Electric vs Hybrid Car: ऑल-इलेक्ट्रिक या फिर Hybrid कार, कौन है ज्यादा बेहतर? खरीदने से पहले जान लें ये जरूरी बातें!
Electric vs Hybrid Car: इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड दोनों कारों के अपने फायदे और सीमाएं हैं. फिर भी मन में सवाल खड़ा होता है कि कौन-सी कार खरीदें. आइए जानें अंतर और कौन-सी कार आपके लिए सही है.

Electric vs Hybrid Car: आजकल जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं और प्रदूषण को लेकर नियम सख्त हो चुके हैं, तो कार खरीदारों के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा होता है – इलेक्ट्रिक कार खरीदें या हाइब्रिड? दोनों के अपने फायदे और सीमाएं हैं. आइए समझते हैं कि कौन-सी कार आपके लिए बेहतर साबित हो सकती है.
पावरट्रेन और टेक्नोलॉजी में अंतर
इलेक्ट्रिक कारें पूरी तरह बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर से चलती हैं, जिनमें पेट्रोल या डीजल की जरूरत नहीं होती. इसलिए ये प्रदूषण नहीं फैलातीं और पर्यावरण के लिए बेहतर मानी जाती हैं. इसके विपरीत, हाइब्रिड कारें दो सिस्टम-एक पारंपरिक पेट्रोल/डीजल इंजन और दूसरा इलेक्ट्रिक मोटर से चलती हैं. हाइब्रिड कारों के तीन प्रकार होते हैं: माइल्ड हाइब्रिड, जो केवल इंजन को सहारा देती है; स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, जो कुछ दूरी तक पूरी तरह बैटरी से चल सकती है; और प्लग-इन हाइब्रिड (PHEV), जिसमें बैटरी को बाहरी चार्जर से चार्ज किया जा सकता है.
माइलेज और रनिंग कॉस्ट की तुलना
हाइब्रिड कारें पेट्रोल/डीजल और मोटर के मिलेज से ज्यादा माइलेज देती हैं. उदाहरण के लिए, Toyota Innova Hycross और Maruti Grand Vitara Hybrid का माइलेज 28 KMPL तक है. वहीं, इलेक्ट्रिक कारों की रनिंग कॉस्ट बिजली पर निर्भर करती है. भारत में 1 यूनिट बिजली की कीमत करीब 6-8 रुपये होती है, जिससे EV की रनिंग काफी सस्ती पड़ती है. हालांकि, इनकी रेंज सीमित होती है और लंबी यात्रा में चार्जिंग की चिंता बनी रहती है.
पर्यावरण के लिहाज से कौन बेहतर?
EVs (इलेक्ट्रिक कारें) पूरी तरह से "जीरो टेलपाइप एमिशन" देती हैं, यानी इनमें से धुआं नहीं निकलता. लेकिन इनकी बिजली का उत्पादन अधिकतर कोयले से होता है, जिससे इनडायरेक्ट प्रदूषण होता है. हाइब्रिड कारें अभी भी पेट्रोल या डीजल का इस्तेमाल करती हैं, जिससे ये EVs के मुकाबले ज्यादा प्रदूषण करती हैं. दोनों में लिथियम-आयन बैटरियों का उपयोग होता है, जिन्हें रीसायकल करना मुश्किल होता है.
चार्जिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर
इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन या होम चार्जिंग की जरूरत होती है. शहरों में तो यह सुविधा मिल जाती है, लेकिन गांवों और छोटे शहरों में यह बड़ी समस्या है. हाइब्रिड कारें आसानी से पेट्रोल पंप से रिफ्यूल हो सकती हैं. स्ट्रॉन्ग और प्लग-इन हाइब्रिड कारें रीजनरेटिव ब्रेकिंग से भी बैटरी चार्ज करती हैं. PHEV को चार्जिंग पॉइंट से भी चार्ज किया जा सकता है.
कीमत और मेंटेनेंस कॉस्ट
इलेक्ट्रिक कारों की कीमत पारंपरिक कारों से थोड़ी ज्यादा होती है. जैसे कि Tata Tiago EV और Mahindra XEV 9e जैसे मॉडल. हाइब्रिड कारें भी EVs की कीमत के आसपास ही मिलती हैं. जैसे Toyota Hyryder और Maruti Grand Vitara Hybrid, जिनकी शुरुआती कीमत करीब ₹16.81 लाख है. EVs में मेंटेनेंस कम होता है क्योंकि इनके पास कम मैकेनिकल पार्ट्स होते हैं, लेकिन बैटरी बदलवाना महंगा पड़ सकता है. हाइब्रिड कारों में दो सिस्टम (इंजन + मोटर) होते हैं, जिससे मेंटेनेंस थोड़ा ज्यादा हो सकता है.
अगर आप रोज ऑफिस जाते हैं, शहर में कम दूरी की यात्रा करते हैं और आपके पास घर पर चार्जिंग की सुविधा है, तो इलेक्ट्रिक कार आपके लिए बेस्ट है, लेकिन अगर आप अक्सर लंबी दूरी की ट्रैवलिंग करते हैं और चार्जिंग पॉइंट ढूंढने की झंझट नहीं चाहते, तो हाइब्रिड कार आपके लिए बेहतर है. आपका बजट, उपयोग और सुविधाएं कैसी हैं, इसके आधार पर आप सही विकल्प चुन सकते हैं.
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