कर्ज में डूबकर कंगाल हो गया था 250 फिल्में करने वाला एक्टर, कहा था- 'डिस्ट्रीब्यूटर्स ने मुझे खून के आंसू रुलाए'
Rajendra Nath Story: राजेंद्र नाथ बॉलीवुड के टॉप एक्टर थे. लेकिन एक गलती के चलते वे कर्ज में डूब गए थे. तब उन्होंने कहा था कि डिस्ट्रीब्यूटर्स ने उन्हें खून के आंसू रुलाए थे.
Rajendra Nath Story: राजेंद्र नाथ बॉलीवुड के मशहूर एक्टर कॉमेडियन थे. उनके अभिनय का हर कोई कायल था. वहीं उनकी कॉमेडी भी गजब हुआ करती थी. राजेंद्र नाथ ने 60 और 70 के दशक में खूब नाम कमाया था. उन्हें साल 1961 की फिल्म 'जब-जब फूल खिले' से काफी पॉपुलैरिटी हासिल हुई थी.
इस फिल्म में राजेंद्र ने पोपटलाल नाम का किरदार निभाया था. बाद में एक्टर इसी नाम से पहचाने जाने लगे. बता दें कि राजेंद्र नाथ बॉलीवुड के पॉपुलर एक्टर प्रेम नाथ के छोटे भाई थे. जबकि राज कपूर उनके जीजा थे. राज कपूर की शादी प्रेम और राजेंद्र की बहन कृष्णा से हुई थी.
डॉक्टर बनना चाहते थे राजेंद्र
राजेंद्र का जन्म मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में 8 जून 1931 को हुआ था. उनके पिता मध्यप्रदेश के रीवा के आईजी ऑफ पुलिस थे. राजेंद्र डॉक्टर बनने के ख्वाब देखते थे. लेकिन उन्होंने और उनके भाई प्रेम नाथ ने फिल्मी दुनिया की राह चुनी थी. फिल्मों में करियर बनाने के लिए राजेंद्र मुंबई आ गए थे.
250 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
राजेंद्र नाथ ने भाई प्रेम के कहने पर मुंबई का रुख किया था. मुंबई आने के बाद उन्होंने पृथ्वी थिएटर में काम करना शुरु किया. इस दौरान एक्टर ने पठान, दीवार, आहुति और शकुंतला जैसे नाटकों में काम किया. बाद में फिल्मी सफर शुर हुआ. लेकिन शुरुआत में असफलता हाथ लगी, लेकिन फिल्म 'जब-जब फूल खिले' में पोपटलाल के किरदार ने उन्हें खास पहचान दिलाई. उन्होंने अपने लंबे और सफल करियर में 253 फिल्मों में काम किया था.
इस फैसले से हो गए थे कंगाल
सफल एक्टर बनने के बाद राजेंद्र ने बतौर फिल्ममेकर फिल्म 'द गेट क्रेशर' बनाने का फैसला लिया और अपना सारा पैसा फिल्म पर लगा दिया. उन्होंने लीड रोल के लिए रणधीर कपूर और नीतू कपूर को कास्ट किया था. उन्हें फिल्ममेकिंग का कोई नॉलेज नहीं था. इसके चलते 10 दिन बाद ही फिल्म की शूटिंग बंद करनी पड़ी.
फिल्म की शूटिंग रुकने के चलते राजेंद्र को डिस्ट्रीब्यूटर्स के पैसे लौटाने थे. लेकिन वे फिल्म पर कर्ज से लिए पैसे भी लगा चुके थे. धीरे-धीरे एक्टर कर्ज में डूबते चले गए और उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी. उन्होंने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि, 'यूपी और दिल्ली के डिस्ट्रीब्यूटरों ने मुझे खून के आंसू रुलाए. मेरी स्थिति पता होते हुए भी लोगों ने मुझसे ज्यादा ब्याज लिया और एक-एक पैसे निकलवाए.' बता दें कि राजेंद्र नाथ का 13 फरवरी 2008 को निधन हो गया था.