Sambhaji And Soyarabai: क्या संभाजी ने की थी अपने पिता शिवाजी की पत्नी की हत्या? जानिए इतिहास में छिपा सच
Sambhaji And Soyarabai: कुछ वक्त पहले मराठी दैनिक अखबार के संपादक ने अपनी किताब में लिखा था कि संभाजी ने सोयराबाई की हत्या की है, लेकिन ऐसा सच नहीं है. इतिहास में इसका कोई सबूत नहीं है.

Sambhaji And Soyarabai: देश में इस वक्त औरंगजेब को लेकर बवाल देखने को मिल रहा है. नागपुर में औरंगजेब की कब्र को हटाए जाने की बात कही जा रही है. औरंगजेब वही शख्स है, जिसने संभाजी महाराज की बेरहमी से हत्या कर दी थी. औरंगजेब ने संभाजी को इस्लाम कबूल करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया तो पहले उनकी जुबान खींच ली गई और फिर आंखें निकाली गईं. इसके बाद औरंगजेब ने उनका सिर धड़ से अलग करवा दिया था. संभाजी महाराज को लेकर अलग अलग बातें की जाती हैं. शिवाजी की दूसरी पत्नी यानि सोयराबाई को लेकर कहा जाता है कि संभाजी ने अपने पिता की पत्नी की हत्या करवा दी थी. लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है, चलिए जान लेते हैं.
इस किताब से छिड़ा था विवाद
साल 2021 में एक विवाद छिड़ा था जब मराठी दैनिक अखबार के संपादक गिरीश कुबेर ने अपनी अंग्रेजी की किताब रेनेसा स्टेट- द अनरिटन स्टोरी और मेकिंग ऑफ महाराष्ट्र में ऐसा दावा कि छत्रपति शिवाजी की पत्नी सोयराबाई की हत्या उनके बड़े बेटे संभाजी ने की थी. इसमें आगे लिखा थआ कि संभाजी ने सोयराबाई और उनके वफादारों की हत्या इसलिए की ताकि उत्तराधिकारी का विवाद ही न रहे. खून-खराबे की वजह से शिवाजी का साम्राज्य बिखर गया और संभाजी को इसकी कीमत चुकानी पड़ी. उस दौरान महाराष्ट्र में इसको लेकर बवाल होने लगा था. बीजेपी ने इस किताब पर पाबंदी लगाने की बात कही थी.
क्या सच में संभाजी ने सोयराबाई की हत्या की
तो क्या सच में संभाजी ने सोयराबाई की हत्या की थी? नहीं ऐसा सच नहीं है. संभाजी ने अपनी सौतेली मां सोयराबाई की हत्या नहीं की थी, बल्कि इतिहास में ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है जो इस बात का समर्थन करता हो. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि संभाजी ने सोयराबाई को मृत्युदंड दिया था, जबकि अन्य कहते हैं कि सोयराबाई की मृत्यु डेढ़ साल बाद हुई थी और संभाजी ने खुद उनका अंतिम संस्कार किया था. कुछ लोग यह भी मानते हैं कि संभाजी को अपने ही परिवार के लोगों ने धोखा दिया था, तभी मुगलों ने उनको पकड़ लिया था.
कब हुआ था सोयराबाई का निधन
आधिकारिक सबूतों की मानें तो सोयराबाई का निधन 27 अक्टूबर 1681 को हुई थी, लेकिन मौत कैसे हुई, इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है. कोल्हापुर के रहने वाले इंद्रजीत सांवत की मानें तो उनका कहना है कि कल्पना के आधार पर संभाजी के किरदार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है.
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