Explained : अगर आपको क्वॉरंटीन या आइसोलेशन में रहना पड़ा तो क्या-क्या करना होगा?
कोरोना संक्रमण के ज्यादातर मामलों में बिना इलाज के ही लोग ठीक हो जा रहे हैं. ऐसे लोगों को सिर्फ और सिर्फ आइसोलेशन में रहने की ज़रूरत होती है ताकि उनके जरिए किसी और में संक्रमण न फैल सके. इसके लिए मरीज को कुछ एहतियात बरतने होते हैं.

देश में इस वक्त कोरोना के 35 हजार से भी ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. 1147 लोगों की मौत हो चुकी है और 8888 लोग ठीक होकर अपने घरों को जा चुके हैं. फिलहाल देश में ऐक्टिव केस की संख्या 25007 है. इन केसों की संख्या में बढ़ोतरी कम से कम हो, इसके लिए देश में पिछले 38 दिनों से लॉकडाउन चल रहा है. 40 दिनों के इस लॉकडाउन की मियाद 3 मई को पूरी हो रही है और तब पता चलेगा कि भविष्य में लोगों को अपने घर से बाहर निकलने के लिए क्या एहतियात बरतने पड़ेंगे.
लेकिन जो बात हमें शुरू से पता है, वो ये है कि लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखना ही इस बीमारी का सबसे बड़ा बचाव है. बिना वजह से घर से बाहर न निकलना और बेहद ज़रूरी होने पर अपने मुंह ढंककर बाहर निकलना ही आपको कोरोना से बचा सकता है. और अगर आपको लगता है कि आप किसी कोरोना संक्रनित की चपेट में आ गए हैं या फिर आपमें कोरोना से संबंधित किसी तरह के लक्षण दिख रहे हैं तो फिर खुद को आइसोलेशन में करना ही वो उपाय है, जिसके जरिए आप अपने परिवार को कोरोना से बचा सकते हैं.
खुद को आइसोलेशन में रखना है या फिर खुद को क्वॉरंटीन करना है, इसका फैसला हालात पर निर्भर करता है, क्योंकि दोनों ही दो अलग-अलग तरीके हैं. क्वॉरंटीन उन सेहतमंद लोगों के लिए है, जो या तो किसी कोरोना प्रभावित देश से लौटकर वापस आए थे या फिर किसी कोरोना पॉजिटिव के सीधे संपर्क में आए थे. ऐसे लोगों को क्वॉरंटीन में रहने की ज़रूरत होती है. इसका सीधा सा मकसद है कि ऐसे लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए. इस क्वॉरंटीन की अवधि 14 दिनों की होती है, जिसमें आदमी अपने परिवार या फिर अपने रूममेट्स के साथ रह सकता है.
वहीं आइसोलेशन ऐसे लोगों के लिए है, जिनमें कोरोना के लक्षण साफ-साफ दिख रहे हों या फिर उनका कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव आया हो. इसका मकसद है संक्रमित व्यक्ति के जरिए होने वाले वायरस के प्रसार को तब तक रोकना, जब तक कि कोरोना प्रभावित शख्स ठीक न हो जाए. अगर आपको भी लगता है कि आपने कोरोना का संक्रमण हो गया है, तो फिर ये ज़रूरी है कि आप खुद को अपने पॉर्टनर से, अपने रूममेट से, अपने बच्चे से या फिर अपने माता-पिता से खुद को अलग कर लें. इस बात को बिल्कुल सख्ती से लागू करें कि आपसे मिलने के लिए कोई न आए और अगर किसी मज़बूरी के तहत आपके पास कोई आए तो वो कम से कम छह फीट की दूरी से ही मिले.
इसके अलावा किसी भी हाल में आपको पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कोई ऐसी गाड़ी, जिसका इस्तेमाल कोई दूसरा भी करता हो, जैसे कैब तो फिर आपको उस गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके अलावा बिना डॉक्टर को बताए आपको अपने घर से बाहर नहीं जाना चाहिए. घर में आइसोलेशन के दौरान आपके इस्तेमाल वाले रूम और बाथरूम का इस्तेमाल किसी और को नहीं करने देना चाहिए. क्योंकि आप फर्श के जिस हिस्से को छूते हैं या फिर फर्श के जिस हिस्से पर आपके खांसने की छीटें जाती हैं, वो हिस्सा कोरोना से संक्रमित हो सकता है. ऐसे में हर संभव कोशिश करें कि आपके आस-पास कोई आ जा न सके.
इसके अलावा घर में खुद को क्वॉरंटीन करने के दौरान आपको किसी और के साथ खाना शेयर नहीं करना चाहिए, पानी पीने का ग्लास, कप, खाने की थाली, तौलिया या बेड किसी और के साथ शेयर नहीं करना चाहिए. इन चीजों का इस्तेमाल करने के बाद आपको खुद ही इनकी सफाई करनी चाहिए. खिड़की-दरवाजे के हैंडल, मेज का ऊपरी हिस्सा, टॉयलेट, कीबोर्ड, फोन, टैबलेट ये सब घर की वो चीजें हैं, जिन्हें सबसे ज्यादा छुआ जाता है और जिनके जरिए संक्रमण फैलने की आशंका सबसे ज्यादा होती है. लिहाजा इन्हें हमेशा साफ करते रहें साथ ही जितना ज्यादा संभव हो, फर्श की साफ-सफाई करते रहें.
इसके अलावा ये आपके घर के लोगों की जिम्मेदारी है कि वो आपके लिए ज़रूरी चीजों का इंतजाम करते रहें. घर में अगर गर्भवती हो या फिर कोई बुजुर्ग हो तो उसे हर हाल में आपसे दूर रहना चाहिए. इसके अलावा घर में कम से कम एक आदमी ऐसा हो, जो हर वक्त आपकी मेडिकल कंडीशन पर नज़र रखे हो और स्थितियां खराब होने पर डॉक्टर से संपर्क कर सके.
घर में आइसोलेशन के दौरान भी अगर आपको खांसी आती है या छींक आती है तो आपको टिश्यू पेपर के जरिए मुंह और नाक ढंक लेना चाहिए और इस्तेमाल के तुरंत बाद उस टिश्यू पेपर को फेंक देना चाहिए. इसके तुरंत बाद आपको साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकेंड तक अपने हाथ धोने चाहिए. हालांकि आपको यूं भी समय-समय पर हाथ धोते रहना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आप अपनी आंख, नाक और मुंह को बिना हाथ धोए न छू पाएं.
अगर कोई बेहद ज़रूरी काम हो और किसी को आपसे मिलना ही हो तो ऐसी स्थिति में आपको मास्क लगा लेना चाहिए. साथ ही जो भी आपके करीब आ रहा हो, उसका भी मास्क लगाना ज़रूरी है. अगर मास्क सर्जिकल न हो तो आप घर में बनाया मास्क भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा आपको खुद की सेहत पर नज़र बनाए रखनी होगी. अगर थोड़ा सा भी लगता है कि दिक्कत बढ़ रही है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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Source: IOCL























