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फंस गया 5.7 लाख निवेशकों का पैसा, BSE और NSE ने बंद कर दी इस कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग
SEBI: सेबी ने कहा है कि यह कंपनी अपने खर्चों को कम और मुनाफे को ज्यादा बता रही थी. इसके चलते बीएसई और एनएसई ने यह सख्त कदम उठाया है.
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SEBI: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने डिजिटल मार्केटिंग सोलूशंस कंपनी ब्राइटन ग्रुप (Brightcom Group) के शेयरों की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी है. इसके चलते लगभग 5.7 लाख निवेशकों का पैसा फंस गया है. यह कंपनी बाजार नियामक सेबी (SEBI) के नियमों का उल्लंघन कर रही थी. सेबी के अनुसार, कंपनी ने 2014-15 से 5 साल तक अपने खर्चों को कम और मुनाफे को ज्यादा बताया था. इसके चलते कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग पर रोक 14 जून से लागू होगी. बुधवार को कंपनी के स्टॉक ने लोअर सर्किट को छू लिया था.
वित्तीय नतीजों में कई साल से हेरफेर कर रही थी कंपनी
एनएसई ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी करके बताया कि वित्तीय नतीजों में हेरफेर के चलते सेबी के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है. सेबी ने कंपनी द्वारा दाखिल किए गए सितंबर और दिसंबर तिमाही के नतीजों पर भी सवाल खड़े किए हैं. इसलिए 14 जून, 2024 से ब्राइटन ग्रुप के स्टॉक की ट्रेडिंग बंद कर दी जाएगी. यदि कंपनी सेबी के नियमों पर खरी उतरती है तो आगे उसके शेयरों की ट्रेडिंग फिर शुरू की जाएगी. हालांकि, निलंबन के 15 दिन बाद कंपनी की सिक्योरिटीज में छह महीने के लिए हर हफ्ते के पहले कारोबारी दिन ट्रेडिंग की अनुमति दी जाएगी.
प्रमोटरों की शेयरहोल्डिंग और सिक्योरिटीज भी जब्त रहेंगी
बीएसई के अनुसार, निलंबन के दौरान प्रमोटरों की पूरी शेयरहोल्डिंग और डीमैट अकाउंट में पड़ी अन्य सभी सिक्योरिटीज भी जब्त रहेंगी. फिलहाल ब्राइटन ग्रुप के प्रमोटरों के पास इसकी 18.38 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि 81.62 फीसदी हिस्सेदारी पब्लिक के पास है. इस संकट में फंसी कंपनी में लगभग 5.7 लाख रिटेल इनवेस्टर्स के पास 37.89 फीसदी हिस्सेदारी है. दिग्गज कंपनी वैनगार्ड की भी इसमें हिस्सेदारी है. इसके अलावा एफपीआई एलजीओएफ ग्लोबल ऑपरच्युनिटी फंड की इसमें 2.48 फीसदी, दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा की 1.14 फीसदी और सुब्रतो साहा की 2.02 फीसदी हिस्सेदारी है.
बीएसई-एनएसई पर ब्राइटन ग्रुप के स्टॉक ने लोअर सर्किट को छू लिया
हैदराबाद की इस कंपनी पर सेबी की नजर पिछले 2 साल से थी. जानकारियां छिपाने के आरोप में इसके खिलाफ जांच की जा रही थी. सेबी ने कहा कि कंपनी वित्तीय नतीजों में हेरफेर कर फर्जीवाड़ा कर रही थी. कंपनी ने लगभग 1280 करोड़ रुपये की जानकारी छिपाई है. बुधवार को बीएसई और एनएसई पर ब्राइटन ग्रुप के स्टॉक ने लोअर सर्किट को छू लिया था.
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