Wedding Rules: क्या भारत का लड़का पाकिस्तान की लड़की से शादी कर सकता है? ऐसे हैं कुछ नियम
Wedding Rules in Pakistan: भारत और पाकिस्तान के राजनीतिक रिश्तों के बारे में हम और आप अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन क्या आपको यह पता है कि इन दोनों देशों के बीच के रिश्ते जोड़ने के लिए क्या नियम बनाए गए हैं.
पाकिस्तान से इंडिया आई सीमा हैदर हो या इंडिया से पाकिस्तान कई अंजू, इन दोनों मामलों में एक बात कॉमन है और वह है कि क्या इंडिया और पाकिस्तान के बीच के नागरिक एक दूसरे के साथ शादी कर सकते हैं. इसके लिए भारतीय कानून क्या कहा है यह बड़ा सवाल है. आइए जानते हैं.
शादी पर नहीं है रोक
मानव अधिकारों और न्याय के विषय में विचार करना बहुत जरूरी है. इस परिपेक्ष्य में भारतीय कानून व्यक्तिगत स्वतंत्रता और चुनौतियों को समझता है, जहां किसी भी बालिग व्यक्ति को अपनी पसंद के साथी से शादी करने का अधिकार होता है. भारतीय कानून किसी भी व्यक्ति को किसी दूसरे देश के नागरिक से शादी करने पर रोक नहीं लगाता है.
नोटिस देना है जरूरी
हिंदू मैरिज एक्ट और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत, हिंदू और मुस्लिम व्यक्ति अपनी पसंदीदा व्यक्ति से शादी कर सकते हैं. व्यक्तिगत सहमति के आधार पर, कोई भी बालिग व्यक्ति इस एक्ट के तहत विवाह कर सकता है. इस अधिनियम के तहत भारतीय विदेशी के साथ भी विवाह किया जा सकता है, लेकिन शादी से पहले 30 दिनों का पब्लिक नोटिस देना जरूरी होता है. इस प्रकार, किसी भी बालिग व्यक्ति को चाहे वो भारतीय हो या विदेशी, अपनी पसंदीदा व्यक्ति से साहसपूर्वक शादी करने का अधिकार होता है. ऐसे मामलों में संबंधित कानूनों का पालन करते हुए वे अपने जीवन का आगाज़ कर सकते हैं.
इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
इस तरह के मामलों में यदि कोई भारतीय विदेश में रहता है और वहां शादी करता है, तो उसे भारतीय कानूनों का पालन करना पड़ता है. उसे अपने धर्म के अनुसार विवाह करने के बाद अपनी शादी को अपने धर्म के पर्सनल लॉ के तहत रजिस्टर कराना होता है. यदि कोई विदेशी नागरिक है, तो उसे अपने देश की एंबेसी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लाना होता है. विदेशी शादीशुदा होने की स्थिति में उसे अपनी पिछली शादी की डिवोर्स डिक्री भी प्रस्तुत करनी पड़ती है. इस तरह के मामलों में संबंधित कानूनी नियमों का पालन करना जरूरी होता है.
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