TIME के सीईओ ऑफ द ईयर नील मोहन की सैलरी कितनी, यूपी के किस शहर से कनेक्शन?
भारतीय मूल के नील मोहन को TIME ने 2025 का CEO ऑफ द ईयर चुना. YouTube को ग्लोबल कंटेंट प्लेटफॉर्म बनाने में उनके योगदान और भारत से जुड़े उनके सफर की चर्चा हो रही है.

भारतीय मूल के नील मोहन को TIME मैगजीन ने 2025 का CEO ऑफ द ईयर चुना है. मोहन इस साल की इस टॉप लिस्ट में इसलिए शामिल हुए क्योंकि उन्होंने YouTube को ग्लोबल कल्चरल कंजम्पशन यानी दुनिया के डिजिटल कंटेंट के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म में बदलने में अहम भूमिका निभाई है.
नील मोहन कौन हैं?
नील मोहन का जन्म 1973 में अमेरिका के मिशिगन राज्य के एन आर्बर में हुआ था. उनके माता-पिता तमिल मूल के थे. 1980 के दशक में उनके परिवार का यूपी के लखनऊ से गहरा कनेक्शन जुड़ा. लखनऊ में बड़े होने के दौरान नील ने हिंदी अच्छी तरह सीखी और संस्कृत की पढ़ाई भी की. उन्होंने संस्कृत के नियम और संरचना की तुलना कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से की, जिसे बाद में उन्होंने अपने करियर में काफी मददगार पाया.
नील और उनके दो भाई आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका लौट आए. मोहन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से अंडरग्रेजुएट डिग्री और एमबीए की. हालांकि उनके परिवार को जीवन का बड़ा दुःख भी सहना पड़ा, जब उनके छोटे भाई अनुज की 30 साल की उम्र में स्विमिंग पूल एक्सीडेंट में मौत हो गई.
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नील मोहन की सैलरी कितनी है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, YouTube के CEO नील मोहन की बेसिक सैलरी लगभग 3.1 करोड़ रुपये प्रति माह है. इसके अलावा उनके टोटल पैकेज में बोनस, स्टॉक ऑप्शन और अन्य इंसेंटिव शामिल होते हैं. यही वजह है कि उनकी कुल कमाई कहीं अधिक हो सकती है.
नील मोहन का करियर
नील मोहन ने अपना करियर कंसल्टिंग से शुरू किया, जिसके बाद उन्होंने डिजिटल एडवरटाइजिंग स्टार्टअप NetGravity जॉइन किया. बाद में DoubleClick ने इस स्टार्टअप को खरीद लिया, और मोहन वहीं जुड़े रहे. 2007 में उन्होंने Google के साथ मिलकर DoubleClick की 3.1 बिलियन डॉलर की डील को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई. इस दौरान उन्हें Twitter में जाने का भी ऑफर मिला था, लेकिन रिटेंशन ऑफर मिलने के बाद उन्होंने Google में ही बने रहने का निर्णय लिया.
Google और YouTube में मोहन की जिम्मेदारियां तेजी से बढ़ती गईं. उन्होंने YouTube के ग्लोबल बिजनेस, एडवरटाइजिंग स्ट्रेटेजी और डिजिटल कंटेंट स्ट्रक्चर को सुधारने में मुख्य भूमिका निभाई. यही वजह है कि उन्हें अब TIME द्वारा CEO ऑफ द ईयर का खिताब मिला.
नील मोहन और भारत का कनेक्शन
नील मोहन का भारत से गहरा नाता है. लखनऊ में बिताया गया समय, हिंदी और संस्कृत की पढ़ाई, और भारतीय सांस्कृतिक समझ ने उनके करियर को वैश्विक स्तर पर भी एक अलग पहचान दी. वे भारतीय मूल के होने के बावजूद पूरी दुनिया में अपने डिजिटल विजन और रणनीतियों के लिए जाने जाते हैं.
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Source: IOCL






















