क्या आपको भी है अंबानी और आम के इस कनेक्शन की खबर? जानें क्या है पूरा मामला
Mukesh Ambani: 600 एकड़ में फैले इस बाग में 1.3 लाख से भी ज्यादा आम के पेड़ हैं. बाग में आम की 200 से ज्यादा किस्में हैं. इनमें केसर, अलफांसो, रत्ना, सिंधु, नीलम और आम्रपाली प्रमुख हैं.

Mukesh Ambani: देश के जाने-माने बिजनेस टायकून मुकेश अंबानी पेट्रोलियम, टेलीकम्युनिकेशंस और रिटेल सेक्टर से जुड़े हैं इससे तो हम सभी वाकिफ हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड दुनिया की सबसे बड़ी आम एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी भी है.
1997 में हुई सफर की शुरुआत
इस सफर की शुरुआत 1997 में हुई, जब रिलायंस को गुजरात में जामनगर रिफाइनरी में गंभीर प्रदूषण के मुद्दों का सामना करना पड़ा. पर्यावरण को लेकर बढ़ती चिंताओं और और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चेतावनियों के चलते रिलायंस ने रिफाइनरी के आसपास की बंजर जमीन को हरे-भरे आम के बाग में बदलने का फैसला लिया. इस पहल का मकसद इंडस्ट्रियल एरिया के चारों ओर एक ग्रीन बेल्ट बनाना था, जिससे प्रदूषण को काबू में रखा जा सके.
600 एकड़ में फैला हुआ है बाग
रिलायंस के फाउंडर धीरूभाई अंबानी के नाम पर इस बाग का नाम धीरूभाई अंबानी लखीबाग अमराई रखा गया, जो 600 एकड़ में फैला हुआ है. इसमें 1.3 लाख से भी ज्यादा आम के पेड़ हैं. बाग में आम की 200 से ज्यादा किस्में हैं. बाग का नाम 16वीं सदी में मुगल बादशाह अकबर द्वारा बनाए गए ऐतिहासिक लखीबाग बाग से भी प्रेरित है.
शुरुआत में यहां आम की पैदावार को लेकर संदेह रहा क्योंकि तेज हवाओं, पानी और मिट्टी में लवणता का डर था. हालांकि, सही टेक्नीक को अपनाते हुए आम की खेती की गई, तो पैदावार भी खूब हुई. दुनिया में कहीं भी इतने बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक रूप से सफल आम की खेती कहीं और नहीं मिल सकती.
एक से बढ़कर एक आम की किस्में
बाग में केसर, अलफांसो, रत्ना, सिंधु, नीलम और आम्रपाली जैसी आम की कई किस्में उगाई जाती हैं. इसके अलावा, फ्लोरिडा से टॉमी एटकिंस व केंट और इजरायल से लिली, कीट और माया जैसी कई अंतर्राष्ट्रीय आमली की किस्में भी बाग की शान बढ़ा रहे हैं. बाग में उगाई जाने वाली इन खास किस्मों की आम की डिमांड अमेरिका जैसे दुनिया के कई देशों में है. इसी तरह से बाकी दूसरी इंडस्ट्रीज की तरह रिलायंस ने आम एक्सपोर्ट में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी है.
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