एक्सप्लोरर
'मेक इन इंडिया' से ग्लोबल लीडर बनने तक, जानें 25 सालों में कैसे बदली ऑटो इंडस्ट्री की तस्वीर?
Indian auto industry: भारतीय ऑटो इंडस्ट्री ने पिछले 25 साल में लंबा सफर तय किया है. अब भारत दुनिया का बड़ा ऑटो बाजार बन चुका है. आइए जानें कैसे इंडस्ट्री की तस्वीर बदली और आगे का भविष्य कैसा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
Source : freepik
इक्कीसवीं सदी के करीब 25 साल पूरे होने वाले हैं और इस दौरान भारत ने हर क्षेत्र में बड़ी तरक्की की है. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी इसमें पीछे नहीं रही. पहले जहां भारत सिर्फ अपनी जरूरत के लिए गाड़ियां बनाता था, वहीं आज ये सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है. ये उद्योग न सिर्फ लाखों लोगों को रोजगार देता है, बल्कि GDP और टैक्स कलेक्शन में भी बड़ा योगदान देता है. आज भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को पूरी दुनिया गंभीरता से देख रही है.
साल 2000 के बाद आया बड़ा बदलाव
- दरअसल, साल 2000 के आसपास 1991 के आर्थिक सुधारों का असर साफ दिखने लगा था. विदेशी कंपनियों ने भारत में निवेश शुरू किया और ऑटो सेक्टर तेजी से बदला. पहले बाजार में गिनी-चुनी कंपनियां थीं, लेकिन धीरे-धीरे Hyundai, Honda, Tata Motors और Mahindra जैसी कंपनियों ने मजबूत पकड़ बनाई. ग्राहकों को बेहतर तकनीक, ज्यादा मॉडल और किफायती गाड़ियां मिलने लगीं.
आज भारत में 30 से ज्यादा कार कंपनियां
- आज भारत में 30 से ज्यादा कार कंपनियां सक्रिय हैं. Maruti Suzuki, Hyundai, Tata Motors, Mahindra, Kia, Toyota, MG, Renault, Honda, Skoda और Volkswagen जैसे ब्रांड आम लोगों की पसंद बने हुए हैं. वहीं BMW, Mercedes-Benz, Audi और Volvo जैसे लग्जरी ब्रांड भी भारत में मौजूद हैं. कुछ ब्रांड जैसे Ford और Chevrolet जरूर बाहर गए, लेकिन कुल मिलाकर बाजार और मजबूत हुआ है.
टू-व्हीलर इंडस्ट्री ने भी दिखाई ताकत
- भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर बाजार है. साल 2000 में जहां हर साल कुछ लाख दोपहिया वाहन बनते थे, वहीं आज भारत करोड़ों टू-व्हीलर बनाता है. इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. येी वजह है कि भारत टू-व्हीलर एक्सपोर्ट में भी आगे निकल चुका है. आज भारत सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गाड़ियां बना रहा है. कई विदेशी कंपनियां भारत को मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट हब के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं. हाल के सालों में ऑटो एक्सपोर्ट में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जिससे भारत की पहचान एक मजबूत ऑटो एक्सपोर्टर के रूप में बनी है.
अर्थव्यवस्था का सहारा बना ऑटो सेक्टर
- आज ऑटोमोबाइल सेक्टर भारत की GDP में करीब 7 प्रतिशत और मैन्युफैक्चरिंग GDP में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान देता है. ये करीब 3 करोड़ लोगों को रोजगार देता है और GST कलेक्शन का बड़ा हिस्सा भी येीं से आता है. येी वजह है कि ये सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत इंजन बन चुका है. बता दें कि पिछले 25 साल में भारतीय ऑटो इंडस्ट्री ने लंबा सफर तय किया है. अब भारत न सिर्फ दुनिया का बड़ा ऑटो बाजार बन चुका है, बल्कि आने वाले समय में नंबर-1 मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में भी तेजी से बढ़ रहा है.
यह भी पढ़ें:-
दिल्ली में बदल सकता है ऑटो गेम, EV के लिए खास पॉलिसी तैयार, क्या महंगी होंगी पेट्रोल-CNG कारें?
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, ऑटो और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और पढ़ें
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
इंडिया
क्रिकेट
Advertisement
Source: IOCL






















