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1987 का Black Monday: जब Stock Market ढह गया, शनि या राहु किसका था हाथ?

शेयर बाजार में आज भी गिरावट दर्ज की गई, लेकिन क्या आपको स्टॉक मार्केट का ब्लैक मंडे मालूम है? जब दुनिया भर के स्टॉक मार्केट में भूचाल आ गया था, इसका ज्योतिषीय कनेक्शन समझते हैं.

19 अक्टूबर 1987 को दुनिया भर के स्टॉक मार्केट (Stock Market) एक ही दिन में चरमरा गए. इस दिन को इतिहास में ‘ब्लैक मंडे’ (Black Monday) के नाम से जाना जाता है. जहां एक ओर इसके पीछे तकनीकी और आर्थिक कारण माने गए, वहीं दूसरी ओर ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी इस दिन की घटनाएं काफी रोचक और दुर्लभ थीं. आज के संदर्भ में भी विशेषज्ञ इस तरह की पुनरावृत्ति की चेतावनी दे रहे हैं. आइए इस ऐतिहासिक घटना को गहराई से समझते हैं और ज्योतिषीय आधार पर तुलना करते हैं.

इतिहास में क्या हुआ था?
1987 की शुरुआत से ही शेयर बाजार तेजी से बढ़ रहा था. परंतु 19 अक्टूबर को, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (DJIA) एक ही दिन में 22.6% गिर गया, जो अब तक की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है. वैश्विक स्तर पर लगभग $1.7 ट्रिलियन का नुकसान हुआ. जिसके मुख्य आर्थिक कारण थे-

  1. प्रोग्राम ट्रेडिंग: कंप्यूटर आधारित ट्रेडिंग सिस्टम्स ने बाजार के गिरने पर भारी बिक्री को ट्रिगर कर दिया.
  2. पोर्टफोलियो इंश्योरेंस: यह रणनीति गिरते शेयरों की सुरक्षा में और अधिक बिक्री को प्रेरित करती है.
  3. ब्याज दरें और डॉलर की कमजोरी: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और डॉलर में गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ाई.
  4. ओवरवैल्यूड मार्केट: बाजार की कीमतें उनके मौलिक मूल्यों से काफी ऊपर थीं.

इस घटना को ग्रहों की स्थिति से समझने के लिए उस दिन के पंचांग और ग्रहों की स्थिति को समझें तो पाते हैं कि उस दिन यानि 19 अक्टूबर 1987 को कई नकारात्मक संयोग बन रहे थे.


1987 का Black Monday: जब Stock Market ढह गया, शनि या राहु किसका था हाथ?

मेदिनी ज्योतिषीय से यदि उस दिन की स्थिति को समझें तो पाएंगे कि 19 अक्टूबर 1987 को चंद्रमा सिंह राशि में गोचर कर रहा था और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में था. पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र भोग-विलास, प्रदर्शन और वित्तीय मामलों से जुड़ा है. जब इसमें चंद्रमा होता है, तो बाजार भावनाएं अत्यधिक संवेदनशील हो जाती हैं. क्योंकि चंद्रमा का सीधा संबंध मन से बताया गया है.

उस दिन तुला राशि में तीन ग्रह सूर्य, बुध, शुक्र की युति बनी थी. तुला राशि व्यापार, सौंदर्य, न्याय और संतुलन की राशि है. इन तीनों ग्रहों का एक साथ आना असंतुलन और व्यावसायिक भ्रम का संकेत है, विशेषकर जब शुक्र अस्त या कमजोर हो.

19 अक्टूबर 1987 को मंगल और केतु का संयोग (कन्या राशि में) यह संयोजन अचानक घातक निर्णय, टूट-फूट, अस्थिरता और तकनीकी असफलता का द्योतक होता है. मेदिनी सूत्र में लिखा है- 'केतु-मंगल समागमे व्यापारे क्षयः प्रकटो भवेत्'

शनि वृश्चिक में और गुरु मेष में थे, शनि वृश्चिक में वित्तीय दमन और गुप्त चालें दर्शाता है. वहीं गुरु का मेष में होना उसे और उग्र बनाता है, जो निवेशकों को अति आत्मविश्वास या भ्रम की ओर ले जा सकता है. उस दिन भी ऐसा ही हुआ था.

