छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: 18 सीटों पर वोटिंग आज, ड्रोन कैमरे से रखी जाएगी नजर, पढ़ें सीटों से जुड़ी जरूरी बातें
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 31,79,520 मतदाता मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके मंत्रिमंडल के दो सदस्यों, बीजेपी सांसद और कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं समेत 190 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर करेंगे

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार यानी 12 नवंबर को पहले चरण का मतदान होगा. राज्य के धुर नक्सल प्रभावित बस्तर और राजनांदगांव क्षेत्र के मतदाता 190 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. राज्य में पहले चरण के मतदान के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं और मतदान दलों को रवाना भी कर दिया गया है. जिन जिलों (बस्तर, कांकेर, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुरा, कोंडागांव और राजनांदगांव) में कल वोट डाले जाएंगे वह नक्सल प्रभावित हैं.
पहले चरण में हैं इतने मतदाता नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 31,79,520 मतदाता मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके मंत्रिमंडल के दो सदस्यों, बीजेपी सांसद और कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं समेत 190 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर करेंगे. जिन 18 सीटों पर मतदान होगा उनमें से 12 सीट बस्तर क्षेत्र में और छह सीट राजनांदगांव जिले में है. पहले चरण में 18 सीटों में से 12 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए और एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
रमन सिंह की सीट राजनांदगांव पर रहेगी सबकी नजर सोमवार को जिन 18 सीटों पर मतदान होगा उनमें से मुख्यमंत्री रमन सिंह की सीट राजनांदगांव पर देश भर की नजर रहेगी. इस सीट पर रमन सिंह के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला चुनाव मैदान में है. शुक्ला को मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने वाजपेयी के नाम पर बीजेपी को मिलने वाले वोटों पर सेंध लगाने की कोशिश की है.
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चुनाव मैदान में हैं रमन सरकार के ये मंत्री रमन सिंह ने साल 2013 के विधानसभा के चुनाव में उदय मुदलियार की पत्नी अल्का मुदलियार को हराया था. उदय मुदलियार की नक्सलियों ने झीरम घाटी हमले में हत्या कर दी थी. पहले चरण के मतदान में मंत्री केदार कश्यप और महेश गागड़ा नारायणपुर और बीजापुर से चुनाव मैदान में है. उनके खिलाफ कांग्रेस ने चंदन कश्यप और विक्रम मंडावी को उतारा है.
ये बीजेपी सांसद भी लड़ रहे हैं विधानसभा चुनाव पहले चरण में बीजेपी की ओर से कांकेर से लोकसभा सांसद विक्रम उसेंडी अंतागढ़ सीट से उम्मीदवार हैं. विक्रम उसेंडी के खिलाफ कांग्रेस के अनूप नाग हैं. साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में विक्रम उसेंडी ने अंतागढ़ से जीत हासिल की थी लेकिन बाद में पार्टी ने उन्हें साल 2014 में कांकेर लोकसभा सीट के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में उसेंडी को जीत मिली थी और अंतागढ़ में उपचुनाव होने के बाद यह सीट फिर से बीजेपी को मिल गई थी.
चुनाव मैदान में हैं कांग्रेस के नौ विधायक पहले चरण के चुनाव में बीजेपी की ओर से विधायक संतोष बाफना और सरोजनी बंजारे, जगदलपुर और डोंगरगढ़ सीट से उम्मीदवार हैं. वहीं कांग्रेस के नौ विधायक भानुप्रतापपुर से मनोज सिंह मंडावी, कोंडागांव से मोहन लाल मरकाम, बस्तर से लखेश्वर बघेल, चित्रकोट से दीपक कुमार बैज, दंतेवाड़ा से देवती कर्मा, कोंटा से कवासी लखमा, खैरागढ़ से गिरीवर जंघेल, केसकाल से संतराम नेताम और डोंगरगढ़ से दलेश्वर साहू पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है.
दंतेवाड़ा सीट से उम्मीदवार देवती कर्मा पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं. महेंद्र कर्मा ने बस्तर क्षेत्र में सलवा जुडूम आंदोलन की शुरूवात की थी. 25 मई साल 2013 को झीरम हमले में कर्मा की मृत्यु हुई थी. देवती कर्मा के खिलाफ भीमा मंडावी चुनाव मैदान में है.
