एक्सप्लोरर

Opinion: अगर जेल गए केजरीवाल तो नहीं चला सकते दिल्ली का शासन, लोकतांत्रिक परंपरा और संवैधानिक रीतियों के होगा खिलाफ

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने समन देकर बुलाया था, हालांकि उन्होंने उसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए जाने से इनकार कर दिया और मध्यप्रदेश चुनाव-प्रचार करने चले गए। हालांकि, सोमवार 6 नवंबर को उन्होंने विधायकों के साथ बैठक की और तब आम आदमी पार्टी की तरफ से यह बड़ा बयान आया कि केजरीवाल भले ही जेल चले जाएं, लेकिन मुख्यमंत्री वही रहेंगे. अभी तक जो मुख्यमंत्री सत्ता में रहते हुए जेल गए हैं, उन्होंने तुरंत ही अपने पद से इस्तीफा देकर दूसरे को मुख्यमंत्री बनाया है. आम आदमी पार्टी लेकिन कह रही है कि ऐसा नियम संविधान में नहीं लिखा है, सो वह केजरीवाल को ही मुख्यमंत्री बनाए रखेगी. हालांकि, संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि यह अव्यावहारिक और बचकानी बात है, प्रजातंत्र की परंपरा के भी खिलाफ है और इससे एक गहरा संकट पैदा हो जाएगा. 

अभी तक ऐसा कोई उदाहरण नहीं

हमारे पास दो उदाहरण हैं, पहले के मामलों के, जब कोई मुख्यमंत्री जेल गए हों. सत्ता में रहते हुए जेल जाने के ये दो उदाहरण लालू प्रसाद यादव और जयललिता के हैं. जयललिता भी मुख्यमंत्री थीं, जब जेल गयीं और तब उन्होंने अपना पद दूसरे को दे दिया था, दूसरे को मुख्यमंत्री बना दिया था. लालू प्रसाद भी जेल गए, तो उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया. पूर्ववर्ती जो उदाहरण हैं, जिसको लोकतंत्र का, डेमोक्रेटिक सिद्धांत कहिए या डेमोक्रेटिक नैतिकता कहिए या परंपरा कहिए, उसके अनुरूप तो यही है कि मुख्यमंत्री जब जेल जाते हैं, तो उनको अपना पद त्याग देना चाहिए.

किसी दूसरे को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए. जहां तक कानूनी पहलू है तो कहीं ये लिखा तो नहीं है, अगर कोई मुख्यमंत्री है और वह जेल चला गया या चली गयी तो वह अपना काम जेल से नहीं कर सकता है, ऐसा लिखा तो नहीं है. लोकतंत्र में बहुत सारी चीजें परंपरा से चलती हैं, उसमें बहुत जरूरी नहीं होता कि हर चीज लिखित ही मिले, खासकर संविधान में बहुत सारी बातें नहीं लिखी हैं, लेकिन अगर जेल में इनके जाने से और मुख्यमंत्री के रहने से, वहां से काम करने में दिक्कतें बहुतेरी आएंगी. 

जेल से नहीं चला सकते हैं शासन

अगर कोई मुख्यमंत्री कहता या कहती है कि वह परंपरा को नहीं मानता और जेल से ही शासन चलाएगा, तो दिक्कतें क्या-क्या आ सकती हैं, इस पर विचार करना चाहिए. कोई भी मुख्यमंत्री अगर कैबिनेट डिसिजन लेना चाहे, तो कैबिनेट मीटिंग करनी होगी. यह जेल में तो हो सकती नहीं है. जेल में तो कैदी ही जाएंगे. अब मंत्री लोग तो जेल में जा नहीं सकते हैं. तो, कैबिनेट की मीटिंग नहीं हो सकती. दूसरे, अधिकारी भी अगर बैठक करना चाहें तो मुख्यमंत्री के साथ बैठक संभव नहीं होगी. बहुतेरे मामले जिसमें केवल आदेश देना है, उसमें तो माना जा सकता है कि वह कागज पर दस्तखत कर भेज सकते हैं, लेकिन बहुत सारी ऐसी समितियां हैं, कैबिनेट की मीटिंग है, बहुत सारे ऐसे मामले होते हैं, जैसे विधायकों की मीटिंग है तो वो भी जेल में नहीं जा सकते. जेल में तो दो ही तरह के लोग जा सकते हैं. एक तो जो कोर्ट के आदेश से कैदी है या फिर जो विजिटर है. विजिटर की कैटेगरी है, यह तय है कि वे कब मिलेंगे, कितनी देर मिलेंगे तो ये अधिकारी, कैबिनेट के उनके मिनिस्टर्स वगैरह विजिटर तो हैं नहीं कि वहां जाकर मुख्यमंत्री से मिल लें.

