China Rare Earth: चीन की रोकटोक का असर! Maruti e-Vitara का प्रोडक्शन घटकर रह गया सिर्फ इतना
China's Rare Earth: चीन की ओर से रियर अर्थ मिनरल के एक्सपोर्ट पर लगाई गई रोक का असर अब भारत की मारुति ई-विटारा पर पड़ा है. प्रोडक्शन टारगेट 26,500 यूनिट से घटाकर 8,200 किया गया है.

China's Rare Earth Restrictions: मारुति सुजुकी की पहली इलेक्ट्रिक SUV ‘e-Vitara’ को लेकर एक्साइटमेंट जितना ज्यादा है, अब उतनी ही बड़ी चिंता इसकी प्रोडक्शन से जुड़ी खबरों ने पैदा कर दी है. दरअसल, चीन की ओर से Rare Earth Minerals के एक्सपोर्ट पर लगाई गई रोक का सीधा असर भारत में बन रही इस इलेक्ट्रिक SUV पर पड़ा है. यही वजह है कि कंपनी को अपना प्रोडक्शन टारगेट एक-तिहाई तक घटाना पड़ा है.
कितना घटा प्रोडक्शन टारगेट?
मारुति ने शुरुआत में अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच 26,512 यूनिट्स बनाने का प्लान किया था, लेकिन अब यह संख्या घटकर 8,221 यूनिट रह गई है. यानी कि करीब 69% की गिरावट. इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण- चीन का rare earth mineral export रोकना है, जिससे बैटरी और मोटर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले जरूरी मैग्नेट्स और कंपोनेंट्स की सप्लाई रुक गई है.
वैश्विक असर और भारत की स्थिति
अमेरिका, जापान और यूरोप की कुछ कंपनियों को चीन से लाइसेंस मिल गया है, जिससे उन्हें सप्लाई में आसानी हो रही है, लेकिन भारत की कंपनियां अब भी लाइसेंस की मंज़ूरी और अल्टरनेट सप्लायर्स के लिए संघर्ष कर रही हैं. इसी का असर भारत के गुजरात प्लांट में बन रही e-Vitara पर सीधा पड़ा है.
आगे का प्रोडक्शन प्लान क्या है?
अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 के बीच कंपनी प्रोडक्शन को तेजी से बढ़ाने की योजना बना रही है. इस दौरान लगभग 58,728 यूनिट्स का प्रोडक्शन लक्ष्य रखा गया है. कंपनी मार्च 2026 तक प्रतिदिन 440 यूनिट्स बनाने की तैयारी कर रही है.
Urban Cruiser EV भी इसी प्लांट से बनेगी
मारुति सुजुकी का गुजरात प्लांट अब ना सिर्फ e-Vitara बल्कि Toyota Urban Cruiser EV का निर्माण भी करेगा. इन दोनों गाड़ियों का प्रोडक्शन यहीं से होगा और यह यूनिट जापान और यूरोप के लिए एक्सपोर्ट हब के रूप में भी कार्य करेगा.
कब होगी बुकिंग और लॉन्च?
बुकिंग फिलहाल शुरू नहीं हुई है. प्रोडक्शन में बाधा के बावजूद कंपनी ने संकेत दिए हैं कि e-Vitara को प्लान के अनुसार लॉन्च किया जाएगा. शुरुआत में लिमिटेड यूनिट्स के साथ डिलीवरी की जा सकती है.
बता दें कि Rare Earth Mineral Crisis अब EV इंडस्ट्री के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है. दुनिया का लगभग 90% rare earth refining चीन में होता है, और अब वहीं से सप्लाई अटक गई है. इससे मारुति ही नहीं, ग्लोबल EV मार्केट भी संकट की ओर बढ़ रहा है.
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