शनि की जब भी चाल में परिवर्तन होता है तब-तब बाजार (Market) में बड़ी बलचल देखने को मिलती है, इसका एक कारण ये भी है शनि का सीधा संबंध राजनीति और आम जनता से भी है, इसलिए जब भी शनि की चाल बदलती है तो राजनीति और जनता के मिजाज से राष्ट्रों के भीतर कोई न कोई बड़ी घटना सामने आती है.

कभी-कभी भी ये देश के भीतर जनता में अंसतोष और सीमा पर तनाव का कारण भी बनता है. इसमें पाप ग्रह और अन्य क्रूर ग्रह आग में घी की तरह काम करते हैं.

राहु मीन में, राहु का मीन राशि में गोचर वास्तविकता से भ्रमित करने वाले संकेत देता है, निवेशक गलत निर्णयों की ओर आकर्षित हो सकते हैं. 19 अक्टूबर 1987 के दिन राहु जल तत्व की राशि में गोचर कर रहा था.

क्या 2025 में दोहराया जा सकता है ब्लैक मंडे?
हाल ही में बाजार के एक जानकार ने चेतावनी दी है कि वर्तमान संकेत 1987 के जैसे हैं. उन्होंने बाजार में संभावित 'Bloodbath' की आशंका जताई है. वर्तमान जोखिम के तौर पर देखें तो ब्याज दरें उच्चतम स्तर पर पहुंच रहीं हैं, जिससे बॉन्ड यील्ड बढ़ रहे हैं और शेयर बाजार पर दबाव है. वहीं $33 ट्रिलियन से अधिक का अमेरिकी कर्ज, यह बाजार की स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है.

राजनीतिक गतिरोध और सरकारी शटडाउन की आशंका, निवेशकों का भरोसा डगमगाता है. इस तरह के हालात लगातार बने हुए, रूस-युक्रेन के बाद ताजा उदाहरण भारत-पाक तनाव का है. इस तरह के सेंटीमेंट्स बाजार को प्रभावित करते हैं, यह ओवरहाइप और संभावित गिरावट का संकेत देता है. हालांकि अब बाजारों में 'सर्किट ब्रेकर्स' जैसी सुरक्षा प्रणालियां हैं, फिर भी विशेषज्ञ सतर्कता की सलाह दे रहे हैं.

आर्थिक विशेषज्ञों की चेतावनियां

  • हैरी डेंट (अमेरिकी अर्थशास्त्री): हैरी डेंट ने 2025 में स्टॉक मार्केट क्रैश की बात कही थी, जो 2008 की वैश्विक वित्तीय संकट से भी अधिक गंभीर हो सकता है.
  • जिम स्टैक (InvesTech Research): जिम स्टैक, जिन्होंने 1987 के 'ब्लैक मंडे' और 2008 के संकट की भविष्यवाणी की थी, वर्तमान में 2025 के बाजार की स्थिति को लेकर चिंतित हैं.
  • जिम क्रेमर: जिम क्रेमर ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने टैरिफ योजनाओं में बदलाव नहीं करते हैं, तो 1987 के 'ब्लैक मंडे' जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. 

ज्योतिषीय संकेत क्या कहते हैं
मीन राशि में ग्रहों की बड़ी हलचल है. एक बार फिर राहु मीन राशि में गोचर कर रहा है, यहां पर शनि, बुध और शुक्र की युति बनी हुई है, ये सभी मार्केट को प्रभावित करने में सबसे आगे रहते हैं. वहीं गुरु (बृहस्पति) अतिचारी है, जो 2025 में आर्थिक अस्थिरता का संकेत देते हैं, जैसा कि 1929 की महामंदी और 2008 के वित्तीय संकट के समय देखा गया था.

