अब आपकी मौजूदा डीजल-पेट्रोल कार सीएनजी और हाइड्रोजन से भी चल सकेगी, जानिए कैसे
भारत इस वक्त दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है. लेकिन भारत का मकसद है कि वह 2017 तक कार्बन न्यूट्रल देश बन जाए. भारत के इस मकसद में यह मल्टीपल फ्यूल इंजन काफी मदद कर सकता है.
भारत में तकनीकी विकास तेजी से हो रहा है. इस दौरान ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी तेजी से बदल रही है. नोएडा में चल रहे 2023 ऑटो एक्सपो में अगर आप गए होंगे तो आपको मालूम चलेगा कि वहां कितनी ज्यादा आधुनिक गाड़ियां प्रदर्शित की जा रही हैं. लेकिन हाल ही में जो खबर निकल कर आई है, वह आपकी डीजल पेट्रोल गाड़ियों के लिए बेहद फायदे का सौदा हो सकती है. दरअसल, इसी ऑटो एक्सपो में कुछ कंपनियों ने एक ऐसे इंजन सिस्टम को सबके सामने प्रदर्शित किया है जिसे बड़े आराम से पेट्रोल और डीजल वाली गाड़ियों में भी फिट किया जा सकता है. इसके बाद आपकी पेट्रोल डीजल वाली कार हाइड्रोजन, बायोडीजल, एथेनॉल, सीएनजी और एलएनजी से भी चलने लगेगी.
किसने बनाया यह इंजन
इस इंजन को अमेरिकी डीजल इंजन कंपनी कोलंबस की भारतीय यूनिट कमिंस ने बनाया है. इसका नाम फ्यूल एग्नॉस्टिक इंजन सिस्टम रखा गया है. यह मल्टीपल फ्यूल इंजन- हाइड्रोजन, बायोडीजल, एथेनॉल, सी एन जी, एल एन जी और अन्य प्रकार के ईंधनों पर भी चल सकता है.
भारत के लिए कितना फायदेमंद है
अब सवाल उठता है कि आखिर यह मल्टीपल फ्यूल इंजन भारत के लिए कितना फायदेमंद है. दरअसल, भारत इस वक्त वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा परेशान है. देश की राजधानी दिल्ली में सर्दियां शुरू होते ही सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. भले ही इस प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पराली हो, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इसमें गाड़ियों से निकलने वाले धुएं का भी काफी प्रभाव होता है. अगर डीजल पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों में इंजन को प्लांट कर दिया गया तो भविष्य में भारत इस वायु प्रदूषण से मुक्ति पा सकता है.
कार्बन उत्सर्जन भी कंट्रोल करेगा
भारत इस वक्त दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है. लेकिन भारत का मकसद है कि वह 2017 तक कार्बन न्यूट्रल देश बन जाए. भारत के इस मकसद में यह मल्टीपल फ्यूल इंजन काफी मदद कर सकता है. जिस तरह से भारत सरकार पेट्रोल डीजल मुक्त वाहनों की तरफ कदम बढ़ा रही है, उसमें यह एक अच्छा साथी बन सकता है. हालांकि, सरकार इसे कब अप्रूव करेगी और कब लागू करेगी इस पर जरूर नजर बनी रहेगी.
ये भी पढ़ें: कई दिन तक पॉटी ना हो तो शरीर पर क्या असर होगा?