Work From Home: वर्क फ्रॉम होम आरामदायक पर लंबे समय में है हानिकारक, CRED के कुणाल शाह ये ट्वीट कर दिया नए बहस को दिया जन्म
Work From Home: कुणाल शाह ने लिखा वर्क फ्रॉम होम का युवाओं पर उतना ही असर होता है, जितना घर में पढ़ाई का असर बच्चों पर पड़ता है. कुणाल शाह आगे कहते हैं कि WFH आरामदायक लेकिन लंबे समय में हानिकारक है.
Work From Home: कोरोना महामारी का तीसरा वैरिएंट आया जिसके बाद फिर से कॉरपोरेट जगत और सरकार को अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम के तहत कार्य करने के लिए कहना पड़ा. लेकिन वर्क फ्रॉम होम के फायदे नुकसान हो लेकर बहस शुरू हो गई है. इस बहस को शुरू किया है CRED के संस्थापक कुणाल शाह ने.
फिनटेक कंपनी CRED के 38 वर्षीय संस्थापक कुणाल शाह ने लिखा, वर्क फ्रॉम होम का युवाओं पर उतना ही असर होता है, जितना घर में पढ़ाई का असर बच्चों पर पड़ता है. कोई वास्तविक बंधन नहीं. कोई वास्तविक सोशल या नेटवर्क कौशल नहीं. समझ और सीखने का भ्रम. कुणाल शाह आगे कहते हैं कि वर्क फ्रॉम होम आरामदायक लेकिन लंबे समय में हानिकारक है.
Impact of WFH on youth is the same as impact of children who study at home.
— Kunal Shah (@kunalb11) February 6, 2022
No real bonds. No real social or network skills. Illusion of understanding and learning. No osmosis.
Comfortable but damaging in the long run.
कुणाल शाह के ट्वीट ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक चर्चा को जन्म दे दिया है. जबकि कई लोग कुणाल शाह के विचार से सहमत भी हैं. कुछ ने कहा कि घर से काम करने के लाभ नुकसान से कहीं अधिक है. बिटिनिंग के संस्थापक काशिफ रजा ने लिखा, लोग साधारण काम करके कार्यालय में प्रगति नहीं करते हैं। वे नए रोमांचक विकल्प ढूंढकर प्रगति करते हैं. अन्य लोगों ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम ने दूरदराज रहने वालों के लिए अधिक अवसरों को लेकर सामने आया है.
Kunal when there was no school or college people still progressed.
— Kashif Raza (@simplykashif) February 6, 2022
People don't progress at the office by doing a mundane job they progress by finding new exciting alternatives.
Many people who did WFH are now happy & found something else to work on for the rest of their life.
With respect, disagree on this part.
— Vivek Joshi (@mejoshivivek) February 6, 2022
Some job don't require work from offices.
Most people don't love daily reporting to offices and are happy with WFH.
WHF is a step towards location based freedom for many.
कुणाल शाह पिछले दो सालों में कई बार ट्वीट कर वर्क फ्रॉम होम के फायदे और नुकसान के बारे में बता चुके हैं. 13 मार्च, 2020 को, उन्होंने लिखा कि वर्क फ्रॉम होम मीटिंग्स के लिए अधिक उत्पादक है. वर्चुअल वाले जल्दी खत्म होते हैं, अधिक केंद्रित होती है जिसमें फालतू बातें कम होती है.
I can’t be the only one who feels WFH is more productive for meetings.
— Kunal Shah (@kunalb11) March 13, 2020
Virtual ones end sooner, are more focused, have less bakar.
दरअशल कोरोनोवायरस महामारी के दौरान घर से काम करना न्यू नॉर्मल बन गया. 2020 की शुरुआत में कई कंपनियां पारंपरिक कार्यक्षेत्र से डिजिटल तक चली गईं. लगभग दो साल बाद, जैसा कि दुनिया महामारी से जूझ रही है, कई पेशेवर अभी भी घर से काम कर रहे हैं जबकि अन्य कार्यालय वापस आ गए हैं.
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