लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली इंदरप्रीत पैरी हत्याकांड की जिम्मेदारी, धमकी भरा पोस्ट वायरल, पढ़ें पूरी खबर
Lawrence Bishnoi Gang News: चंडीगढ़ सेक्टर-26 में इंदरप्रीत पैरी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पोस्ट में ली. वायरल धमकी के बाद पुलिस अब मामले की पड़ताल कर रही है.

चंडीगढ़ सेक्टर-26 में इंदरप्रीत पैरी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया के जरिए लेने का दावा किया है, जिसमें आरजू बिश्नोई और हरी बॉक्सर ने पैरी को गैंग का गद्दार बताते हुए हत्या को जायज ठहराया है. घटना रविवार 30 नवंबर रात चंडीगढ़ के सेक्टर-26 में हुई और पोस्ट वायरल होने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है क्योंकि क्लब मालिकों और समर्थकों को खुली धमकियां दी गई हैं.
चंडीगढ़ सेक्टर-26 में हुए हत्याकांड के बाद सामने आई सोशल मीडिया पोस्ट ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है. पोस्ट की शुरुआत होती है ‘जय श्री राम, जय बजरंगबली’ से और उसमें दावा किया गया कि आरजू बिश्नोई, हरी बॉक्सर, शुभम लोंकर और हरमन संधू ने “नई जंग” की शुरुआत कर दी है. पोस्ट में कहा गया कि इंदरप्रीत पैरी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गद्दार बन गया था और गोल्डी बराड़ तथा रोहित गोदारा का नाम लेकर चंडीगढ़ के क्लबों से पैसे वसूलता था. आरोप यह भी लगाया गया कि पैरी पहले हरी बॉक्सर पर हमले की साजिश कर चुका था और सिप्पा हत्याकांड में शामिल था. पैरी को उसी विश्वासघात और अवैध उगाही के कारण निशाना बनाया गया.
एक-एक कर खत्म करने की धमकी
पोस्ट में धमकी भरे शब्दों का सिलसिला यहीं नहीं रुका बल्कि क्लब मालिकों और समर्थकों को सीधे चेतावनी दी गई. लिखा गया कि जो भी पैरी या उसके समूह का साथ देगा उसे “नहीं छोड़ा जाएगा”. गैंग ने कहा कि क्लब मालिक अगर विरोधी समूहों को पैसे देंगे तो उन्हें एक-एक कर खत्म किया जाएगा. पोस्ट में यहां तक दावा किया गया कि अगर जरूरत पड़े तो गैंग के सदस्य जेलों में घुसकर भी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे. सोशल मीडिया पर यह बयान वायरल होते ही चंडीगढ़ पुलिस हरकत में आ गई और साइबर टीम को कंटेंट की गहन जांच के निर्देश दिए गए. पुलिस इस गैंग पोस्ट को हत्याकांड की ठोस लीड मानकर आगे बढ़ रही है.
कौन था इंदरप्रीत पैरी?
पुलिस रिकॉर्ड की बात करें तो पैरी पर 20 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे और वह सेक्टर-33 का निवासी था. सूत्रों के अनुसार वह सिर्फ लॉरेंस बिश्नोई गैंग से ही नहीं बल्कि गोल्डी बराड़, देवेंद्र बंबीहा ग्रुप के भगवानपुरिया नेटवर्क और संपत नेहरा जैसे अपराध सिंडिकेट के संपर्क में भी सक्रिय था. इसी कारण हत्याकांड के बाद पुलिस ने पूरे इलाके में नाकाबंदी बढ़ा दी और फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी.
अधिकारियों का मानना है कि यह घटना गैंगों के बीच चल रही आर्थिक वर्चस्व की लड़ाई का हिस्सा है, जहां क्लबों, नाइटलाइफ बिजनेस और उगाही को लेकर आपसी टकराव बढ़ता जा रहा है. फिलहाल पुलिस सोशल मीडिया पोस्ट, पैरी की फोन-लोकेशन और नेटवर्क कनेक्शनों को आधार बनाकर जांच को आगे बढ़ा रही है और जल्द ही बड़े खुलासे की उम्मीद जताई जा रही है.
Source: IOCL






















