सुशांत सिंह राजपूत की डिप्रेशन से जुड़ी दवाइयां बांद्रा के इस दुकान से खरीदीं जाती थीं
सुशांत सिंह राजपूत पहले बांद्रा स्थित 'केपरी हाइट्स' नामक इमारत में रहा करते थे. वहीं से 500 मीटर की दूरी पर पाली नाका इलाके में 'सोलंकी मेडिकल' नामक एक दवा की दुकान है.

मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत के डिप्रेशन को लेकर तरह तरह की अटकलों और आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच एबीपी न्यूज़ ने उस मेडिकल शॉप को ढूंढ निकाला, जहां से सुशांत सिंह राजपूत के डिप्रेशन से जुड़ी दवाइयां सप्लाई की जाती थीं.
सुशांत सिंह राजपूत पहले बांद्रा स्थित 'केपरी हाइट्स' नामक इमारत में रहा करते थे. वहीं से 500 मीटर की दूरी पर पाली नाका इलाके में 'सोलंकी मेडिकल' नामक एक दवा की दुकान है. एबीपी न्यूज़ ने जब उस मेडिकल शॉप के मालिक सुरेश सोलंकी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उनकी दुकान से दो बार यानि पिछले साल 23 अक्टूबर और फिर 10 जनवरी, 2020 को डॉक्टरों द्वारा दिये गये प्रेस्क्रिप्शन के आधार पर सुशांत की डिप्रेशन कि दवाइयां खरीदीं गयीं थीं.
सुरेश सोलंकी ने एबीपी न्यूज़ को सुशांत के डिप्रेशन से जुड़ी दवाइयों के दो बिल भी दिखाए. एक बिल में डॉ. निकिता शाह का नाम दर्ज है और उनकी प्रेस्क्रिपशन पर इस दुकान से पहली बार दवाइयां दी गई थीं. दूसरी बार 10 जनवरी, 2020 को सुशांत के लिए जो दवाइयां खरीदी गई थी, उन्हें जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ. कर्सी चावड़ा द्वारा प्रेस्क्राइप किया गया था. गौरतलब है कि डॉ. कर्सी चावड़ा से मुम्बई पुलिस और सीबीआई दोनों ही सुशांत के डिप्रेशन और उन्हें प्रेस्क्राइप की गई दवाइयों को लेकर पहले ही पूछताछ कर चुकी है. खबर है कि सीबीआई ने डॉक्टर कर्सी चावड़ा से मुम्बई के हिंदूजा अस्पताल में जाकर इस संबंध में पूछताछ की थी, जहां पर डॉ. कर्सी चावड़ा अक्सर बैठते हैं.
उल्लेखनीय है कि दूसरी बार जब सुशांत की तरफ से डिप्रेशन से जुड़ी दवाइयां खरीदी गयीं थीं, उससे पहले वो बांद्रा के कार्टर रोड स्थित 'माउंट ब्लांक' इमारत में शिफ्ट हो चुके थे.
सुरेश सोलंकी ने एबीपी न्यूज़ को दोनों बार उनकी दुकान से खरीदी गई दवाइयों के बिल दिखाते हुए कहा कि दोनों बार सुशांत की ओर से डिप्रेशन, एन्जाइटी, स्लीप डिसऑर्डर आदि की दवाइयां खरीदी गई थीं. सुरेश ने कहा कि कभी सुशांत सिंह या फिर रिया चक्रवर्ती ने खुद उनकी दुकान पर आकर दवाइयां नहीं खरीदीं, बल्कि दोनों बार उनके यहां से उनका कोई स्टाफ मेम्बर दवाइयां लेने आया था.
सुरेश सोलंकी ने यह भी बताया कि कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि सुशांत की डिप्रेशन की दवाइयां खरीदने के लिए बिना प्रेस्क्रिप्शन के कोई भी उनकी दुकान पर आया हो. उन्होंने कहा कि डिप्रेशन की दवाइयां बिना प्रेस्क्रिप्शन देने की इजाजत ही नहीं है और सुशांत की तरफ से कभी ऐसी कोशिश भी नहीं हुई.
मेडिकल शॉप के मालिक ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि आखिरकार 10 जनवरी, 2020 के बाद सुशांत के डिप्रेशन की दवाइयां उनकी दुकान से क्यों नहीं खरीदी गईं. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कार्टर रोड में शिफ्ट होने के बाद उन्होंने आसपास के ही किसी दुकान से डिप्रेशन की दवाइयां खरीदनी शुरू की हों, लेकिन उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
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Source: IOCL





