इस तरह जेल में रहकर सरकार को चलाना अव्यावहारिक भी है और संभव भी नहीं है. अगर यह करने पर कोई आमादा ही हो जाए तो वह तो जबरदस्ती होगी कि ना साहब, हम तो ऐसा ही करेंगे. हालांकि, जब ऐसी जबरदस्ती वे करेंगे तो वहां से जो आदेश होगा, उसकी वैधानिकता को कोर्ट में चुनौती मिलेगी क्योंकि उसमें कंसल्टेशन नहीं है. जैसे, कोई भी फाइल चलती है न तो नीचे से ऊपर जाती है. निचले अधिकारियों से जॉइंट सेक्रेटरी, सेक्रेटरी वगैरह तक आती है. फिर, उसमें लिखा जाता है जो भी टिप्पणी होती है, फिर अंतिम पायदान पर जाकर वह आदेश जारी होता है.

अब, जेल में तो वह कंसल्टेशन की प्रक्रिया होगी नहीं. तो, उसको चुनौती मिलेगी और यह अनावश्यक रूप से प्रशासनिक स्तर पर विवाद पैदा होगा. यह हरेक फैसले में होगा. यह जिद कि कहीं लिखा नहीं हुआ है, तो मैं जेल से चला लूंगा, यह न तो परंपरा के अनुकूल है, न ही डेमोक्रेटिक नियमों और सिद्धांतों के अनुरूप है और यह व्यावाहारिक भी नहीं है. ऐसा बचकानापन अरविंद केजरीवाल को नहीं करना चाहिए.  

मंत्री का मामला है बिल्कुल अलग

मुख्यमंत्री बिल्कुल अलग होते हैं. सत्येंद्र जैन जेल गए और मंत्री रहे, तो वह वहां से कोई आदेश नहीं कर रहे थे, आप मंत्री बने रहें, पड़े रहें और जेल में रहें. ये मुख्यमंत्री हैं औऱ कोई आदेश न करें, तो जेल में पड़े रहें, लेकिन दोनों में बहुत अंतर है न. मुख्यमंत्री के बिना कोई फैसला नहीं हो सकता, कैबिनेट मीटिंग नहीं हो सकती, आदेश पारित नहीं हो सकते हैं. मंत्री के बिना तो सारे फैसले हो सकते हैं. मुख्यमंत्री ही मंत्री के सारे अधिकार लेकर मुख्यमंत्री तो खुद ही फैसले कर सकता या सकती है. कोई भी अधिकारी जेल में नहीं जा सकता है. संभव नहीं है. ईडी के समन का जहां तक सवाल है, तो वह उसका अपना विवेक और निर्णय है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि उसको पूरी तरह स्वतंत्र रखिए. जैसे, जज साहब अपने कार्यों में स्वतंत्र हैं, तो वैसे ही ईडी को भी रहना है. हां, अगर आपका उसके फैसले से कोई दिक्कत है, तो फिर आप कोर्ट का रुख कीजिए, तो केजरीवाल को ईडी गिरफ्तार कर भी सकती है, नहीं भी कर सकती है. ये तो उनका अपना फैसला है. 

बेहतर तो यही होगा कि लोकतांत्रिक परंपरा को चलाएं. संविधान में तो यह भी नहीं लिखा है कि एमएलए-एमपी का क्या अधिकार होगा, मंत्री-मुख्यमंत्री का क्या अधिकार होगा. यह तो परंपराओं से ही चल रहा है. अपने अहंकार के लिए उसको नहीं तोड़ना चाहिए. मान लीजिए ये चले गए जेल और वहां से चलाने की कोशिश किए, तो कोर्ट इनको फटकार लगा सकती है, कार्रवाई भी कर सकती है.

