Lok Sabha Elections 2024: फतेहपुर सीट पर BJP की हैट्रिक में सपा और बसपा बनी बाधा, समझिए सीट समीकरण और इतिहास
Lok Sabha Elections 2024: फतेहपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पिछले दो चुनावों में जीत हासिल की है. लेकिन इस बार सपा और बसपा ने ओबीसी उम्मीदवार उतारकर बीजेपी के लिए मुकाबला मुश्किल बना दिया है.

Lok Sabha Elections 2024: यूपी के फतेहपुर लोकसभा सीट पर लगातार तीसरी बार जीत की तैयारी कर रही है. लेकिन समाजवादी पार्टी ने यहां से ओबीसी उम्मीदवार को उतारकर बीजेपी के राह मुश्किल कर दी है. वहीं बसपा के ओबीसी प्रत्याशी होने के साथ मुस्लिम मतदाताओं के ध्रुवीकरण से सपा को भी इस सीट पर नुकसान हो सकता है.
सपा और बसपा ने फतेहपुर संसदीय सीट पर पिछड़ी जाति के एक ही समुदाय के उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि बीजेपी ने लगातार तीसरी बार निवर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को उम्मीदवार बनाया है. यहां इस बार के आम चुनाव में भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है.
समीकरण
बहुजन समाज पार्टी के पिछड़ी जाति के उम्मीदवार से जहां जातीय मतों के ध्रुवीकरण होने से सपा को इसके नुकसान होने का अंदेशा है. वहीं दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों के ही एक ही समुदाय से होने के कारण यहां वोटों का बंटवारा हो सकता है. लोकसभा 2024 के चुनाव में इस सीट पर बसपा से बाहरी उम्मीदवार होने से सपा उम्मीदवार के स्थानीय होने का उनकी जाति का समर्थन मिलने की प्रबल संभावनाएं हैं. इस सीट पर बसपा के हाथी को दलित और अल्पसंख्यक का साथ मिला तो चुनाव त्रिकोणीय होगा. इन हालातो में जहां भाजपा तीसरी बार जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाने का इतिहास रचने के लिए तैयार है.
इतिहास
कांग्रेस को राष्ट्रीय राजनीति में पटखनी देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह फतेहपुर लोकसभा से ही वर्ष 1989 में जीते थे. जब वह तिंदवारी विधानसभा जीतकर मुख्यमंत्री बने, तब वह सीट इसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा थी। गंगा के किनारे बसे इस शहर की संसदीय क्षेत्र में हमेशा कांग्रेस काबिज रही. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र हरिकिशन शास्त्री यहां से दो बार सांसद रहे हैं. वर्ष 1989 के बाद से यहां सपा और बसपा में लड़ाई होती रही है. भाजपा को 2014 के अलावा 1993 में रामलहर के दौरान यहां सफलता मिली.
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Source: IOCL


















