नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से बदलने जा रहे ये नियम, जानें क्या कुछ होगा इसका आप पर असर
यूपीएस यानी एकीकृत पेंशन योजना को पिछले साल केन्द्र सरकार ने अगस्त में मंजूरी दी थी और नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से लागू होने जा रहा है.

वित्त वर्ष 2025-26 यानी अगले महीने की एक तारीख से कुछ अहम बदलाव होने जा रहे हैं. इसमें कई नियामकीय और प्रमुख वित्तीय बदलाव होंगे, जिसमें यूपीएस, एमएसएमई और आयकर स्लैब की सीमा में इजाफा करने समेत कई ऐसी चीजें शामिल हैं, जिससे सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी और देश में खपत को रफ्तार मिलेगी.
आयकर स्लैब में नई कर व्यवस्था के तहत अब 12 लाख रुपये तक की आय करमुक्त रहेगी. यानी अब तक 83,200 रुपये की सालाना कमाई पर बचत कर पाएंगे. ये मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत है. नई कर व्यवस्था के तहत बुनियादी छूट की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपये की छूट करने के लिए आयकर के नए स्लैब को संशोधित किया गया है. इसके साथ ही, मिडिल क्लास को राहत देने के लिए धारा 87ए के अंतर्गत छूट के दायरे को भी पहले की तुलना में बढ़ाया गया है.
यूपीएस यानी एकीकृत पेंशन योजना को पिछले साल केन्द्र सरकार ने अगस्त में मंजूरी दी थी और नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से लागू होने जा रहा है. इसमें ये प्रवधान है कि 25 साल की सेवा के बाद रिटायर होनेवालों के लिए रिटायरमेंट के पहले के 12 महीने के औसत सैलरी के आधे के बराबर पेंशन मिलेगी.
इसके अलावा, पीएफआरडीए यानी पेंशन फंड नियमक एवं विकास प्राधिकार राष्ट्रीय पेंशन योजना के सदस्य के लिए भी यूपीएस के लागू होने पर काम किया जा रहा है. इसमें रियाटर वाले और नए शामिल होने वाले कर्मचारी शामिल होंगे. साथ ही, जिन लोगों के जीवन साथी नहीं है, वे भी इसके पात्र होंगे.
हालांकि, इसको लेकर एक असमंजस की स्थिति ये है कि ऐसा मुमकिन है कि शुरुऊत में ये योजना सिर्फ केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को बेहतर लगे, क्योंकि दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा समेत कुछ ही राज्य इसमें दिचलस्पी दिखा रहे हैं.
Source: IOCL






















