भारत में नागरिकता पर मचा है बवाल, जानिए चीन और पाकिस्तान में कौन सा डॉक्यूमेंट मांगती है सरकार?
भारत में नागरिकता के लिए पासपोर्ट और नेशनलिटी सर्टिफिकेट जैसे आई मान्य हैं, जबकि पाकिस्तान में CNIC और चीन में National ID व Hukou जरूरी है. विदेशी नागरिकों को चीन में संबंध प्रमाण पत्र देना होता है.

गृह मंत्रालय ने बुधवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 करने की घोषणा की है. इसका मतलब है कि अब 2024 तक भारत में प्रवेश करने वाले धार्मिक अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. पहले यह सीमा दिसंबर 2014 थी.
रिफ्यूजी संगठनों की अपील पर राहत
सरकार का यह निर्णय विशेष रूप से उन लोगों के लिए राहत है जिनके पास पासपोर्ट या वीजा नहीं था या उनकी वैधता समाप्त हो गई थी. हाल ही में विस्थापित लोगों और रिफ्यूजी संगठनों ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय से इस तारीख को बढ़ाने का अनुरोध किया था.
भारत में नागरिकता का प्रमाण
भारत में नागरिकता साबित करने के लिए कोई एकल दस्तावेज अनिवार्य नहीं है. आमतौर पर पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, नेशनलिटी सर्टिफिकेट या नेचरलाइजेशन-रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मान्य है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी यह स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड केवल पहचान का दस्तावेज है नागरिकता का प्रमाण नहीं.
पाकिस्तान में CNIC का महत्व
पाकिस्तान में नागरिकता के लिए कंप्यूटरीज्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है. 18 साल से ऊपर हर नागरिक के लिए यह अनिवार्य है. इसके बिना सरकारी कामकाज बैंकिंग और पुलिस जांच में समस्याएं आती है.नागरिकता पाने के लिए लगातार कानूनी निवास, पुलिस वेरिफिकेशन और कोई आपराधिक रिकॅार्ड न होना जरूरी है. कुछ मामलों में शादी या विशेष परिस्थितियों के आधार पर भी नागरिकता मिल सकती है.
चीन में नागरिकता के नियम
चीन में नागरिकता साबित करने के लिए राष्ट्रीय पहचान पत्र National ID card और घरेलू पंजीकरण पुस्तक Hukou सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह आपके स्थानीय निवास और पहचान को प्रमाणित करते हैं. वहीं विदेशी नागरिकों के लिए आवेदन के साथ चीनी नागरिकों के संबंध का प्रमाण पत्र जमा करना आवश्यक होता है. इसमें जन्म प्रमाण पत्र, मैरिज सर्टिफिकेट या रिश्तेदारी का नोटरीकृत प्रमाण पत्र शामिल होता है.
ये भी पढ़ें: क्या है चीन का सोशल क्रेडिट सिस्टम, भारत में यह लागू हुआ तो किसे होगा सबसे ज्यादा नुकसान?
Source: IOCL
























