एक्सप्लोरर

ब्रिटेन की गृह मंत्री के इस्तीफ़े ने याद दिलाया भारत को गौतम बुद्ध का संदेश

क्या आप सोच सकते हैं कि हमारे देश में किसी मंत्री को अपनी गलती का अहसास हो जाये और वो तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे दे. सच ये है कि अधिकांश लोग यही जवाब देंगे कि नहीं हमारे यहां तो ऐसा मुमकिन ही नहीं है. लेकिन ब्रिटेन में महज़ 43 दिन पहले बनी वहां की गृह मंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बड़ी बात ये है कि वे भारतवंशी हैं. लिहाज़ा ये खबर हमारे देश की राजनीति को थोड़ा सबक सिखाने वाली भी है कि भारत को एक छोटे-से मुल्क से ये सीखना चाहिए कि राजनीति में शुचिता का मतलब क्या होता है जिसे महज़ भाषणों से नहीं बल्कि उसे हक़ीक़त में बदलने का हौंसला भी होना चाहिए.

ताज्जुब तो सबको हुआ जब भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने ब्रिटेन की गृह मंत्री के पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया. ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री बनीं लिज ट्रस के लिए इसे सबसे बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. उसकी वजह ये है कि बीते शुक्रवार को ही पीएम ट्रस ने अपने वित्त मंत्री क्रासिंस्की क्वार्टेंग को उनके पद से हटा दिया था. लेकिन हमारे यहां पुरानी कहावत है कि सिर मुंडाते ही ओले पड़ गए. कुछ ऐसा ही वहां की पीएम लिज ट्रस के साथ भी हो गया. उन्होंने पुराने वित्त मंत्री को हटाकर जेरेमी हंट को नया मंत्री तो बना दिया लेकिन वह और भी बड़े उस्ताद निकले.

उन्होंने पीएम की गुड बुक में अव्वल नंबर पर आने के लिए सरकार के मिनी बजट में ही कटौती करने का ऐलान कर दिया. ये ऐसा फैसला है, जिससे देश का हर आम नागरिक प्रभावित होगा. विश्लेषक मानते हैं कि इस कदम से पीएम ट्रस की सरकार के लिए संकट और बढ़ने की आशंका है. जो कसर बची थी उसे गोवा मूल के पिता और तमिल मूल मां की संतान वाली ब्रेवरमैन ने गृह मंत्री पद से इस्तीफा देकर पूरा कर दिया. यानी, ब्रिटेन की राजनीति में महज चार महीने के भीतर ही सियासी संकटों के ऐसे बादलों ने मंडराना शुरू कर दिया है जिसे लेकर वहां की जनता आशंकित है कि अगर ये बरस गए तब क्या होगा.

दरअसल, ब्रेवरमैन दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के फारेहम से संसद में कंजर्वेटिव पार्टी की सदस्य हैं और वह पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नेतृत्व वाली सरकार में अटॉर्नी जनरल के रूप में काम करते हुए अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं. वे दो बच्चों की मां हैं लेकिन उनके बैकग्राउंड को खंगालेंगे तो वे हिंदू तमिल मां उमा और गोवा मूल के पिता क्रिस्टी फर्नांडिस की बेटी हैं. बताते हैं कि उनकी मां मॉरीशस से ब्रिटेन आई थीं जबकि उनके पिता 1960 के दशक में केन्या से लंदन पहुंचे थे. लेकिन सुएला ब्रेवरमैन के बारे में जानने वाली बड़ी बड़ी बात ये भी है कि वह न तो हिंदू धर्म को मानती हैं और न ही ईसाई धर्म को. वे सौ टका बौद्ध अनुयायी हैं जो नियमित रूप से लंदन के बौद्ध केंद्र में जाती हैं. 

