नई सरकार के गठन से पहले मौजूदा सीएम को इस्तीफा देना क्यों जरूरी होता है? क्या है इसका नियम
Bihar New Govt Oath Ceremony: मुख्यमंत्री का इस्तीफा सिर्फ औपचारिक कदम नहीं, बल्कि सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का पहला संकेत है. आइए जानें कि नई सरकार के गठन से पहले इस्तीफा क्यों दिया जाता है.

बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया अब शुरू होने वाली है. 18वीं विधानसभा से जुड़ी आधिकारिक अधिसूचना आज जारी होगी और सोमवार से सभी औपचारिकताएं तेजी से पूरी की जाएंगी. इस प्रक्रिया के साथ ही विधानसभा चुनाव के दौरान लागू आदर्श आचार संहिता भी समाप्त हो जाएगी. पटना के गांधी मैदान में शपथ समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन नए सीएम के शपथ लेने से पहले, मौजूदा मुख्यमंत्री का इस्तीफा देना अनिवार्य है. आइए समझते हैं क्यों.
मुख्यमंत्री को क्यों देना होता है इस्तीफा?
भारतीय लोकतंत्र में विधानसभा चुनाव के बाद एक निश्चित प्रक्रिया होती है, जिसे संविधान ने स्पष्ट रूप से तय किया है. चुनाव नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री का इस्तीफा इसलिए भी जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह शासन और सत्ता को संवैधानिक और शांतिपूर्ण रूप से सुनिश्चित करता है. जब चुनाव में नई पार्टी या गठबंधन बहुमत हासिल करता है, तो मौजूदा मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ता है, ताकि राज्यपाल नए नेतृत्व को आमंत्रित कर सकें और सरकार का गठन हो सके.
लोकतंत्र के नियमों का पालन
संवैधानिक तौर पर, मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल विधानसभा में बहुमत पर निर्भर करते हैं. अगर कोई मुख्यमंत्री बहुमत खो देता है या चुनाव में उनकी पार्टी हार जाती है, तो वे कानूनी तौर पर अपनी स्थिति बनाए नहीं रख सकते. यही वजह है कि इस्तीफा देना सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि लोकतंत्र के नियमों का पालन है. इस्तीफा देने से यह स्पष्ट हो जाता है कि सत्ता का जिम्मा अब बहुमत प्राप्त पार्टी या गठबंधन को सौंपा जाएगा.
फिर भी जारी रहता है राज्य का कामकाज
इसके अलावा, इस्तीफा देने से प्रशासनिक कार्यों में बाधा नहीं आती है. मुख्यमंत्री की भूमिका में रहते हुए भी वे केवल कार्यवाहक बन जाते हैं, लेकिन नए सीएम के शपथ लेने तक राज्य का कामकाज जारी रहता है. इससे राज्य के प्रशासन में कोई गड़बड़ी नहीं होती और सत्ता सुचारू रूप से चलती रहती है. राजनीतिक रणनीति की नजर से भी यह कदम महत्वपूर्ण होता है.
जब मौजूदा मुख्यमंत्री इस्तीफा देते हैं, तो यह विपक्ष और जनता दोनों के सामने यह संकेत है कि शासन का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है. राजनीतिक दल अक्सर इसे जनता के प्रति जिम्मेदारी दिखाने के तौर पर भी पेश करते हैं.
Source: IOCL























