Ola, Uber समेत 11 कंपनियों को सरकार का नोटिस, यूजर्स को 'डार्क पैटर्न' से गुमराह करने का आरोप, जानें पूरा मामला
Govt Notice Over Dark-Pattern: सरकार ने Ola, Uber, Zepto समेत 11 कंपनियों को नोटिस भेजा है. आरोप है कि ये कंपनियां 'डार्क पैटर्न' से यूजर्स को गुमराह कर रही हैं. आइए जानें पूरा मामला क्या है.

Govt Notice Over Dark-Pattern: भारत सरकार ने Zepto, Uber, Ola, Rapido जैसी 11 बड़ी कंपनियों को नोटिस भेजा है. आरोप है कि ये कंपनियां "डार्क पैटर्न" नाम की भ्रामक तकनीक का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को उनकी मर्जी के खिलाफ फैसले लेने के लिए मजबूर कर रही हैं.
दरअसल, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने साफ चेतावनी दी है कि अगर इन कंपनियों ने इन गलत तरीकों को नहीं रोका, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या होता है ‘डार्क पैटर्न’?
‘डार्क पैटर्न’ ऐसे डिज़ाइन या इंटरफेस ट्रिक्स होते हैं जिनका मकसद यूजर्स को भ्रमित कर देना होता है, ताकि वह ऐसा निर्णय ले ले जो वह सामान्य स्थिति में नहीं लेता. उदाहरण के तौर पर, बिना जानकारी दिए किसी उत्पाद को कार्ट में जोड़ देना, “अब नहीं” जैसे विकल्प को इस तरह पेश करना जिससे यूजर को शर्मिंदगी महसूस हो, छिपे हुए चार्जेज जोड़ देना, या "बस 1 यूनिट बची है" जैसे झूठे अलर्ट दिखाकर खरीदारी के लिए दबाव बनाना शामिल हैं.
कंपनियों को करनी होगी आंतरिक जांच
सरकार ने अब तक 13 ऐसे डार्क पैटर्न्स की पहचान की है और उन पर सख्त पाबंदी लगाई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ कहा है कि सभी कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म का ऑडिट करना होगा, ताकि यह पता चल सके कि वे या उनके विक्रेता ऐसे भ्रमित करने वाले पैटर्न का उपयोग तो नहीं कर रहे. इस ऑडिट की रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी.
अगर नहीं मानी बात, तो क्या होगा?
अगर कंपनियां सरकार की बात नहीं मानतीं और डार्क पैटर्न्स का इस्तेमाल बंद नहीं करतीं, तो CCPA (Central Consumer Protection Authority) सीधे सख्त कार्रवाई करेगी, जिसमें भारी जुर्माना और कंपनी के संचालन पर रोक तक शामिल हो सकती है.
इस विषय पर बेहतर निगरानी के लिए सरकार एक संयुक्त कार्य समूह (Joint Task Force) बना रही है, जिसमें सरकारी अधिकारी, कंपनियां और उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस कार्य समूह का मकसद डार्क पैटर्न्स को पूरी तरह खत्म करना, उपभोक्ताओं की पसंद और अधिकारों की रक्षा करना, और Ethical design practices को बढ़ावा देना है.
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Source: IOCL





















