redBus के फाउंडर फणींद्र सामा को जानें, सिर्फ 5 लाख से खड़ा किया 7000 करोड़ ₹ का बिजनेस एंपायर
redBus Founder Phanindra Sama: त्योहार के सीजन में फणींद्र को अपने शहर जाने के लिए बस टिकट बुक करने में काफी संघर्ष करना पड़ा था, जिसके बाद उनके मन में इस झंझट को दूर करने का विचार आया और...

Phanindra Sama Success Story: देश में कई ऐसे उद्यमी हैं, जिन्होंने अपने बिजनेस के लिए शून्य से शिखर तक का सफर तय कर मिसाल कायम की है. ऐसा ही एक बड़ा नाम रेडबस के संस्थापक फणींद्र सामा का है, जिन्होंने 5 लाख रुपये से अपना स्टार्टअप शुरू कर कंपनी को करीब 7 हजार करोड़ की फर्म बना डाला. फणींद्र सामा को ये कामयाबी हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी. कंपनी को शुरू करने का आइडिया फणींद्र को उस दौरान आया जब वो बस में टिकट नहीं बुक करा पाए थे.
फणींद्र सामा का जन्म 15 अगस्त 1980 में तेलंगाना के निजामाबाद के एक गांव में हुआ था. फणींद्र सामा ने अपना ग्रेजुएशन बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस से पूरा किया. फणींद्र सामा रेडबस शुरू करने से पहले कई कंपनियों में काम कर चुके हैं. एक जॉब करते वक्त ही फणींद्र के मन में आया कि क्यों न अपना ही बिजनेस स्टार्ट किया जाए. इसके बाद फणींद्र सामा और उनके दो दोस्तों सुधाकर पसुपुनुरी और चरण पद्मराजू ने मिलकर रेडबस की शुरुआत की. आज के समय रेडबस का कारोबार 6985 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.
रेडबस का आइडिया मन में कैसे आया
जब फणींद्र सामा ने रेडबस की शुरुआत की तब उनके मन में एक विचार आया था. दरअसल, त्योहार के सीजन में फणींद्र को अपने शहर जाने के लिए बस टिकट बुक करने में काफी संघर्ष करना पड़ा. उसी वक्त फणींद्र ने ठान लिया कि ऐसा सिस्टम बनाया जाए, जिससे यात्रियों को झंझट से छुटकारा मिल जाए. फणींद्र सामा की लीडरशिप में रेडबस की शुरुआत हुई और इस प्लेटफॉर्म ने टिकट बुकिंग प्रोसेस को आसान बना दिया.

देशभर में लाखों ग्राहक रेडबस को मिले और बिजनेस तेजी से बढ़ने लगा. 2013 में रेडबस को दक्षिण अफ्रीका के नैस्पर्स और चीन के टेनसेंट के ज्वाइंट मेंचर इबिबो ग्रुप ने 828 करोड़ रुपये के सौदे में खरीद लिया. फणींद्र के नेतृत्व में रेडबस ने टिकटिंग सिस्टम में क्रांति ला दी. यह और ज्यादा पारदर्शी और सुविधाजनक हो गया.
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