बिहार में NDA ने चल दी चाल, जातीय गणना के ऐलान से नाराज अगड़ी जाति को खुश करने की बड़ी कोशिश
Rajiv Ranjan: जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि इस निर्णय को चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. बिहार सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है.

Upper Caste Commission: बिहार में नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. उच्च जाति के विकास के लिए आयोग का गठन किया गया है. दरअसल बिहार की सियासत जाति के इर्द-गिर्द घूमती है. इस निर्णय को जातीय समीकरण साधने के नजरिए से देखा जा रहा है. वहीं बिहार में जातीय गणना हो चुकी है. और केंद्र ने भी राष्ट्रीय स्तर पर जातीय गणना कराने का फैसला किया है.
उच्च जाति के विकास के लिए आयोग
दरअसल बिहार में इसी साल चुनाव है. सवर्ण एनडीए के परंपरागत वोटर है. कहा जा रहा कि जातीय गणना को लेकर सवर्णों में नाराजगी है. यह फैसला नाराजगी दूर करने के तौर भी देखा जा रहा है. उच्च जाति के विकास के लिए आयोग का जो गठन हुआ है उसका अध्यक्ष वरिष्ठ बीजेपी नेता महाचंद्र सिंह को बनाया गया है, जबकि जदयू को राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सीनियर लीडर राजीव रंजन प्रसाद के उपाध्यक्ष बनाया गया है.
वहीं दयानंद राय, जय कृष्ण झा, राजकुमार सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. इस आयोग का कार्यकाल तीन साल का होगा. गौरतलब है कि बिहार में पहले भी सवर्ण आयोग हुआ करता था. नीतीश कुमार ने इसका पुनर्गठन करने की घोषणा की है.
हालांकि जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए साफ कहा कि इस निर्णय को चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. बिहार सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है. केंद्र के ईडब्ल्यूएस को आरक्षण के निर्णय से पहले ही बिहार में सवर्ण आयोग था. सामान्य जातियों के विकास के लिए इसका पुनर्गठन हुआ है. सामाजिक न्याय के साथ विकास के रास्ते पर बिहार आगे बढ़ रहा है. सामाजिक समरसता का जो बिहार मॉडल है, उसको नकारा नहीं जा सकता.
वहीं आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि चुनाव के तीन महीने पहले उच्च जातियों के विकास के लिए आयोग का गठन किया गया है. किसको बेवकूफ बनाने की कोशिश सरकार कर रही है? पहले सवर्ण आयोग हुआ करता था. उसमें क्या काम किया गया? यह बताने की स्थिति में सरकार है क्या? पहले इसकी जानकारी देनी चाहिए थी.
शक्ति यादव ने क्या कहा?
शक्ति यादव ने कहा, "उच्च जातियों के सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक स्थिति का आकलन हुआ था. उसकी रिपोर्ट दीजिए. जिस आयोग का गठन आज हुआ, जब तक यह कामकाज शुरू करेगा तब तक बिहार में आचार संहिता लग जाएगी. फैसले के विरोध में हमलोग नहीं हैं, लेकिन जनता को सरकार गुमराह न करें."
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