एक्सप्लोरर

'देश पर कर्ज का बोझ लाद रही है मोदी सरकार, बजट में जुमलों के अलावा कुछ नहीं'

दिल्ली के साथ पिछले 22 साल से सौतेला व्यवहार चल रहा है. प्री बजट मीटिंग में मैं हर वित्त मंत्री से अपील करता रहा हूं कि दिल्ली के लोग 1,78,000 करोड़ रुपये केंद्र को टैक्स देते हैं. हर राज्य को आप 42% सेंट्रल पूल से शेयर देते हो. दिल्ली को सिर्फ तीन सौ-सवा तीन सौ करोड़ रुपये देते हो, जबकि बाकी राज्यों को कई-कई हजार करोड़ रुपये मिलते हैं.

दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार

हर राज्य के नगर निगम को एक फॉर्मूले के तहत पर आबादी के हिसाब से  केंद्र से आवंटन मिलता है. लेकिन पिछले 20 साल से दिल्ली नगर निगम को कोई पैसा नहीं दिया गया है. इसमें चाहे केंद्र और दिल्ली नगर निगम में किसी की भी सरकार रही हो. ये रवैया बदस्तूर जारी है. 2001 में पैटर्न को उस वक्त की सरकार ने बदला और उसको अभी तक ठीक नहीं किया गया. इसकी वजह से दिल्ली को केंद्र से बहुत ही कम पैसा मिलता है. दिल्ली के लोग भी टैक्स देते हैं. अगर दिल्ली को केंद्र से ज्यादा पैसा मिलेगा, तो दिल्ली के लोगों का और विकास होगा.

'बजट इंक्लूसिव नहीं है'

केंद्र सरकार बार-बार कह रही है कि बजट समावेशी है और इसमें सबका ध्यान रखा गया है. मेरा मानना है कि जिस बजट में सरकार हेल्थ और एजुकेशन का शेयर कम करती है, वो बजट इंक्लूसिव हो ही नहीं सकता.अगर घर में भी हम बच्चों की शिक्षा और हेल्थ पर खर्च नहीं करेंगे, तो फिर इंक्लूसिव का क्या मतलब रह जाएगा. देश का बजट बच्चों की शिक्षा और हेल्थ पर खर्च होना चाहिए, उसमें कटौती करने का कोई मतलब नहीं है.

देश पर बढ़ रहा है कर्ज का बोझ

केंद्र सरकार ने बजट में 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. ये बहुत बड़ी राशि है. हर वक्त एक ही पार्टी सरकार नहीं रहती है, न देश में और न ही राज्यों में. आप किसी देश की सरकार को कर्ज में इतना डूबो देंगे, कि उसके बाद कर्ज चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़े, ये स्थिति किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है. ये फैक्ट है कि आज से 10 साल पहले देश की केंद्र सरकार के ऊपर 53 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था. धीरे-धीरे वो बढ़ते हुए एक 153 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में कर्ज में 15 लाख करोड़ रुपये और जोड़ दिए. इस तरह से 168 लाख करोड़ रुपये का कर्ज केंद्र सरकार के ऊपर है. इतनी बड़ी राशि कहां से चुकाएंगे, इसके लिए भी तो कोई रोडमैप बनना चाहिए.

हम हैं कंजम्पशन बेस्ड इकोनॉमी 

मैं 2015 से दिल्ली का बजट बना रहा हूं. उसमें ये ध्यान रखता हूं कि किस कर्ज को किस मद से चुकाएंगे. आज आप बड़ी-बड़ी बातें कर सकते हैं. आज आप कह सकते हैं कि कर्ज लेकर हमने 5 एयरपोर्ट बनवा दिए, सड़कें बनवा दिए. ये अच्छी बात है. लेकिन अगर आप कंजम्पशन बेस्ड इकोनॉमी को नहीं बढ़ाओगे, तो कुछ भी सही नहीं होगा. सारी दुनिया भारत की अर्थव्यवस्था को देख रही है कि ये कंजम्पशन बेस्ड इकोनॉमी है. वहीं केंद्र सरकार कह रही है कि हम तो कैपिटल इकोनॉमी बनेंगे. यही हम गड़बड़ कर रहे हैं. इस मसले पर हमारी दिशा ग़लत है.

कंजम्पशन से मुंह मोड़ चुकी है केंद्र सरकार

अगर आप  कंजम्पशन पर काम करेंगे, तो इस देश में नौकरियां बहुत तेजी से पैदा होंगी. कैपिटल और कंजम्पशन दोनों को संतुलित करना होगा. भारत सरकार पूरी तरह से कंजम्पशन से मुंह मोड़ चुकी है. कह रही है कि कंजम्पशन तो अमेरिका-चीन देख ले, हम कंज्यूमर बने रहेंगे. इससे काम नहीं चलेगा. कंजम्पशन बढ़ने पर ही प्रोडक्शन बढ़ेगा. ये दोनों बढ़ेगा, तो सर्विस सेक्टर बढ़ेगा. इससे नौकरियां निकलेंगी. 