चुनाव के लिए बनाये गये हैं 4,336 मतदान केंद्र वहीं कवासी लखमा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता हैं. कोंटा कांग्रेस की परंपरागत सीट है. इस सीट से बीजेपी के धनीराम बरसे लखमा के खिलाफ उम्मीदवार हैं. पहले चरण के मतदान में 31,79,520 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इनमें से 16,21,839 पुरूष मतदाता और 15,57,592 महिला मतदाता हैं. वहीं 89 तृतीय लिंग के मतदाता हैं. चुनाव के लिए 4,336 मतदान केंद्र बनाये गये हैं.
विधानसभा के पहले चरण की 18 सीटों में जीत लिए राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. पिछले चुनाव में सत्तधारी बीजेपी को इनमें से केवल छह सीटों पर ही जीत मिली थी. बीजेपी ने इस बार इस क्षेत्र में अधिक से अधिक सभाएं लेकर जनता को आकर्षित करने का प्रयास किया है और एजुकेशन हब, आजीविका कालेज, नक्सल समस्या पर लगाम जैसे मुद्दे उठाए हैं.
इन क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत अन्य नेताओं ने रैलियां की और अपनी पार्टी के लिए वोट मांगा.
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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन सीटों पर पांच सभाएं और रोड शो कर मुख्यमंत्री रमन सिंह, क्षेत्र के सांसद और उनके बेटे अभिषेक सिंह पर कई आरोप लगाए. गांधी ने राज्य में चिटफंड और पनामा पेपर समेत अन्य मुद्दों को उठाया है छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में मतदान होगा. पहले चरण में सोमवार 12 नवंबर को नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सात जिलों और राजनांदगांव जिले के 18 सीटों के लिए मतदान होगा. वहीं 20 नवंबर को 72 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे.
राज्य में बीजेपी पिछले 15 सालों से सत्ता में है और इस बार उन्होंने 65 सीटें जीतकर चौथी बार सरकार बनाने का लक्ष्य रखा है. वहीं कांग्रेस को भरोसा है इस बार उन्हें जीत मिलेगी और 15 साल का उनका वनवास समाप्त होगा. राज्य के दोनों प्रमुख दल सरकार बचाने और बनाने को लेकर आमने सामने हैं.
1 लाख से ज्यादा सुरक्षाबल तैनात, ड्रोन कैमरे से रखी जाएगी नजर छत्तीसगढ़ के बस्तर रेंज में कल होने वाले मतदान के लिए सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किये गए हैं. बस्तर रेंज में आने वाली 12 विधानसभा सीटों पर क़रीब 1 लाख सुरक्षा जवान लगाए गए हैं. इसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, आरपीएफ, एसएपी और छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान शामिल हैं. साथ ही कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के जवान भी शामिल किए गए हैं.
कंपनी के लिहाज़ से बात करें तो कुल 496 कंपनियां सुरक्षा के लिए तैनात की जाएंगी. सुरक्षा की दृष्टि से इस बार 50 ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल भी किया जाएगा. सुरक्षा कंपनियां कहां हैं, इसकी जानकारी के लिए ट्रैकर भी लगाए जा रहे हैं, ताक़ि सभी कंपनियों का रियल टाइम लोकेशन पाया जा सके.
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आईजी रेंज बस्तर विवेकानंद ने कहा कि ड्रोन से नक्सलियों का पता लगाकर सुरक्षाबलों को सूचित किया जा रहा है, ताक़ि उनकी घेरेबंदी की जा सके. कुछ जगहों पर नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया गया है. बस्तर संभाग में आज (रविवार को) 7 जिलों में क़रीब 20 आईईडी बरामद किए गए हैं.
तकनीक का इस्तेमाल कर कोशिश की जा रही है कि मतदान प्रक्रिया को बेहतर तरीक़े से पूरा किया जा सके. बस्तर रेंज में कुल 2859 बूथों में से क़रीब 70 फीसदी बूथ अति-संवेदनशील श्रेणी के हैं. सुरक्षा के लिए 10 हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं जिससे निगरानी रखी जायेगी.
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