पहली बात तो ये कि कोई भी जेलर इसकी अनुमति देगा नहीं. हां, इनकी सरकार पर कोई संकट नहीं है. इनके विधायक हैं. वे चुनाव कर फिर से मुख्यमंत्री बना सकते हैं. हां, दिल्ली में चूंकि विधान परिषद नहीं है, तो अगर इन्होंने अपनी पत्नी को बनाया तो छह महीने के अंदर उनको चुनाव लड़वाना और जितवाना होगा. किसी एमएलए को इस्तीफा देकर चुनाव के माध्यम से उनको लाना होगा.  

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ़ लेखक ही ज़िम्मेदार हैं.]

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
शशि थरूर को मिला पुतिन के साथ डिनर का न्योता, जाएंगे या नहीं? कांग्रेस सांसद ने दिया क्लीयर जवाब
शशि थरूर को मिला पुतिन के साथ डिनर का न्योता, जाएंगे या नहीं? कांग्रेस सांसद ने दिया क्लीयर जवाब
IND vs SA 3rd ODI: कल तीसरे वनडे में बनेंगे 400 रन! टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड; देखें विशाखापत्तनम में सबसे बड़ा टीम टोटल
कल तीसरे वनडे में बनेंगे 400 रन! टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड; देखें विशाखापत्तनम में सबसे बड़ा टीम टोटल
ABP Premium

वीडियोज

PM Modi और Putin के इस प्लान से भारत बन जाएगा सर्वशक्तिमान । Putin India Visit
Putin Visit India: पुतिन का भारत दौरे का दूसरा दिन, राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत  | ABP News
Putin Visit in India: कौन सी है वो व्हाइट फॉर्च्यूनर, जिसमें PM मोदी संग बैठे पुतिन, जमकर हुई वायरल
Indigo Flight Crisis Updates: एयरपोर्ट पर पैड की भिख मांगता रहा पिता...नहीं हुई कोई सुनवाई!
Major Crisis For Indigo: क्या अब खत्म हो जाएगा IndiGo संकट? DGCA ने वापस लिया अपना आदेश |ABPLIVE

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
शशि थरूर को मिला पुतिन के साथ डिनर का न्योता, जाएंगे या नहीं? कांग्रेस सांसद ने दिया क्लीयर जवाब
शशि थरूर को मिला पुतिन के साथ डिनर का न्योता, जाएंगे या नहीं? कांग्रेस सांसद ने दिया क्लीयर जवाब
IND vs SA 3rd ODI: कल तीसरे वनडे में बनेंगे 400 रन! टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड; देखें विशाखापत्तनम में सबसे बड़ा टीम टोटल
कल तीसरे वनडे में बनेंगे 400 रन! टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड; देखें विशाखापत्तनम में सबसे बड़ा टीम टोटल
गीतिका गंजू धर की 10 खूबसूरत तस्वीरें, जानें कौन हैं रणवीर सिंह की 'धुरंधर' में दिखीं एक्ट्रेस
गीतिका गंजू धर की 10 खूबसूरत तस्वीरें, जानें कौन हैं रणवीर सिंह की 'धुरंधर' में दिखीं एक्ट्रेस
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
हाईकोर्ट के आदेश के चलते UKPCS मुख्य परीक्षा 2025 स्थगित, नई डेट्स जल्द होंगी जारी, जानें पूरी जानकारी
हाईकोर्ट के आदेश के चलते UKPCS मुख्य परीक्षा 2025 स्थगित, नई डेट्स जल्द होंगी जारी, जानें पूरी जानकारी
Rupay कार्ड रूस में और रूस का कार्ड इंडिया में चलेगा, कितना लगेगा चार्ज और कैसे करेगा काम?
Rupay कार्ड रूस में और रूस का कार्ड इंडिया में चलेगा, कितना लगेगा चार्ज और कैसे करेगा काम?
Embed widget