जुमलों से आगे नहीं बढ़ रही केंद्र सरकार

मुझे तो बजट में कर्ज दिखा, मनरेगा का पैसा कम होते हुए दिखा, मुझे एजुकेशन-हेल्थ का पैसा कम होते हुए दिखा. किसानों के लिए इसी सरकार ने 4 साल पहले कहा था कि हम 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेंगे. उसके बाद से इस पर कहीं बात नहीं हो रही है. इन्होंने पिछले साल कहा था कि 60 लाख नौकरियां देंगे, उसका कोई अता-पता नहीं है. पहले अच्छे दिन के जुमले इन्होंने छोड़े. अलग-अलग बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री कह चुकी हैं कि हम बुलेट ट्रेन लेकर आएंगे, हम 60 लाख नौकरियां देंगे, हम किसानों की आय दोगुनी करेंगे. हर बजट में कोई न कोई जुमला होता है. उसके बाद उसका क्या हुआ, इस पर कोई जवाब नहीं मिलता.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Lok Sabha Election 2024: 'ओवैसी को हैदराबाद से उखाड़ फेंकना है, काटनी है उनकी पतंग', AIMIM चीफ पर माधवी लता का बड़ा हमला
'ओवैसी को हैदराबाद से उखाड़ फेंकना है, काटनी है उनकी पतंग', AIMIM चीफ पर माधवी लता का बड़ा हमला
कांग्रेस से सस्पेंड किए गए अमीन खान से मिले रविंद्र सिंह भाटी, कह दी ये बड़ी बात
कांग्रेस से सस्पेंड किए गए अमीन खान से मिले रविंद्र सिंह भाटी, कह दी ये बड़ी बात
इस मुस्लिम एक्टर को घरवाले कहते थे 'ब्राह्मण', अलग अंदाज की एक्टिंग के लिए हर कोई था फिदा, जानें कौन थे वो
इस मुस्लिम एक्टर को घरवाले कहते थे 'ब्राह्मण', जानें कौन थे वो
कार के AC की फैन-स्पीड बढ़ाने से माइलेज के बढ़ने का लगता है डर? यहां जानें सॉल्यूशन
क्या रखते हैं कार के AC की स्पीड 1, 2, 3 या 4? माइलेज पर पड़ता है असर!
for smartphones
and tablets

वीडियोज

हमें मनुष्य नहीं समझना चाहिए माता पिता को Dharma LiveHimanta Biswa Sarma EXCLUSIVE: असम की 14 सीट कहां-कहां BJP रिपीट? Loksabha Election 2024 | BreakingLoksabha Election 2024: तीसरे फेज के चुनाव से पहले क्यों गरमाया आरक्षण का मुद्दा?देखिए ये रिपोर्टShekhar Suman Interview: बड़े बेटे Ayush Suman को याद कर भावुक हुए शेखर सुमन

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Lok Sabha Election 2024: 'ओवैसी को हैदराबाद से उखाड़ फेंकना है, काटनी है उनकी पतंग', AIMIM चीफ पर माधवी लता का बड़ा हमला
'ओवैसी को हैदराबाद से उखाड़ फेंकना है, काटनी है उनकी पतंग', AIMIM चीफ पर माधवी लता का बड़ा हमला
कांग्रेस से सस्पेंड किए गए अमीन खान से मिले रविंद्र सिंह भाटी, कह दी ये बड़ी बात
कांग्रेस से सस्पेंड किए गए अमीन खान से मिले रविंद्र सिंह भाटी, कह दी ये बड़ी बात
इस मुस्लिम एक्टर को घरवाले कहते थे 'ब्राह्मण', अलग अंदाज की एक्टिंग के लिए हर कोई था फिदा, जानें कौन थे वो
इस मुस्लिम एक्टर को घरवाले कहते थे 'ब्राह्मण', जानें कौन थे वो
कार के AC की फैन-स्पीड बढ़ाने से माइलेज के बढ़ने का लगता है डर? यहां जानें सॉल्यूशन
क्या रखते हैं कार के AC की स्पीड 1, 2, 3 या 4? माइलेज पर पड़ता है असर!
BOULT IPO: कब आएगा बोल्ट का आईपीओ, कंपनी के फाउंडर ने बताया पूरा प्लान
कब आएगा बोल्ट का आईपीओ, कंपनी के फाउंडर ने बताया पूरा प्लान
अभिनेत्री रवीना टंडन ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस का नहीं किया समर्थन, गलत वीडियो वायरल
अभिनेत्री रवीना टंडन ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस का नहीं किया समर्थन, गलत वीडियो वायरल
Salt Side Effects: ज्यादा नमक है मौत का कारण... ज्यादा खाने वाले हो जाएं सावधान, डरा रही ये रिपोर्ट
ज्यादा नमक है मौत का कारण... ज्यादा खाने वाले हो जाएं सावधान, डरा रही ये रिपोर्ट
अगर भारत में बंद हो गया WhatsApp तो कौन से ऐप्स आपके लिए हो सकते हैं बेहतर विकल्प?
अगर भारत में बंद हो गया WhatsApp तो कौन से ऐप्स हो सकते हैं विकल्प?
Embed widget