संसद का सदस्य चुने जाने के बाद उन्होंने भगवान बुद्ध के उपदेशों पर आधारित 'धम्मपद' ग्रंथ के नाम पर ही संसद में अपने पद की शपथ ली थी. हालांकि गृह मंत्री के पद पर रहते हुए पिछले कुछ दिनों में उनके दिये गए बयानों से आम धारणा यही बनाई गई कि वे भारत विरोधी हैं, जबकि ये सच नहीं है. दरअसल, उनकी ये छवि बनाने के पीछे भी एक वजह है. सुएला ने भारतीय मूल की होने के बावजूद मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर ऐसा बयान दिया था जो भारत के खिलाफ था. उन्होंने चिंता जताई थी कि भारत-ब्रिटेन के बीच FTA होने पर बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक ब्रिटेन में आ सकते हैं. यह कदम ब्रेक्जिट (Brexit) के भी खिलाफ जा सकता है. सुएला के इस बयान की हालांकि ब्रिटेन में ही बेहद आलोचना हुई थी. इसे प्रधानमंत्री लिज ट्रस की नीति के भी खिलाफ माना गया था जो एफटीए को जल्द से जल्द लागू कराना चाहती हैं. इसके चलते महज एक हफ्ते बाद ही ब्रेवरमैन को अपना बयान पलटने पर मजबूर होना पड़ा और उन्हें भारत की जमकर तारीफ करते हुए ये कहना पड़ा था कि हम लोग भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बेहद उत्सुक हैं.

अब सवाल उठता है कि ब्रिटेन के इतने ताकतवर मंत्रीपद पर रहते हुए उन्होंने इस्तीफा आख़िर क्यों दिया? हालांकि इसका खुलासा सुएला ब्रेवरमैन ने अपना त्यागपत्र देते हुए लिखा है लेकिन फिर भी उन्होंने पूरा सच देश को नहीं बताया. उन्होंने लिखा- ‘‘मैंने गलती की और मैं इसकी जिम्मेदारी स्वीकार करती हूं. मैंने अपने व्यक्तिगत ई-मेल से एक विश्वसनीय संसदीय सहयोगी को एक आधिकारिक दस्तावेज भेजा था... जैसा कि आप जानते हैं, दस्तावेज अप्रवासियों के बारे में एक मंत्रिस्तरीय बयान था जिसका प्रकाशन होना था.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘‘फिर भी मेरा जाना सही है. जैसे ही मुझे अपनी गलती का आहसास हुआ, मैंने तुरंत आधिकारिक माध्यम से कैबिनेट सचिव को सूचित किया. इस वक़्त हम एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं... मुझे इस सरकार की दिशा के बारे में चिंता है. न केवल हमने अपने मतदाताओं से किए गए प्रमुख वादों को तोड़ा है, बल्कि मुझे घोषणापत्र से जुड़ी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की इस सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में भी गंभीर चिंता है, जैसे कि प्रवासियों की संख्या को कम करना और अवैध प्रवासियों को देश मे आने से रोकना.’’

ऊपर जो सवाल उठाया था उसका जवाब यही है कि अपनी गलती को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करना और पद का मोह छोड़ना ही गौतम बुद्ध के दिखाये मार्ग पर चलने की सही पहचान है बाकी सब मिथ्या है. अब सवाल ये है कि हमारे देश में ऐसा कोई मंत्री है जो तमाम गलतियों के बावजूद सत्ता-सुख का मोह छोड़ने के लिए ऐसी कुर्बानी देने की हिम्मत जुटा पाये? इसका जवाब आप तलाशियेगा तो कई चेहरे आपके सामने होंगे.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

वंदे मातरम पर सदन में बहस, जेपी नड्डा बोले- 'हम नेहरू को बदनाम नहीं करना चाहते... राष्ट्रगीत को सम्मान दिलाना है'
वंदे मातरम पर सदन में बहस, जेपी नड्डा बोले- 'हम नेहरू को बदनाम नहीं करना चाहते... राष्ट्रगीत को सम्मान दिलाना है'
'बात-बात पे साहेब FIR करवाना, छोड़ दो न बेटी-बहुओं को धमकाना', नेहा सिंह राठौर ने किस पर कसा तंज?
'बात-बात पे साहेब FIR करवाना, छोड़ दो न बेटी-बहुओं को धमकाना', नेहा सिंह राठौर ने किस पर कसा तंज?
अमेरिका के बाद अब किस देश ने भारत पर लगा दिया 50 फीसदी टैरिफ, जानें कब से होगा लागू
अमेरिका के बाद अब किस देश ने भारत पर लगा दिया 50 फीसदी टैरिफ, जानें कब से होगा लागू
टी20 इंटरनेशनल में गिल से बेहतर संजू का रिकॉर्ड, फिर भी सैमसन बाहर क्यों?
टी20 इंटरनेशनल में गिल से बेहतर संजू का रिकॉर्ड, फिर भी सैमसन बाहर क्यों?
ABP Premium

