![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
जब डाकू का किरदार निभाने के लिए असली डाकुओं के बीच जा पहुंचे थे सुनीत दत्त
बात उन दिनों की है जब सुनील दत्त हिंदी सिनेमा में मशहूर हो चुके थे. फिर साल1963 में उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस की शुरूआत की. सुनील दत्त के प्रोड्क्शन हाउस में बनने वाली पहली फिल्म का नाम था 'ये रास्ते हैं प्यार के'.
![जब डाकू का किरदार निभाने के लिए असली डाकुओं के बीच जा पहुंचे थे सुनीत दत्त Bollywood star actor Sunil Dutt plays the dacoit Thakur Jarnail Singh Shoot happen in Chanbal जब डाकू का किरदार निभाने के लिए असली डाकुओं के बीच जा पहुंचे थे सुनीत दत्त](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/06/06211501/sunil-dutt.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
बात उन दिनों की है जब सुनील दत्त हिंदी सिनेमा में मशहूर हो चुके थे. फिर साल 1963 में उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस की शुरूआत की. सुनील दत्त के प्रोड्क्शन हाउस में बनने वाली पहली फिल्म का नाम था 'ये रास्ते हैं प्यार के', जिसके बाद उन्होंने दूसरी फिल्म 'मुझे जीने दो' बनाई, जिसमें उन्होंने डाकू ठाकुर जरनैल सिंह का किरदार निभाया था. इस किरदार करीब से जानने के लिए सुनील दत्त चंबल जा पहुंचे ताकि वो डाकुओं का रहन सहन करीब से जान पाएं, लेकिन चंबल में उनके साथ कुछ ऐसी घटनाएं घटी जो उन्हें जिंदगी भर की यादें दे गई.
फिल्म 'मुझे जीने दो’ में सुनील दत्त की हीरोइन थीं वहीदा रहमान. फिल्म में एक सीन था जिसमें वहीदा रहमान को सुनील दत्त को थप्पड़ मारना था. हालांकि इस एक सीन के लिए सुनील ने वहीदा से 15-20 थप्पड़ खाए थे. दरअसल, जब वहीदा रहमान सुनील दत्त को थप्पड़ मारती तो उनकी आंखें बंद हो जाती थीं. लेकिन डाकू तो हमेशा अकड़ और रौब में रहता है तो वो एक थप्पड़ से डरकर आंखे बंद कैसे कर सकता है, इसी वजह से अपने किरदार को सार्थक करने के लिए सुनील दत्त बार-बार वहीदा रहमान से थप्पड़ खाते रहे.
वहीं इस फिल्म की शूटिंग के वक्त वहीदा रहमान सुनील दत्त से बहुत चिढ़ती भी बहुत थीं, क्योंकि सुनील दत्त शूटिंग के दौरान टीम के लोगों के साथ काफी सख्ती से पेश आते थे. दरअसल, फिल्म की शूटिंग चंबल घाटी में हो रही थी, वहां अक्सर डाकुओं का खतरा रहता था, सुनील फिल्म के प्रड्यूसर भी थे और हीरो भी तो अपनी पूरी टीम की सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्ही के ऊपर थी, तो कभी-कभी वो थोड़ी सख्ती दिखा देते थे, इसी वजह से वहीदा रहमान को उनपर गुस्सा आता रहता था, फिर जब उन्हें फिल्म में सुनील दत्त को थप्पड़ मारने का मौका मिला तो उन्होंने भी जमकर जोरदार थप्पड़ लगाए.
फिल्म रीलीज होने के कई सालों बाद वहीदा रहमान ने अपने एक इंटरव्यू में फिल्म ‘मुझे जीने दो' से जुड़े कई किस्से शेयर किए, उन्होंने बताया कि-‘शूटिंग के वक्त निरूपा रॉय और नरगिस एक खटिया पर बैठकर अमरूद काट रही थीं, तभी अचानक से वहां सुनील पहुंचे और कहने लगे, निरूपा जी और वहीदा जी उठिए, नरगिस ने पूछा कि क्या हुआ? तो नरगिस के इस सवाल पर वो गुस्से से बोले कि ‘तुम बहुत सवाल करती हो’. वहीदा रहमान ने आगे बताते हुए कहा- हम उठे और फटाफट जीप में बैठ गए, उस वक्त सुनील दत्त के साथ बीएसएफ के कमांडर भी थे. उन लोगों ने हमें टेंट में छोड़ दिया जहां हम रहते थे. टेंट में वहां हम चार औरते और सुनील दत्त का बेटा संजय हमारे साथ था. वहां से जाते हुए सुनील जी ने कहा कि आप सब एक साथ एक ही टेंट में रहना और संजू का ध्यान रखना, तेज आवाज में बात मत करना और ना ही रेडियो का इस्तेमाल करना. हम तो सब समझ गए लेकिन संजू काफी छोटा था वो बार-बार टेंट से बाहर जाने की जिद कर रहा था. थोड़ी देर बाद सुनील जी आए और संजय को डांटते हुए चुपचाप बैठे रहने के लिए कहा.’
काफी देर के बाद सुनील जी ने हम सभी को टेंट के बाहर बुलाया और तब बीएसएफ के कमांडर ने बताया कि हमारी फिल्म के सेट के पास से डाकुओं की टोली गुजर रही थी, जिनके पास बदूकें थीं, अगर वो सेट पर आ जाते तो काफी मुश्किल खड़ी हो सकती थी. उस दिन मुझे अहसास हुआ कि सुनील आखिर यहां इतने गुस्से में क्यों रहते हैं, क्योंकि डाकुओं के इलाके में शूटिंग करना आसान बात नहीं थी.’
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)