मंगल और शनि का संबंध बन रहा है, 30 जून से 22 जुलाई 2025 के बीच मंगल और शनि आर्थिक संकट का संकेत का कारक बन सकता है. 2025 में आर्थिक और ज्योतिषीय संकेत एक संभावित वैश्विक वित्तीय संकट की ओर इशारा कर रहे हैं.

About the author Hirdesh Kumar Singh

हृदेश कुमार सिंह- वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य। मीडिया रणनीतिकार। डिजिटल कंटेंट विशेषज्ञ

हृदेश कुमार सिंह 25 वर्षों से वैदिक ज्योतिष, धर्म, अध्यात्म और डिजिटल पत्रकारिता पर कार्य कर रहे एक बहुआयामी विशेषज्ञ हैं. वर्तमान में वे ABPLive.com में Astro और Religion सेक्शन का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां वे ग्रहों की चाल को आधुनिक जीवन की दिशा में बदलने वाले संकेतों के रूप में प्रस्तुत करते हैं. हृदेश कुमार सिंह एक सम्मानित और अनुभव ज्योतिषी हैं.

इन्होंने Indian Institute of Mass Communication (IIMC, New Delhi) से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है और Astrosage व Astrotalk जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म्स के साथ भी ज्योतिष सलाहकार के रूप में कार्य किया है. वे मीडिया रणनीति, कंटेंट लीडरशिप और धार्मिक ब्रांडिंग के विशेषज्ञ हैं.

प्रसिद्ध भविष्यवाणियां जो समय के साथ सच साबित हुईं- IPL 2025 के विजेता की पूर्व घोषणा. हनी सिंह की वापसी और संगीत सफलता. भारत में AI नीति बदलाव की अग्रिम भविष्यवाणी. डोनाल्ड ट्रंप की पुनः राष्ट्रपति पद पर वापसी और उसके बाद के निर्णय. पुष्पा 2: द रूल की बॉक्स ऑफिस सफलता और अल्लू अर्जुन के करियर ग्राफ.

शेयर बाजार क्रैश 2025 और दिल्ली की मुख्यमंत्री को लेकर भविष्यवाणी. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई का सटीक पूर्वानुमान. क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी के डेब्यू और लोकप्रियता का संकेत. ये सभी भविष्यवाणियां शुद्ध वैदिक गणना, गोचर, दशा-अंतरदशा और मेदिनी ज्योतिषीय विश्लेषण पर आधारित थीं, जिन्हें समय ने सत्य सिद्ध किया.

विशेषज्ञता के क्षेत्र: वैदिक ज्योतिष, संहिता, होरा शास्त्र, अंक ज्योतिष और वास्तु. करियर, विवाह, शिक्षा, लव लाइफ, बिज़नेस, हेल्थ के लिए ग्रहों और मनोविज्ञान का समन्वित विश्लेषण. कॉर्पोरेट नीति, ब्रांड रणनीति और मीडिया कंटेंट प्लानिंग में ज्योतिषीय हस्तक्षेप. डिजिटल धर्म पत्रकारिता और गूगल रैंकिंग के अनुकूल धार्मिक कंटेंट का निर्माण करने में ये निपुण हैं.

उद्देश्य: 'ज्योतिष को भय या भाग्य का उपकरण नहीं, बल्कि जीवन के लिए बौद्धिक और आध्यात्मिक सहारा बनाना' हृदेश कुमार सिंह का मानना है कि ज्योतिष केवल प्रश्नों का उत्तर नहीं देता, वह सही समय पर साहसिक निर्णय लेने की दिशा दिखाता है.

अन्य रुचियां: फिल्मों की संरचनात्मक समझ, संगीत की मनोवैज्ञानिक गहराई, साहित्यिक दर्शन, राजनीति की परख. बाजार की समझ और यात्राओं से अर्जित मानवीय अनुभव ये सभी उनके लेखन में एक बहुस्तरीय अंतर्दृष्टि जोड़ते हैं. उनकी रुचियां केवल विषयगत नहीं, बल्कि उनके हर लेख, भविष्यवाणी और रणनीति को संवेदनशीलता और संस्कृति से जोड़ने वाली ऊर्जा हैं.

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