वीडियोज

Rahul Gandhi ने SIR पर BJP और RSS को जमकर सुनाया, Lok Sabha में नेता प्रतीपक्ष की स्पीच कैसी लगी ?
T20 World Cup से पहले बड़ा झटका — Jio Hotstar की $3 Billion की Deal खत्म  |Paisa Live
Delhi Crime: जेजे कॉलोनी में नाबालिग की चाकू से गोदकर हत्या...  | Delhi Case | abp News
Goa Night Club: गोवा नाइट क्लब के मालिक थाईलैंड  से कब लाए जाएंगे भारत?  | abp News
Russian Media on Putin visit in India: पीएम मोदी और पुतिन के मुलाकात पर रूसी मीडिया में क्या छपा?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
वंदे मातरम पर सदन में बहस, जेपी नड्डा बोले- 'हम नेहरू को बदनाम नहीं करना चाहते... राष्ट्रगीत को सम्मान दिलाना है'
वंदे मातरम पर सदन में बहस, जेपी नड्डा बोले- 'हम नेहरू को बदनाम नहीं करना चाहते... राष्ट्रगीत को सम्मान दिलाना है'
'बात-बात पे साहेब FIR करवाना, छोड़ दो न बेटी-बहुओं को धमकाना', नेहा सिंह राठौर ने किस पर कसा तंज?
'बात-बात पे साहेब FIR करवाना, छोड़ दो न बेटी-बहुओं को धमकाना', नेहा सिंह राठौर ने किस पर कसा तंज?
अमेरिका के बाद अब किस देश ने भारत पर लगा दिया 50 फीसदी टैरिफ, जानें कब से होगा लागू
अमेरिका के बाद अब किस देश ने भारत पर लगा दिया 50 फीसदी टैरिफ, जानें कब से होगा लागू
टी20 इंटरनेशनल में गिल से बेहतर संजू का रिकॉर्ड, फिर भी सैमसन बाहर क्यों?
टी20 इंटरनेशनल में गिल से बेहतर संजू का रिकॉर्ड, फिर भी सैमसन बाहर क्यों?
गौरव खन्ना पर फरहाना भट्ट के कमेंट से खफा हैं बिग बॉस 19 विनर के पिता, बोले- 'मैं होता तो थप्पड़ मार देता'
गौरव खन्ना पर फरहाना भट्ट के कमेंट से खफा हैं बिग बॉस 19 विनर के पिता, बोले- 'मैं तो थप्पड़ मार देता'
असिस्टेंट सर्जन भर्ती के लिए आवेदन करने का आखिरी मौका, 2 लाख मिलेगी सैलरी; भरे जाएंगे 1100 पद
असिस्टेंट सर्जन भर्ती के लिए आवेदन करने का आखिरी मौका, 2 लाख मिलेगी सैलरी; भरे जाएंगे 1100 पद
Height Loss Causes: किन लोगों की हाइट अचानक रह जाती है कम, किस दिक्कत की वजह से होता है ऐसा?
किन लोगों की हाइट अचानक रह जाती है कम, किस दिक्कत की वजह से होता है ऐसा?
यूपी-महाराष्ट्र में आधार कार्ड से बनवाया बर्थ सर्टिफिकेट क्या हो जाएगा कैंसिल, जानें अब आप क्या करें?
यूपी-महाराष्ट्र में आधार कार्ड से बनवाया बर्थ सर्टिफिकेट क्या हो जाएगा कैंसिल, जानें अब आप क्या करें?
Embed widget