Water Production: अगर हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलाकर बना लिया पानी, क्या वह होगा पीने लायक?
Water Production: यूं तो धरती 97% पानी से घिरी हुई है, लेकिन पीने का पानी सिर्फ ढाई प्रतिशत है. क्या हम हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलाकर पानी बन सकते हैं? आइए जानते हैं.

Water Production: पानी जीवन का सार है. पृथ्वी भी लगभग 70% पानी में डूबी है. पृथ्वी पर लगभग 1.38 बिलियन लीटर पानी है. लेकिन इस पानी का 97% से ज्यादा हिस्सा समुद्र और महासागरों में आता है. इस हिस्से में खारा पानी होता है जो पीने लायक नहीं है. बाकी पीने लायक मीठा पानी पृथ्वी पर कुल ढाई प्रतिशत है. इसका भी दो तिहाई हिस्सा ग्लेशियर में जमा हुआ है. अब क्योंकि पानी की इतनी ज्यादा कमी है तो मन में यह ख्याल आना जायज है कि क्यों ना हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलाकर पानी बना लिया जाए. आइए जानते हैं कि क्या यह मुमकिन है या नहीं.
पानी बनाने का विज्ञान
पानी का रासायनिक फार्मूला h2o है. यानी कि हर मॉलिक्यूल में एक ऑक्सीजन परमाणु से जुड़े दो हाइड्रोजन परमाणु होते हैं. लेकिन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन हवा में सिंगल एटम के रूप में नहीं होते. वे h2 और o2 मॉलिक्यूल के रूप में होते हैं. पानी बनाने के लिए सबसे पहले इन मॉलिक्यूल को अलग-अलग एटम में तोड़ना होगा. इसके बाद ही दो हाइड्रोजन एटम और एक ऑक्सीजन एटम जुड़ पाएंगे.
हाइड्रोजन तो सबसे सरल तत्व है इसमें सिर्फ एक ही इलेक्ट्रॉन होता है. लेकिन ऑक्सीजन के बाहरी शेल में छह इलेक्ट्रॉन होते हैं, और यह पूरा होने के लिए दो कम हैं. आपको बता दें कि जब हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के इलेक्ट्रोंस आपस में जुड़कर पानी को बनाते हैं तब बहुत ज्यादा ऊर्जा निकलती है. यह कोई आसान प्रतिक्रिया नहीं होती, इसमें विस्फोट भी हो सकता है.
क्या है इसके पीछे खतरा?
दरअसल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलना काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. हाइड्रोजन काफी ज्यादा जलता है और ऑक्सीजन आग को भड़काता है. एक छोटी सी चिंगारी भी विस्फोट में बदल सकती है. इस प्रतिक्रिया को संभालने के लिए काफी एडवांस्ड लैब और सटीक ज्ञान की जरूरत होती है. इसलिए यह रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए सही नहीं है.
लेकिन अगर इस प्रतिक्रिया को संभाल पाना भी संभव हो जाए उसके बावजूद भी इस तरह से पानी को बनाना काफी ज्यादा महंगा होगा. गैस से पानी बनकर दुनिया की पानी की जरूरत को पूरा करने में काफी सारे संसाधन और सुरक्षा से संबंधित चीजों की जरूरत होगी. साथ ही अगर इस प्रक्रिया से पानी बन भी जाता है तो वह पीने के लिए सुरक्षित नहीं होगा, क्योंकि इसे पीने से पहले सावधानी पूर्वक शुद्ध और मिनिरलाइज किया जाता है.
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Source: IOCL






















