ISS से कितना छोटा होगा भारत का स्पेस स्टेशन, इसमें एस्ट्रोनॉट्स के लिए होंगे कितने कमरे?
अंतरिक्ष में फिलहाल दो स्पेस स्टेशन एक्टिव हैं. एक है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन और दूसरा चीन का खुद का स्पेस स्टेशन तियांगोंग. अब भारत भी अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की तैयारी कर रहा है.

इंडियन एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कदम रखने वाले पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला इन दिनों चर्चा में हैं. वह NASA के एक्सिओम-4 मिशन के तहत 14 दिनों तक ISS में रहेंगे और वहां रखकर कई सारे प्रयोग भी करेंगे. शुभांशु शुक्ला की इस उड़ान के बाद बाद लोग स्पेस स्टेशन के बारे में बहुत ही बातें जानना चाह रहे हैं. साथ ही यह भी जानना चाह रहे हैं कि भारत अपना स्पेस स्टेशन कब तक तैयार कर कर लेगा.
ऐसे में चलिए जानते हैं कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की तुलना में भारत का स्पेस स्टेशन कितना छोटा होगा? वहां क्या-क्या सुविधाएं मौजूद होंगी? भारतीय स्पेस स्टेशन में ISS की तुलना में कितने कमरे होंगे और वहां एक साथ कितने एस्ट्रोनॉट्स रह सकेंगे?
अभी एक्टिव हैं दो स्पेस स्टेशन
बता दें, अंतरिक्ष में फिलहाल दो स्पेस स्टेशन एक्टिव हैं. एक अमेरिका, रूस, जापान जैसे देशों के साथ मिलकर बनाया गया इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन और दूसरा चीन का खुद का स्पेस स्टेशन तियांगोंग. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हर छह महीने पर सहयोगी देशों के एस्ट्रोनॉट्स कई सारे एक्सपेरीमेंट के लिए भेजे जाते हैं. इसी तरह चीन भी कुछ महीनों के अंतराल पर स्पेस में अपने एस्ट्रोनॉट्स भेजता है. ये दोनों स्पेस स्टेशन तेजी से पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काट रहे हैं.
भारत कब तक बना लेगा अपना स्पेस स्टेशन
चीन, अमेरिका, रूस जैसे देशों की तहर भारत भी अपना स्पेस स्टेशन बनाने की तैयारी में लगा हुआ है. भारतीय स्पेस स्टेशन (BAS) को लेकर इसरो काफी तेजी से काम कर रहा है. इसका पहला मॉड्यूल 2028 में लॉन्च होने की उम्मीद है. यानी कहा जाए तो 2028 से भारत पूरी तरह से स्पेस स्टेशन स्थापित करने के काम में लग जाएगा. इसके बाद अन्य मॉड्यूल भेजे जाएंगे. मोटे तौर पर कहा जाए तो इसरो की योजना 2035 तक अंतरिक्ष में भारतीय स्पेस स्टेशन स्थापित करने की है.
भारत के स्पेस स्टेशन में होंगे कितने कमरे
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन एक फुटबॉल के मैदान जितने आकार का है. यह 109 मीटर लंबा और 75 मीटर चौड़ा है और इसका वजन करीब 4.5 लाख किलोग्राम तक है. वहीं, भारत का स्पेस स्टेशन आकार में इससे काफी छोटा होगा. यह करीब 27 मीटर लंबा और 20 मीटर चौड़ा होगा. इसका वजन भी करीब 52 टन होगा. इस स्पेस स्टेशन को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि 3 से 4 एस्ट्रोनॉट्स एक साथ तीन से छह महीने तक आराम से रह सकें. यानी भारतीय स्पेस स्टेशन में करीब 3 से 4 कमरे होंगे, जबकि इंटरनेशन स्पेस स्टेशन में करीब 7 कमरे हैं. इस स्पेस स्टेशन में छह से सात लोग और कुछ मेहमान रह सकते हैं.
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Source: IOCL





















