Delhi Demonetized Currency Raid: वजीरपुर की तरह आपके घर में भी मिले पुराने नोट तो क्या सजा मिलेगी, जान लें नियम?
Delhi Demonetized Currency Raid: दिल्ली के वजीरपुर इलाके में करोड़ों रुपए के बंद हो चुके नोट पकड़े गए हैं. इसी बीच आइए जानते हैं कि अगर किसी के घर से ऐसे नोट पकड़े जाएं तो कितनी सजा हो सकती है.

Delhi Demonetized Currency Raid: दिल्ली के वजीरपुर इलाके में करोड़ों रुपए के बंद हो चुके ₹500 और ₹1000 के नोट मिलने पर बड़े सवाल खड़े हो चुके हैं. दरअसल एक रेड के दौरान खराब नोटों के बंडल बरामद हुए हैं और कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है. इसी बीच आइए जानते हैं कि अगर आपके घर में से भी ऐसे बंद हो चुके नोट मिलें तो क्या होगा. आइए जानते हैं क्या है नियम.
पुराने ₹500 और ₹1000 के नोट रखने के बारे में कानून क्या कहता है
हालांकि दिसंबर 2016 में इन नोटों की मॉनेटरी वैल्यू खत्म हो चुकी थी लेकिन सरकार ने 2017 में डिमोनेटाइज्ड नोटों को रखने को रेगुलेट करने और उनके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए खास कानून पास किया था. इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति कानूनी तौर पर काफी कम संख्या में पुराने नोट रख सकता है. इससे ज्यादा कुछ भी गैरकानूनी है और उस पर पैसे का जुर्माना लग सकता है.
कानून के मुताबिक डिमोनेटाइज नोटों का इस्तेमाल किसी भी ट्रांजैक्शन के लिए नहीं किया जा सकता. इसी के साथ उन्हें बड़ी मात्रा में स्टोर नहीं किया जा सकता और अब उन्हें बदला भी नहीं जा सकता. उन्हें गैर कानूनी टेंडर के तौर पर क्लासिफाई किया गया है. इसका मतलब है कि उनकी कोई भी मॉनिटरी वैल्यू नहीं है.
क्या है लिमिट
नियम के मुताबिक कोई भी व्यक्ति सिर्फ 10 डिमोनेटाइज्ड नोट ही रख सकता है. कलेक्टर, स्कॉलर या फिर जो लोग पढ़ाई या रिसर्च के मकसद से नोट रखते हैं सिर्फ उनके लिए कानून थोड़ी ज्यादा छूट देता है. ऐसे लोग 25 तक बंद हो चुके नोट रख सकते हैं.
क्या है सजा
अगर आपके पास तय लिमिट से ज्यादा बंद हो चुके नोट पाए जाते हैं तो कानून में पैसे का जुर्माना लगता है. शुरुआत में सरकार ने जेल का प्रस्ताव रखा था लेकिन आखिरी कानून पास होने से पहले उस नियम को हटा दिया गया. जुर्माना भी दो लेवल के सिस्टम पर काम करता है. पहला लेवल कम से कम ₹10000 का जुर्माना और दूसरा लेवल तय लिमिट से ज्यादा रखे गए पुराने नोटों की कीमत का 5 गुना जुर्माना. सरकार ने 2017 का कानून गैर कानूनी कामों में इनवैलिड करेंसी के किसी भी संभावित इस्तेमाल को रोकने के लिए बनाया था. जब डिमोनेटाइज्ड नोट लीगल टेंडर नहीं रहे तो टेक्निकल वह कागज पर बेकार हो गए. लेकिन इसके बाद भी बड़े पैमाने पर जमाखोरी से ब्लैक मनी लांड्रिंग, नकली करेंसी सरकुलेशन का फ्रॉड स्कीम का खतरा था. इस कानून से पक्का हुआ कि ऐसे नोटों को किसी भी रूप में जमा, ट्रेड या दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
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Source: IOCL
























