Lok Sabha Election 2019: कौन लड़ सकता है चुनाव, जानिए क्या हैं नियम
राजनीति में भी बना सकते हैं करियर, जानिए कौन लड़ सकता है चुनाव? क्या कहता है नियम

नई दिल्ली: कई युवा आज राजनीति में करियर बनाकर देश की बेहतरी में योगदान देने का ख्वाब देखते हैं. वह राजनीति का हिस्सा बनना चाहते हैं और जनता द्वारा चुनकर उनके नेता बनकर उनकी सेवा करना चाहते हैं. राजनीति में आने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है चुनाव लड़ना. इससे पहले यह जानना भी जरूरी है कि हमारे देश में राजनीति में काफी संभावनाएं हैं. आइए आज जानते हैं कि आखिर कैसे देश की जनता का प्रतिनिधित्व राजनीति में किया जा सकता है. कैसे आप राजनीति में हिस्सा ले सकते हैं. कैसे आप चुनाव लड़ सकते हैं और इसकी क्या नियम और शर्तें हैं.
लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों के लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, ग्राम सभा या स्थानीय निकायों में कई पद होते हैं. लोकसभा (545) और राज्यसभा (250) मिलाकर 790 (इनमें से 14 मनोनीत), विभिन्न राज्यों के लिए विधायक (MLA), विधान परिषद (MLC) के 4574 से भी ज्यादा और ग्राम सभा या स्थानीय निकायों में प्रधानी (मुखिया), वार्ड पार्षद, जिला परिषद, नगर निगम/परिषद के देशभर में कई पद हैं.
क्या है लोकसभा और चुनाव लड़ने के नियाम
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 84 (बी) के तहत उम्मीदवार की उम्र 25 साल होनी चाहिए जबकि विधानसभा के लिए भी अनुच्छेद 173 (बी) के तहत 25 साल की उम्र तय की गई है.
- वह भारतीय नागरिक होना चाहिए
- वह भारत के किसी भी राज्य का वोटर हो
- आरक्षित सीट के लिए किसी भी राज्य की मान्य जाति का हो.
- वह पागल, विक्षिप्त या कोर्ट से चुनाव लड़ने पर बैन न हो.
म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन लड़ने के लिए जरूरी नियम
- कम-से-कम 21 साल उम्र हो. हर राज्य/संघ शासित राज्य की अपनी नियमावली होती है जिसके तहत कई राज्यों में जिनके तीन बच्चे हैं, उन्हें चुनाव लड़ने पर रोक होती है. कैंडिडेट जिस म्यूनिसिपल क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहता है, वहां की वोटर लिस्ट में उसका नाम हो.
ऐसा अक्सर कहा जाता है कि नेता जन्म से ही पैदा होते हैं लेकिन दिल्ली में नई पार्टी ने यह बात गलत साबित की. कोई भी देश में नेता बन सकता है बस वह इन नियमों और शर्तों को पूरा करता हो और जनता का समर्थन उसे वोटों के रूप में प्राप्त हो.
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Source: IOCL

















