Mangal Gochar 2025: क्या मंगल-केतु की युति से दहलेगा विश्व? सत्ता पलटने, आतंकी हमले और युद्ध के संकेत!
7 जून 2025 से सिंह राशि में हो रही मंगल-केतु की युति विश्व के लिए चेतावनी है. 1989 जैसे विद्रोह, सत्ता परिवर्तन और आतंक की वापसी संभव. जानें क्या होगा मंगल गोचर (Mangal Gochar 2025) का असर.

Mangal Gochar 2025: 7 जून 2025 को ब्रह्मांड में बड़ा फेरबदल होगा. मंगल सिंह राशि में गोचर करेगा. साथ ही मंगल-केतु की युति खून-खराबा, विद्रोह और सत्ता पलट की चेतावनी दे रही है? या ये गोचर 1989 के इतिहास के लौटने का संकेत है.
मंगल-केतु की युति क्या विद्रोह की ज्वाला को भड़काएगी?
7 जून से 28 जून तक युति और 16 से 28 जुलाई तक क्या होगा?
2025 में मंगल और केतु की युति सिंह राशि में एक बड़ी ज्योतिषीय घटना है. इस युति का पहला चरण 7 जून 2025 से शुरू होकर 28 जून 2025 तक चलेगा, जबकि 16 से 28 जुलाई के बीच दोनों ग्रह अति निकट रहेंगे, जिससे प्रभाव और अधिक तीव्र होगा.
मंगल और केतु, प्रतिशोध और क्रांति का खतरनाक मेल
ज्योतिष ग्रंथों में यह मेल शुभ नहीं माना गया है. 'कुजोवत् केतु' अर्थात केतु का स्वभाव मंगल जैसा होता है. दोनों ही उग्र, आक्रामक और प्रतिशोधी ग्रह हैं. जब ये आपस में मेल बनाते हैं तो गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं.
क्योंकि राहु-मंगल की युति तुरंत प्रतिक्रिया, असहिष्णुता और आंतरिक उथल-पुथल का संकेत देती है. मंगल का क्रोध अस्थायी होता है लेकिन केतु का क्रोध गहरे और दीर्घकालिक प्रतिशोध में बदल जाता है. इसलिए इस समय में-
- जनता और नेता दोनों के व्यवहार में असहिष्णुता बढ़ेगी
- 'कभी माफ न करने वाली मानसिकता' हावी होगी
- कूटनीतिक वार्ताओं के स्थान पर कठोर निर्णय लिए जाएंगे
क्या फिर जागेंगे तिब्बत और बलूचिस्तान जैसे राज्य?
पिछली बार 1989 में जब मंगल-केतु की युति सिंह राशि में हुई थी, तब लातविया, एस्टोनिया और लिथुआनिया ने सोवियत संघ से आजादी की घोषणा की थी. उसी दौरान-
- रूस में कम्युनिज्म के खिलाफ़ विद्रोह फूटा
- अफगानिस्तान से रूसी फौजों की वापसी हुई
- पनामा, इथियोपिया और पैराग्वे में सत्ता परिवर्तन की घटनाएं हुईं
2025 में भी वही चक्र लौट सकता है!
- तिब्बत और बलूचिस्तान में आजादी की मांग तेज़ हो सकती है
- चीन में साम्यवादी शासन पर संकट बढ़ सकता है
- पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में सैन्य हस्तक्षेप और विद्रोह संभव
आग और विस्फोटों से भरेगा जून-जुलाई?
सिंह राशि अग्नि तत्व की राशि है और मंगल-केतु की युति इस ऊर्जा को और तीव्र बनाती है. इसके प्रभाव से-
- हवाई हादसे, आगजनी, भूकंप, और ब्लास्ट्स बढ़ सकते हैं
- अत्यधिक गर्मी और टेक्नोलॉजी संबंधित दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं
- सेना और पुलिस के बड़े ऑपरेशन भी संभव हैं
क्या वायरस या आतंक लौटेगा?
- केतु-मंगल की युति एक और संकेत देती है. ये सामाजिक अलगाव का भी कारण बनता है.
- यह किसी वायरल संक्रमण, आतंकवाद के भय, या राजनीतिक प्रतिबंध के कारण हो सकता है
- लोग मिलना-जुलना टालेंगे, और गहन असहजता का अनुभव करेंगे
राजा, सत्ता और सिंहासन! कौन होगा अगला निशाना?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सिंह राशि को शासक माना गया है. यह सूर्य की राशि है. सूर्य को सभी ग्रहों का राजा बताया गया है, जो नेतृत्व, सत्ता और राजधर्म से जुड़ा है. 'राज्येषु सिंहः, बलिनां च बलं हरिः.' यानि मंगल-केतु की युति सत्ता के लिए विस्फोटक है, इसलिए ये परिणाम देखने को मिल सकते हैं-
- नेताओं के गलत निर्णय बड़े संकट ला सकते हैं
- कई जगहों पर जन विद्रोह, तानाशाही पर सवाल, और सेना द्वारा सत्ता ग्रहण संभव है
- विशेषकर दक्षिण एशिया, अफ्रीका और मध्य एशिया के देश इस चपेट में आएंगे
उपाय: हनुमान जी बचाएंगे संकट से
इस दौरान हनुमान जी की उपासना अत्यंत कल्याणकारी मानी गई है. इसलिए ये कर सकते हैं-
- हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें
- 'मंगलं भगवान् विष्णुः, मंगलं गरुड़ध्वजः...' मंत्र का जाप करें
- गुस्से और प्रतिशोध की भावना से बचें, अन्यथा यह काल जीवन को पूरी तरह उलझा सकता है
चेतावनी और परिवर्तन दोनों का समय
2025 की यह मंगल-केतु युति राजनीति, भूगोल और सामाजिक संरचना को झकझोर सकती है. यह न केवल शासकों के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि आमजन के लिए भी आत्मनिरीक्षण और संयम का समय है.
FAQ
Q1: मंगल-केतु की युति कब हो रही है?
Ans: 7 जून से 28 जून 2025 तक, और फिर 16-28 जुलाई को निकटतम युति बनेगी.
Q2: इससे किसे अधिक प्रभाव होगा?
Ans: सिंह, वृश्चिक, कुंभ और वृषभ राशि पर विशेष प्रभाव होगा. साथ ही वैश्विक राजनीतिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
Q3: इसका कोई ऐतिहासिक उदाहरण है?
Ans: हां, 1989 में मंगल-केतु की युति के दौरान कई देश स्वतंत्र हुए और रूस में कम्युनिज्म का पतन शुरू हुआ.
Source: IOCL

















