Javed Akhtar क्यों नहीं बन सकते हिंदू? इस्लामिक नियमों का नहीं करते पालन
Javed Akhtar on Religion: जब जावेद अख्तर से त्योहारों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो अपनी पत्नी के साथ सभी त्योहार मनाते हैं. मुस्लिम परिवार में जन्म लेने के कारण ही वो इसे निभा रहे हैं.
Javed Akhtar on Religion: बॉलीवुड के फेमस डायलॉग्स राइटर, गीतकार और शायर जावेद अख्तर हर मुद्दे पर बेबाकी के साथ अपना व्यूज रखते हैं. हाल ही में जावेद अख्तर ने खुद को नास्तिक बताते हुए कहा है कि उनकी किसी धर्म में आस्था नहीं है, वो हर त्योहार अपना समझकर मनाते हैं. जावेद अख्तर ने एक पॉडकास्ट में मुस्लिम और हिंदू धर्म पर खुलकर बातें की हैं.
जावेद अख्तर ने हिंदू, मुस्लिम, क्रिश्चियन और बाकी धर्मों को लेकर कहा है कि हम भारतीय हैं और हर धर्म का सम्मान करना चाहिए, उसे सेलिब्रेट करना चाहिए, यही भारतीयों की खूबसूरती है. चलिए आपको बताते हैं इस इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने और क्या-क्या कहा है?
नास्तिक जावेद अख्तर का मुस्लिम होना है मजबूरी?
एक निजी यूट्यूब चैनल के पॉडकास्ट में जावेद अख्तर ने धर्मों को लेकर अपने व्यूज रखे हैं. जब उनसे पूछा गया कि बचपन से वो मुस्लिम परिवार में रह रहे हैं, ऐसे में इस्लाम को लेकर आपके क्या ख्याल रहे हैं. इसपर जावेद अख्तर कहा, 'मेरा जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ, परवरिश भी वैसे ही हुई, मेरी तालीम की शुरुआत हर मुस्लिम की तरह ही हुई लेकिन टीनएज में आने के बाद मैं नास्तिक मुस्लिम बन गया. क्योंकि मैं मुस्लिम घर में जन्मा हूं इसलिए इसे निभा रहा हूं, इसी वजह से मैं हिंदू भी नहीं बन सकता.'
ट्रोल होने पर क्या बोले जावेद अख्तर?
जब जावेद अख्तर से पूछा गया कि उन्हें सोशल मीडिया पर 'जिहादी' बुलाया जाता है और अलग-अलग तरह से ट्रोल किया जाता है तो उनका रिएक्शन क्या होता है. इसपर जावेद अख्तर ने कहा, 'मुझे हंसी आती है जब लोग मुझे मेरे धर्म को लेकर ट्रोल करते हैं. बहुत से लोग मुझे जिहादी बुलाते हैं, कई लोग तो कहते हैं मुझे पाकिस्तान चले जाना चाहिए. लेकिन मैं उन बातों को मजाक के तौर पर लेता हूं.'
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क्यों नास्तिक हैं जावेद अख्तर?
जावेद अख्तर से जब पूछा गया कि वो एक धर्म का ठीक से पालन क्यों नहीं करते हैं. इसपर जावेद अख्तर ने कहा, 'मेरी परवरिश मुस्लिम फैमिली में हुई. मेरे दादा, पिता सभी नमाजी थे लेकिन मैं नहीं बन पाया. मुझे ईद भी पसंद है और बाकी त्योहारों को मनाना भी पसंद है.'
जावेद ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि धर्म सोसाइटी के प्रेशर से निभाया जाता है, और जो चीज प्रेशर से निभाई जाए वो बोझ होता है, मैं उसमें नहीं रहना चाहता. मैं और मेरी वाइफ शबाना ईद भी मनाते हैं, हम होली और दिवाली या क्रिसमस भी मनाते हैं. शबाना मेरी इस सोच का समर्थन करती हैं, इसके लिए मैं थैंकफुल हूं.'
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