Minimum Wage Rate Hike: त्योहारों पर असंगठित सेक्टर में काम करने वाले वर्कर्स के लिए खुशखबरी, सरकार ने बढ़ाया मिनिमम वेज
Minimum Wage Rate: असंगठित सेक्टर में काम करने वाले वर्कर्स के जीवनयापन में खर्च में आई बढ़ोतरी के चलते मिनिमम वेज रेट बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
Minimum Wage Rate Hike: त्योहारी सीजन से पहले असंगठित सेक्टर (Unorganized Sector) में काम करने वाले वर्कर्स के खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने इस सेक्टर में काम करने वाले मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर (Minimum Wage Rates) को बढ़ाने का एलान किया है. इन मजदूरों के जीवनयापन (Cost of Living) के बढ़ते खर्च को ध्यान में रखते हुए मिनिमम वेज रेट बढ़ाने का फैसला लिया गया है. 1 अक्टूबर 2024 से ये बढ़ोतरी लागू होगी.
1 अक्टूबर से मिनिमम वेज में बढ़ोतरी
श्रम एंव रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार से जुड़े अलग-अलग संगठनों में कंस्ट्रक्शन, लोडिंग और अनलोडिंग, वॉच एंड वार्ड, स्विपिंग, क्लिनिंग, हाउसकीपिंग, माइनिंग, कृषि से जुड़े वर्कर्स को मिनिमम वेज हाइक से बड़ा फायदा होगा. नया मिनिमम वेज रेट 1 अक्टूबर 2024 से लागू होगा. इससे पहले अप्रैल 2024 में मिनिमम वेज बढ़ाया गया था. मंत्रालय ने बताया कि वैरिएबल महंगाई भत्ता (Variable Dearness Allowance) की समीक्षा के बाद न्यूनतम मजदूरी दर में बढ़ोतरी की गई है.
बढ़ गया मिनिमम वेज
मिनिमम वेज रेट को स्किल्ड, अनस्किल्ड, सेमी-स्किल्ड और उच्च स्किल्ड के और ए, बी और सी जियोग्राफिकल एरिया के तौर बांटा गया है. मिनिमम वेज रेट में बढ़ोतरी के बाद एरिया ए में कंस्ट्रक्शन, स्विपिंग, क्लीनिंग, लोडिंग और अनलोडिंग में काम करने वाले अनस्किल्ड वर्कर्स की मजदूरी को 783 रुपये प्रति दिन या 20,358 रुपये प्रति महीना कर दिया गया है. सेमी स्किल्ड वर्कर्स के लिए 868 रुपये प्रति दिन या 22,658 रुपये प्रति महीना और स्किल्ड, क्लरीकल और बगैर हथियार के वॉच एंड वार्ड के लिए 954 रुपये प्रति दिन या 24,804 रुपये प्रति महीना मिनिमम वेज कर दिया गया है. जो वर्कर्स बहुत ज्यादा स्किल्ड हैं और हथियार से लैस वॉच एंड वार्ड के लिए मिनिमम वेज को बढ़ाकर 1035 रुपये प्रति दिन या 26,910 रुपये कर दिया गया है.
साल में दो बार समीक्षा
केंद्र सरकार साल में इंडस्ट्रियल वर्कर्स के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में बढ़ोतरी के बाद साल में दो बार वैरिएबल महंगाई भत्ता की समीक्षा करती है जिसे 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर से लागू किया जाता है.
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