एक्सप्लोरर

उपराष्ट्रपति चुनाव: ममता बनर्जी आखिर क्यों नहीं है विपक्ष के साथ?

आज यानी शनिवार को देश के उपराष्ट्रपति पद का चुनाव है और उससे ठीक एक दिन पहले केंद्र सरकार को अक्सर गरियाने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की है. इस मुलाकात की खबर तो सब जानते हैं कि ममता ने अपने राज्य के बकाया तकरीबन एक लाख करोड़ रुपये देने के लिए केंद्र के आगे झोली फैलाई है.

लेकिन बड़ी बात ये है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार व कांग्रेस नेत्री मार्गरेट अल्वा को समर्थन देने के लिए ममता ने शुक्रवार की देर रात कोई ऐलान नहीं किया था. लिहाजा, चुनाव से ऐन पहले ममता व पीएम मोदी की इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में कयास ये लगाये जा रहे हैं कि आज होने वाल चुनाव में ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हिस्सा ही न लें क्योंकि वे पहले ही अल्वा के नाम पर अपनी असहमति जता चुकी हैं. लेकिन उनके सामने बड़ा धर्म संकट ये है कि अगर वे एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का समर्थन करती हैं, तो उनकी सारी राजनीति कुंद होकर रह जाएगी और फिर बंगाल के लोग ही उनकी विश्वसनीयता पर ऐसे सवाल उठाने लगेंगे, जिसका जवाब शायद उनके पास भी नहीं होगा.

क्यों नरम पड़ गईं ममता?
जर्मनी पर बरसों तक राज करते हुए दुनिया की निगाह में तानाशाह बन चुके अडोल्फ हिटलर ने एक बार कहा था कि "राजनीति वो नहीं होती जो देश की जनता बाहर से देखते हुए तालियां पिटती है, लेकिन सच तो ये है कि राज करने के लिए सबसे बड़े सियासी दुश्मन को अपने चैंबर तक लाने के लिए मजबूर करने की महारत आपमें होनी चाहिये." हम हिटलर की इस बात को भी दरकिनार कर देते हैं लेकिन कोलकाता से लेकर राजधानी के रायसीना हिल्स के गलियारों में जो एक बड़ा सवाल हिलोरे मार रहा है, उसका जवाब सिवाय ममता बनर्जी के कोई और दे ही नहीं सकता. 

सवाल ये है कि पहले अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी और उसके बाद अपनी सरकार में कद्दावर मंत्री रहे पार्थ चटर्जी के मामले ने ममता को क्या इतना मजबूर कर दिया है कि उन्होंने 'दिल्ली दरबार" के आगे अपने हथियार डाल दिये हैं. गौर करने वाली बात ये है कि कोयला घोटाले के एक कथित मामले को लेकर ED ने अभिषेक बनर्जी व उनकी पत्नी से लंबी पूछताछ तो की है लेकिन उन्हें पार्थ चटर्जी की तरह एक ही झटके में गिरफ्तार करने के कोई सबूत शायद नहीं मिल पाये हैं. इसलिये दिल्ली के सियासी गलियारों में ये पूछा जा रहा है कि 'बंगाल की शेरनी' के तेवर आखिर इतने नरम क्यों पड़ गए हैं.

हमेशा उग्र रहे हैं ममता के तेवर
जाहिर है कि ममता की उसी कांग्रेस से पुरानी अदावत है, जहां से उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत करते हुए बंगाल में अपनी पहचान बनाई. लेकिन जब विचारों का मतभेद हुआ, तो फिर कांग्रेस से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने में भी ज्यादा देर नहीं लगाई. बंगाल में कई दशकों से राज कर रही वाम मोर्चा सरकार को उखाड़ने में ममता को बेशक 13 साल लंबा संघर्ष करना पड़ा लेकिन उसे भारतीय राजनीति खासकर बंगाल के लिए एक स्वर्णिम युग की शुरुआत माना जाता है. यही वजह थी कि 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में ममता की पार्टी टीएमसी को भी भागीदार बनाया गया और तब ममता बनर्जी को देश की पहली रेल मंत्री बनने का जिम्मा सौंपा गया था.

