के पंखे में केवल दो ब्लेड थे, इसमें एक बेहद खतरनाक खुली मोटर का उपयोग किया गया था. ये पंखा तब डायरेक्ट करंट (डीसी) से चलता था. इसे पीतल का बनाया गया था. इसे तब “बज़ फैन” के नाम से जाना जाता था. संयुक्त राज्य अमेरिका पेटेंट कार्यालय ने 24 फरवरी 1885 को आधिकारिक तौर पर उनके आविष्कार को मंजूरी दी थी.
बता दें कि स्काट व्हीलर का ये पंखा बहुत तेजी से लोकप्रिय हुआ था. जल्द ही अमेरिकी इलेक्ट्रिक मोटर कंपनी क्रॉकर एंड कर्टिस इसे बेचने लगी थी. इसी तकनीक के आधार पर फिर सीलिंग फैन और कई तरह के फैन बनाए गये थे. वहीं काफी हद तक एयर कंडीशनर का आविष्कार भी इसी पंखे को आधार बनाकर किया गया था. बता दें कि 1890 के दशक में डीसी बिजली सप्लाई की जगह एसी बिजली की सप्लाई घरों में पहुंचने लगी थी. तब ये बिजली के पंखे और कॉमन हो गए थे. 1800 के दशक के अंत से पहले बहुत अधिक गर्म होना एक रोजमर्रा की समस्या थी.
कौन थे शूयलर स्काट व्हीलर
शूयलर स्काट व्हीलर अमेरिकी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और निर्माता थे. जिन्होंने बिजली के पंखे, इलेक्ट्रिक एलिवेटर डिजाइन और इलेक्ट्रिक फायर इंजन का आविष्कार किया था. वह इलेक्ट्रिक मोटर उद्योग के शुरुआती विकास से जुड़े थे. उन्होंने अपना करियर सहायक इलेक्ट्रिशियन के तौर पर शुरू किया था, लेकिन अपने टैलेंट के चलते इंजीनियर बने थे. इतना ही नहीं उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर बड़े पदों पर काम किया था. जैसी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल अब किया जाता है, उसका बहुत शुरुआती संस्करण व्हीलर ने तैयार किया था.
भारत में कब आया बिजली का पहला पंखा
भारत के ग्रीव्स कॉटन और इंग्लैंड के क्रॉम्पटन पार्किंसन के संयुक्त उद्यम क्रॉम्पटन ग्रीव्स ने 1906 में भारत में पहला बिजली पंखा पेश किया था. कंपनी ने 1930 के दशक की शुरुआत में भारतीय बाजार में सीलिंग पंखे पेश लेकर आई थी. जो उस वक्त बहुत महंगा होता था. हर किसी के पास उस पंखे को खरीदने की क्षमता नहीं थी.
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