जेईई मेंस और जेईई एडवांस में क्या होता है अंतर, तैयारी करने जा रहे हैं तो जान लीजिए अंतर?
क्या आपको पता है जेईई मेंस और जेईई एडवांस में अंतर अगर नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं पूरी डिटेल्स...

भारत में इंजीनियर बनने का सपना देखने वाले लाखों छात्रों के लिए जेईई परीक्षा सबसे बड़ा पड़ाव मानी जाती है. हर साल 12वीं के साथ-साथ कई छात्र दिन-रात मेहनत कर इस परीक्षा की तैयारी करते हैं. लेकिन तैयारी के दौरान एक सवाल लगभग हर छात्र और अभिभावक के मन में आता है कि आखिर जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड में क्या अंतर है. दोनों के नाम मिलते-जुलते हैं, सिलेबस भी लगभग एक जैसा है, फिर भी इनके नियम, स्तर और मकसद अलग-अलग हैं.
क्या है जेईई परीक्षा
जेईई यानी जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन, देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा है. इसके जरिए देश के बड़े और नामी इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला मिलता है. यह परीक्षा दो चरणों में होती है- पहला जेईई मेन और दूसरा जेईई एडवांस्ड. दोनों परीक्षाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं, लेकिन एक जैसी नहीं हैं.
जेईई मेन क्या है
जेईई मेन का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए करती है. यह परीक्षा इंजीनियरिंग की दुनिया में पहला कदम मानी जाती है. जेईई मेन के जरिए छात्रों को देश के 31 एनआईटी, 26 आईआईआईटी, कई सरकारी तकनीकी संस्थानों और कई निजी कॉलेजों में दाखिला मिलता है. इसके साथ ही जेईई मेन, जेईई एडवांस्ड के लिए एक तरह से छंटनी परीक्षा भी है. यानी जब तक आप जेईई मेन पास नहीं करेंगे, तब तक जेईई एडवांस्ड देने का मौका नहीं मिलेगा.
जेईई एडवांस्ड क्या है?
जेईई एडवांस्ड का आयोजन हर साल देश के अलग-अलग आईआईटी मिलकर करते हैं. यह परीक्षा ज्यादा कठिन मानी जाती है. इसके जरिए देश के 23 आईआईटी में दाखिला मिलता है. आईआईटी में पढ़ाई का सपना देखने वाले छात्रों के लिए जेईई एडवांस्ड सबसे अहम परीक्षा होती है. जेईई मेन में अच्छे अंक लाने वाले सीमित छात्रों को ही जेईई एडवांस्ड में बैठने का मौका मिलता है.
कितनी बार दे सकते हैं परीक्षा
जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड दोनों में प्रयासों की सीमा तय है. जेईई मेन छात्र कुल तीन बार दे सकते हैं 12वीं में रहते हुए और उसके बाद लगातार दो साल. वहीं जेईई एडवांस्ड केवल दो बार दिया जा सकता है 12वीं के साल और उसके अगले साल. इसके बाद मौका नहीं मिलता.
परीक्षा का पैटर्न
- जेईई मेन तीन घंटे की कंप्यूटर आधारित परीक्षा होती है. इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स से सवाल पूछे जाते हैं और तीनों का वेटेज बराबर होता है. इसमें बहुविकल्पीय सवाल और न्यूमेरिकल सवाल आते हैं. कुछ सवालों में गलत जवाब पर अंक कटते हैं.
- जेईई एडवांस्ड में दो पेपर होते हैं पेपर 1 और पेपर 2. दोनों तीन-तीन घंटे के होते हैं. इसमें सवालों का तरीका अलग होता है. कभी मल्टीपल चॉइस, कभी न्यूमेरिकल और कभी मैचिंग टाइप सवाल पूछे जाते हैं. इसका पैटर्न हर साल थोड़ा बदल सकता है .
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