दिल्ली से लेकर बंगाल तक बहुत सारे लोग जानते हैं कि ममता बनर्जी एक फाइटर यानी लड़ाकू नेता हैं जो सड़कों पर उतरकर ही अपनी ताकत दिखाती रही हैं. आज तो सुर्खियों में आने के लिए बहुत सारे न्यूज़ चैनल हैं, लेकिन जब दूरदर्शन के सिवा कोई नहीं था, तब भी ममता को दिल्ली की सड़कों पर सबसे रौद्र रूप दिखाने वाली कांग्रेस की नेता के रुप में पहचाना जाता था. हालांकि शुक्रवार को पीएम मोदी से मिलने के बाद ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की. उससे पहले उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों से भी लंबी गुफ्तगू की. लेकिन आज हो रहे उप राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर उन्होंने अपने सांसदों से क्या कहा,ये अभी भी रहस्य ही बना हुआ है.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'इससे बड़ा क्या सौभाग्य हो सकता है', नामांकन के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
'इससे बड़ा क्या सौभाग्य हो सकता है', नामांकन के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
Lok Sabha Election 2024: कंगना रनौत ने मंडी सीट से नामांकन किया दाखिल, बोलीं- कहीं ये फर्स्ट एंड लास्ट न हो
'मेरी लिए कहीं ये फर्स्ट एंड लास्ट न हो', क्या कंगना को सता रहा हार का डर, जानिए क्यों कहा ऐसा
2014, 2019 और 2024- डोमराजा से द्रविड़ शास्त्री तक, जानें कब कौन रहा पीएम मोदी का प्रस्तावक
2014, 2019 और 2024- डोमराजा से द्रविड़ शास्त्री तक, जानें कब कौन रहा पीएम मोदी का प्रस्तावक
Pakistan India updates : भारत को लेकर पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने फिर उगला जहर, पीएम मोदी पर की टिप्पणी
भारत को लेकर पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने फिर उगला जहर, पीएम मोदी पर की टिप्पणी
for smartphones
and tablets

वीडियोज

क्या है cancer का permanent इलाज ? | Cancer treatment | Health Liveकैंसर के बाद कैसे बदल जाती है जीवन शैली ? | क्या आता है बदलाव ? | Health LivePodcast: क्या मतलब है होता Kafir का Dharma LiveLoksabha Election 2024: पीएम मोदी के नामांकन से जुड़ी पूरी अपडेट | ABP News | Breaking

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'इससे बड़ा क्या सौभाग्य हो सकता है', नामांकन के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
'इससे बड़ा क्या सौभाग्य हो सकता है', नामांकन के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
Lok Sabha Election 2024: कंगना रनौत ने मंडी सीट से नामांकन किया दाखिल, बोलीं- कहीं ये फर्स्ट एंड लास्ट न हो
'मेरी लिए कहीं ये फर्स्ट एंड लास्ट न हो', क्या कंगना को सता रहा हार का डर, जानिए क्यों कहा ऐसा
2014, 2019 और 2024- डोमराजा से द्रविड़ शास्त्री तक, जानें कब कौन रहा पीएम मोदी का प्रस्तावक
2014, 2019 और 2024- डोमराजा से द्रविड़ शास्त्री तक, जानें कब कौन रहा पीएम मोदी का प्रस्तावक
Pakistan India updates : भारत को लेकर पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने फिर उगला जहर, पीएम मोदी पर की टिप्पणी
भारत को लेकर पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने फिर उगला जहर, पीएम मोदी पर की टिप्पणी
Dark Stores: डार्क स्टोर पर फोकस करेगी ब्लिंकिट, जोमाटो से बड़ा होना है लक्ष्य 
डार्क स्टोर पर फोकस करेगी ब्लिंकिट, जोमाटो से बड़ा होना है लक्ष्य 
'वकील के खिलाफ नहीं किया जा सकता उपभोक्ता फोरम में मुकदमा', सुप्रीम कोर्ट ने NCDRC के फैसले को पलटा
'वकील के खिलाफ नहीं किया जा सकता उपभोक्ता फोरम में मुकदमा', सुप्रीम कोर्ट ने NCDRC के फैसले को पलटा
Anant Ambani Radhika Merchant Wedding: अनंत-राधिका के दूसरे प्री-वेडिंग फंक्शन से मचेगी धूम, तारीख और जगह जानिए
अनंत-राधिका के दूसरे प्री-वेडिंग फंक्शन से मचेगी धूम, तारीख और जगह जानिए
किसके जैसा दिखता है नुसरत जहां का बेटा?  दो साल बाद हुआ खुलासा
किसके जैसा दिखता है नुसरत जहां का बेटा? हुआ खुलासा
Embed widget