Stock Market Astrology: ग्रहों की चाल से प्रभावित होता है शेयर बाजार, मिलते हैं बढ़त और गिरावट के संकेत!
Stock Market Astrology: ज्योतिषी की माने तो (Financial astrology) ग्रहों की चाल, दशा और गोचर का सीधा असर शेयर बाजार (Share Bazar) के उतार-चढ़ाव पर पड़ता है. जानें इन ग्रहों के बारे में-

Stock Market Astrology: स्टॉक मार्केट या शेयर बाजार आज के समय में ऐसा विषय है, जिसमें बहुत से लोगों की रुचि रहती है. लेकिन फिर भी शेयर बाजार में निवेश से पहले उचित ज्ञान और इसकी समझ होना बेहद जरूरी है. कई बार तो जानकार भी शेयर बाजार में निवेश से पहले ज्योतिषियों की सलाह लेते हैं. आइए जानते हैं आखिर ज्योतिष और स्टॉक मार्केट का क्या कनेक्शन है.
आमतौर पर शेयर बाजार में होने वाली तेजी और मंदी को आर्थिक संकेतों, नीतिगत फैसलों या फिर अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों से जोड़ा जाता है. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल का गहरा प्रभाव शेयर बाजार पर पड़ता है. कुछ ऐसे ग्रह होते हैं, जिनकी शुभ स्थिति में शेयर बाजार में तेजी का दौर आता है, जबकि ग्रहों की अशुभता, वक्री या मार्गी होने से बाजार में गिरावट देखी जाती है.
ग्रहों का स्टॉक मार्केट से कनेक्शन (Planet and Stock Market)
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, स्टॉक मार्केट के लिए बृहस्पति को लाभ और वृद्धि का कारक माना जाता है. बुध (Mercury) को सामान्यतः विस्तार, धन और बुद्धिमानी से जुड़े निवेश का कारक माना जाता है. वहीं सूर्य ग्रह राज्यकोष, सरकारी नीतियों और म्युचुअल फंड के कारक माने जाते हैं. इन ग्रहों की शुभता व अनुकूल स्थिति शेयर बाजार में सकारात्मकता ला सकती है.
राहु (Rahu) और केतु (Ketu) को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है. ये शेयर बाजार के लिए भी उतार-चढ़ाव या जोखिम के कारक माने जाते हैं, जो अचानक परिवर्तन, अस्थिरता और भ्रम जैसी स्थिति पैदा करते हैं. शेयर बाजार में तेजी से उतार-चढ़ाव और सट्टा बाजार (Speculation) का संबंध राहु से जोड़ा जाता है.
शनि की चाल से भी शेयर बाजार की दिशा तय होती है. वक्री शनि गिरावट लाता, जबकि शुभ स्थिति में बाजार को मजबूती और स्थिरता देता है. वहीं चन्द्रमा (Moon) से शेयर बाजार पर दिन-प्रतिदिन का प्रभाव पड़ता है. इसे बाजार की दैनिक भावनाओं और अल्पकालिक गतिविधियों (Daily Fluctuation) पर असर डालने वाला माना जाता है.
ग्रह स्थिति और शेयर बाजार पर प्रभाव
- जब कोई ग्रह अपनी चाल बदलता है यानी वक्री या मार्गी होता है या फिर उदय या अस्त होता है, तो उसका असर बाजार की दिशा पर पड़ता है.
- इसके साथ ही सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तन का कारक माना जाता है.
- विभिन्न ग्रहों का एक साथ आना (युति) जैसे सूर्य-राहु या चंद्र-राहु का योग सामान्यत: शेयर बाजार में बड़े नकारात्मक परिवर्तन ला सकता है.
| बाजार के विभिन्न क्षेत्रों पर ग्रहों का प्रभाव (Planetary influences on various market sectors) |
| सूर्य (Sun) | म्युचुअल फंड, लकड़ी, औषधि और राजकोष आदि. |
| चंद्रमा (Moon) | कांच, दूध, जलीय वस्तु और रूई. |
| मंगल (Mars) | खनिज, भवन, चाय और कॉफी से संबंधित. |
| बुध (Mercury) | शैक्षणिक संस्थान, पारा आयात-निर्यात, सहकारी और बैंकिंग. |
| गुरु (बृहस्पति) (Jupiter) | पीले रंग के अनाज, सोना, पीतल, आर्थिक क्षेत्र. |
| शुक्र (Venus) | चीनी, रसायन, सौंदर्य उत्पादों, फिल्मी उद्योग और चावल से. |
| शनि (Saturn) | कल-कारखाने, लोहा, चमड़ा, पेट्रोलियम और काली चीजों से. |
| राहु-केतु (Rahu-Ketu) | इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और विदेशी वस्तुओं. |
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